मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी से लेकर शासन-प्रशासन के आला अधिकारी एफआरआई परिसर में डटे। आर्काइव
जागरण संवाददाता, देहरादून। राज्य स्थापना दिवस के रजत जयंती समारोह में रविवार को देहरादून आ रहे प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की सुरक्षा को लेकर फारेस्ट रिसर्च इंस्टीट्यूट (एफआरआई ) को अभेद्य किले में तब्दील किया जा रहा है। एफआरआई में तैयारियों को अंतिम रूप दिया जा रहा है और मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी से लेकर शासन-प्रशासन के आला अधिकारी वहां लगातार निरीक्षण कर रहे। इस कारण ऐतिहासिक इमारत और हरे-भरे परिसर में इन दिनों गतिविधियों का खासा रौनक भरा माहौल है। सुरक्षा बलों, प्रशासनिक अधिकारियों और भाजपा कार्यकर्ताओं की टीमें लगातार काम में जुटी हैं। प्रशासनिक अनुमान के अनुसार एफआरआई के परिसर में आयोजित राज्य स्तरीय मुख्य समारोह में 70 से 80 हजार लोगों के आने का अनुमान है। विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें
एफआरआई परिसर के विशाल लान में प्रधानमंत्री के मुख्य कार्यक्रम की तैयारियां अंतिम चरण में हैं। विशाल पांडाल, मंच और बैठने की व्यवस्थाओं को लगभग अंतिम रूप दिया जा चुका है। मंच इस तरह से तैयार किया गया है कि इसकी पृष्ठभूमि में उत्तराखंड की भव्यता का नजारा दिखाई दे। फूलों की सजावट से भवन और लान दोनों उत्सव स्थल में तब्दील नजर आ रहे हैं।
शुक्रवार को मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने दोपहर करीब तीन बजे और फिर देर शाम सात बजे एफआरआई परिसर पहुंचकर तैयारियों का निरीक्षण किया। मुख्यमंत्री ने कहा कि यह हर्ष का विषय है कि हम राज्य स्थापना दिवस के रजत वर्ष में प्रवेश करने जा रहे हैं। राज्य को पूर्व प्रधानमंत्री आदरणीय अटल जी ने बनाया और अब प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी इसको संवार रहे हैं। मुख्यमंत्री ने कहा कि हमारे लिए सौभाग्य की बात है कि प्रधानमंत्री राज्य के रजत उत्सव में दून आ रहे हैं व राज्य को हमेशा उनका सानिध्य मिलता रहा है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य ने इन 25 वर्षों में अनेक उपलब्धियां हासिल की हैं और 2047 के विकसित भारत निर्माण की दिशा में हमारा राज्य अग्रणी भूमिका निभाने को तत्पर है। उन्होंने जिला प्रशासन देहरादून, नगर निगम, लोक निर्माण विभाग और संबंधित अधिकारियों को रजत उत्सव की तैयारियों को समय से पूरा करने के निर्देश दिए। इस अवसर पर कैबिनेट मंत्री गणेश जोशी, विधायक मुन्ना सिंह चौहान, खजानदास, सहदेव पुंडीर सहित संबंधित विभागों के अधिकारी उपस्थित रहे।
परिसर में रहेगी सुरक्षा व्यवस्था
प्रधानमंत्री की सुरक्षा को लेकर एसपीजी, इंटेलिजेंस ब्यूरो और उत्तराखंड पुलिस बहु-स्तरीय सुरक्षा घेरा बना रही हैं। परिसर के चारों ओर सीसीटीवी कैमरे लगाए गए हैं और प्रवेश द्वारों पर मेटल डिटेक्टर की व्यवस्था की गई है। एसपीजी के अधिकारियों ने मंच से लेकर बैकस्टेज तक की सुरक्षा का माक ड्रिल भी किया। वहीं, बम निरोधक दस्ते और डाग स्क्वाड लगातार परिसर की जांच कर रहे हैं।
सफाई और सजावट पर विशेष ध्यान
