पेपर लीक मामला: न्यायमूर्ति यूसी ध्यानी जांच आयोग के अध्यक्ष नियुक्त। प्रतीकात्मक
राज्य ब्यूरो, जागरण, देहरादून। सरकार ने स्नातक स्तरीय समूह-ग भर्ती परीक्षा के दौरान एक केंद्र से प्रश्नपत्र के कुछ अंश बाहर आने के प्रकरण की जांच के लिए नैनीताल उच्च न्यायालय के सेवानिवृत्त न्यायमूर्ति यूसी ध्यानी की अध्यक्षता में एकल सदस्यीय जांच आयोग के गठन की घोषणा की है। इस प्रकरण में पूर्व में न्यायमूर्ति बीएस वर्मा को जिम्मेदारी सौंपी गई थी, लेकिन उन्होंने समयाभाव और निजी कारणों से असमर्थता जताई थी। विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें
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प्रदेश में 21 सितंबर को उत्तराखंड अधीनस्थ सेवा चयन आयोग द्वारा कराई गई स्नातक स्तरीय समूह-ग की परीक्षा के दौरान हरिद्वार जिले के एक परीक्षा केंद्र से परीक्षार्थी ने प्रश्नपत्र के कुछ अंशों के फोटो खींचकर बाहर भेज दिए थे। तब से यह प्रकरण सुर्खियों में है।
यद्यपि, प्रकरण के प्रकाश में आने पर पुलिस ने मुख्य आरोपित खालिद व उसकी बहन साबिया को गिरफ्तार कर लिया। पूरे प्रकरण की जांच के लिए एसआइटी गठित हो चुकी है, जो इसकी जांच कर रही है। आरोपों की गंभीरता को देखते हुए सरकार ने अब जांच आयोग अधिनियम के तहत सेवानिवृत्त न्यामूर्ति यूसी ध्यानी की अध्यक्षता में एकल सदस्यीय आयोग का गठन किया है।
इस संबंध में जारी आदेश में यह स्पष्ट किया गया है कि आयोग को अन्य अधिकारियों व विशेषज्ञों का सहयोग लेने की स्वतंत्रता होगी। आयोग का कार्यक्षेत्र संपूर्ण राज्य का रहेगा और वह विभिन्न स्रोतों से प्राप्त शिकायतों, सूचनाओं और तथ्यों का परीक्षण करेगा। इसके साथ ही आयोग इस प्रकरण की जांच के लिए गठित विशेष जांच दल (एसआइटी) की आख्या का संज्ञान लेकर आवश्यकता के अनुसार उसे विधिसम्मत मार्गदर्शन भी प्रदान करेगा। सरकार ने अपेक्षा की है कि आयोग शीघ्रातिशीघ्र अपनी रिपोर्ट राज्य सरकार को सौंपेगा।
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