बदलती दुनिया में ग्लोबल वर्कफोर्स और नए व्यापार समझौते ज़रूरी (फोटो सोर्स- सोशल मीडिया)
डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। विदेश मंत्री एस जयशंकर ने कहा है कि बदलत हालात के बीच दुनिया को आने वाले समय में ग्लोबल वर्कफोर्स की जरूरत होगी और नए व्यापारिक समझौते सामने आएंगे। उन्होंने कहा कि अनिश्चितताओं के बावजूद व्यापार अपनी राह बना ही लेगा। विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें
वे शनिवार को संयुक्त राष्ट्र महासभा (UNGA) के 80वें सत्र के मौके पर आयोजित ऑब्जर्वर रिसर्च फाउंडेशन (ORF) के एक पैनल में बोल रहे थे। जयशंकर ने कहा, “दुनिया को वैश्विक वर्कफोर्स चाहिए होगा और व्यापार अनिश्चितताओं के बावजूद जारी रहेगा। हम नए व्यापार समझौते, तकनीक, कनेक्टिविटी और कार्यस्थल मॉडल देखेंगे जिससे आने वाले समय में वैश्विक परिदृश्य काफी बदल जाएगा।“
भारत का लक्ष्य
जयशंकर ने कहा कि भारत पहले से ही लैटिन अमेरिका और कैरेबियाई देशों के साथ जुड़ रहा है और अब इन क्षेत्रों में व्यापार और साझेदारी और आगे बढ़ाने लक्ष्य है। उन्होंने यह भी जोड़ा कि मौजूदा उथल-पुथल वाले वैश्विक माहौल में खासकर बड़े देशों के लिए आत्मनिर्भर बनने की क्षमता विकसित करना बेहद जरूरी है।faridabad-local,Faridabad news,illegal borewells Faridabad,water mafia Faridabad,Faridabad water crisis,groundwater level Faridabad,water supply Delhi,illegal water business,Badkhal assembly area,Surajkund area,municipal corporation Faridabad,Haryana news
जयशंकर का यह बयान उस समय आया है जब अमेरिका ने हाल ही में नए H-1B वीजा शुल्क को 1 लाख डॉलर करने का प्रस्ताव दिया है और भारत पर 25% अतिरिक्त टैरिफ लगाया है। इससे रूस से कच्चा तेल खरीदने के कारण भारत पर अब कुल 50% आयात शुल्क लग गया है, जो दुनिया में सबसे ऊंचे स्तरों में से एक है।
कितने भारतीयों को पास है H-1B वीजा
आंकड़ों के अनुसार, H-1B वीजा धारकों में 71% भारतीय हैं यानी करीब 2.8 लाख होगा। इसके बाद दूसरे नंबर पर चीनी नागरिक हैं जिनकी हिस्सेदारी लगभग 11.7% है।
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