लोनिवि की सड़कों की मरम्मत में धांधली। (प्रतीकात्मक फोटो)
जागरण संवाददाता,रामपुर । लोकनिर्माण विभाग की सड़कों के निर्माण में धांधली बरती जा रही है। ऐसा ही एक मामला पकड़ में आने के बाद ठेकेदार ने उस पर पर्दा डालने के लिए दूसरे स्थान का फोटो भेज दिया। जांच में पोल खुलने के बाद ठेकेदार ने पुनः कार्य करने का प्रत्यावेदन दिया है। विभाग ने उसे तीन दिन में सम्बंधित कार्य पूर्ण कराने की चेतावनी दी है। विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें
हर साल सड़कों के निर्माण व गढ्ढे भरने के लिए शासन से करोड़ों का बजट दिया जाता है। सड़कों के निर्माण के दौरान कार्यदायी संस्था व ठेकेदार से यह भी अनुबंध रहता है कि वह निर्धारित अवधि तक किए गए निर्माण कार्य में कोई कमी आने पर उसका मेंटिनेंस भी देखेंगे। दो साल पहले रामपुर-केमरी रोड का निर्माण हुआ था।
भरे जाएंगे गड्ढे
अब इस रोड पर ठेकेदार हनीफ के द्वारा कराए कार्य में सड़कों के गड्ढे भरे जाने हैं। अधिशासी अभियंता गौरव सिंह ने बताया ठेकेदार हनीफ ने गड्ढे भराई का कार्य नहीं किया। इस बारे में जब उसे टोका गया तो ठेकेदार ने दूसरे स्थान को फोटो भेज दिया। किसी तरह संदेह होने पर जांच कराई तो फोटो दूसरे स्थान का होने की बात सही पाई गई है।
विभाग उसके खिलाफ कार्रवाई की तैयारी कर रहा है। ठेकेदार ने प्रत्यावेदन देकर कार्य कराने की बात कही है। इस पर ठेकेदार हनीफ को तीन दिन का समय रामपुर केमरी रोड की सड़क के गड्ढे भरने का समय दिया गया है। साथ ही चेतावनी दी गई है कि इस अवधि में कार्य नही होने पर उसके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।fatehabad-state,Fatehabad news,CM Flying raid,Ratia news,expired goods complaint,food safety inspection,Haryana news,kirana store raid,food sample testing,license violation,consumer health risk, Haryana news,Haryana news
एक कार्यदायी संस्था को काली सूची में डालने की तैयारी
शाहबाद रोड की मतवाली मिलक की सड़क के मामले में भी कार्यदायी संस्था को काली सूची में डालने की तैयारी चल रही है। यहां की सड़क के पुर्ननिर्माण का मामला ठेकेदार फर्म एसके कंस्ट्रक्शन कंपनी से जुडा है।
प्रकरण में इस कार्यदायी संस्था द्वारा पैचवर्क का कार्य नहीं कराने पर उसकी जमानत राशि जब्त कर उसे काली सूची में डालने की सिफारिश की गई है। अधिशासी अभियंता गौरव सिंह ने बताया कि पैच वर्क के कार्य के लिए संबंधित फर्म को लगातार नोटिस भेजे गए।
एक नोटिस का भी जवाब नहीं आया। इसे ठेकेदार व फर्म की मनमानी व लापरवाही मानते हुए आगे की कार्रवाई करने की तैयारी की जा रही है।
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