एफआरआई परिसर में सफाई, रंगाई–पुताई और लैंडस्केपिंग का काम तेज़ी से चल रहा है। मुख्य प्रवेश द्वार पर रंग-बिरंगे फूलों के गमले और भगवा झंडों से सजे स्वागत द्वार बनाए गए हैं। रात में एफआरआई का दृश्य किसी भव्य महल की तरह चमक रहा है।
बैठने की व्यवस्था और जनसुविधाएं
कार्यक्रम स्थल पर 70 से 80 हजारों अतिथियों व लोगों के आने का अनुमान है। ऐसे में करीब 20 हजार लोगों के बैठने के लिए कुर्सियां लगाई जा रही हैं। वीआइपी मेहमानों व मीडिया प्रतिनिधियों के लिए अलग ब्लाक बनाए गए हैं। पीने के पानी, चिकित्सा सहायता और अस्थायी शौचालयों की व्यवस्था भी परिसर में की गई है। प्रशासन ने प्रत्येक सेक्टर में जिम्मेदार अधिकारी नियुक्त किए हुए हैं।
स्थानीय जन में भारी उत्साह
प्रधानमंत्री के आगमन को लेकर एफआरआई के आसपास रहने वाले लोगों में खासा उत्साह है। कई नागरिकों ने अपने घरों के बाहर मोदी व राज्य सरकार के बैनर-पोस्टर लगाए हुए हैं। स्थानीय दुकानदारों ने \“\“\“\“मोदी जी का स्वागत है\“\“\“\“ लिखे बैनर लगाए हैं। व्यापारी अंकुश कुमार ने कहा कि एफआरआई हमेशा से देहरादून की पहचान रहा है, और प्रधानमंत्री का रजत जयंती अवसर पर यहां आना गौरव की बात है।
पानी के 20 टैंकर व 40 मोबाइल टायलेट
एफआरआई में मुख्य कार्यक्रम को लेकर जल संस्थान ने पेयजल व्यवस्था पुख्ता करने का कार्य शुरू कर दिया है। दक्षिण जल संस्थान शाखा के अधिशासी अभियंता आशीष भट्ट को नोडल अधिकारी बनाया गया है। उन्होंने बताया कि एफआरआई परिसर में पानी की पर्याप्त व्यवस्था के लिए कई इंतजाम किए गए हैं। 20 पानी के टैंकर हर समय वहां मौजूद रहेंगे। पांच स्टैंड पोस्ट बनाए गए हैं। पानी के लिए 700 डिस्पेंसर लगाए जाएंगे। परिसर में मौजूद 40 मोबाइल टायलेट की साफ-सफाई के लिए 10 सक्शन मशीन लगाई गई हैं। इसके अलावा आइएमए हेलीपैड में टैंकर से पानी का छिड़काव कराया जा रहा है। टैंकरों को त्वरित रूप से भरने के लिए एफआरआई परिसर में दो फिलिंग स्टेशन की व्यवस्था की गई है।
दून व हरिद्वार के लिए 3000 बसें व वाहन
मुख्य कार्यक्रम में देहरादून एवं हरिद्वार से 3000 बसें व अन्य वाहन कार्यक्रम में हिस्सा लेने वाले लोगों के लिए लाने ले जाने के लिए लगाए जा रहे हैं। इनमें बस, टैक्सी, मैक्सी, वैन, टाटा मैजिक शामिल हैं। वाहन पार्किंग के लिए टी स्टेट, एफआरआई , बसंत विहार स्थित जोशी फार्म में पार्किंग की सुविधा उपलब्ध कराई जाएगी। सभी रूटों पर परिवहन विभाग की मोबाइल टीम तैनात रहेगी।
एफआरआई का गौरवशाली इतिहास
एफआरआई की स्थापना वर्ष-1906 में ब्रिटिश शासनकाल में ‘इंपीरियल फारेस्ट रिसर्च इंस्टीट्यूट’ के रूप में हुई थी। इसका वर्तमान भवन वर्ष 1929 में पूरा हुआ। इसकी भव्य इमारत ग्रीक-रोमन स्थापत्य शैली में बनी हुई है और लगभग 450 हेक्टेयर क्षेत्र में फैली है। यह भारत में वन अनुसंधान व पर्यावरण शिक्षा का सर्वोच्च संस्थान है। यहां कई प्रसिद्ध फिल्मों की शूटिंग भी हुई है, जिनमें स्टूडेंट आफ द ईयर, रीना की डायरी, पान सिंह तोमर जैसी फिल्में शामिल हैं। इसकी कालोनियल आर्किटेक्चर और हरे-भरे परिसर के कारण इसे भारत की सबसे सुंदर शैक्षणिक इमारतों में गिना जाता है।
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