deltin51
Start Free Roulette 200Rs पहली जमा राशि आपको 477 रुपये देगी मुफ़्त बोनस प्राप्त करें,क्लिकtelegram:@deltin55com

हार्ट अटैक के बाद कैसे बिताएं पहले 90 दिन? डॉक्टर बता रहे हैं पूरी रिकवरी का रोडमैप

Chikheang 2025-9-28 01:27:36 views 689

  World Heart Day 2025: हार्ट अटैक के बाद चाहते हैं स्पीडी रिकवरी, तो काम आएंगे डॉक्टर के टिप्स (Image: Freepik)





लाइफस्टाइल डेस्क, नई दिल्ली। World Heart Day हर साल 29 सितंबर को मनाया जाता है। इसका दिन का मकसद हार्ट हेल्थ को लेकर जागरूकता बढ़ाना है। बता दें, हार्ट अटैक एक ऐसी मेडिकल इमरजेंसी है, जिसके बाद की रिकवरी भी बेहद जरूरी होती है। दरअसल, अक्सर लोग सोचते हैं कि अस्पताल से छुट्टी मिल गई, तो सब ठीक हो गया, लेकिन असली सफर तो उसके बाद शुरू होता है। विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

जी हां, हार्ट अटैक के बाद के पहले 90 दिन यानी 3 महीने आपकी पूरी रिकवरी का रोडमैप तय करते हैं। आइए, डॉ. मुकेश गोयल (सीनियर कंसलटेंट, कार्डियोथोरेसिक और कार्डियोवस्कुलर सर्जरी, हार्ट एंड लंग ट्रांसप्लांट सर्जरी, इंद्रप्रस्थ अपोलो हॉस्पिटल्स) से जानते हैं इससे जुड़ी कुछ जरूरी बातों के बारे में।


क्यों जरूरी हैं शुरुआती 90 दिन?

अकसर हार्ट अटैक के बाद लोग सोचते हैं कि अस्पताल से छुट्टी मिलते ही सब ठीक हो गया, लेकिन सच यह है कि पहले तीन महीने को “गोल्डन विंडो ऑफ रिकवरी” कहा जाता है। इसी दौरान शरीर ठीक होता है, दिल की मांसपेशियां मजबूत होती हैं और दोबारा अटैक का खतरा भी सबसे अधिक रहता है। शोध बताते हैं कि अगर इस समय सही रीहैबिलिटेशन और जीवनशैली अपनाई जाए, तो दोबारा हार्ट अटैक का खतरा लगभग 25–30% तक कम हो सकता है।


रेगुलर चेकअप है जरूरी

अस्पताल से घर लौटने के बाद तुरंत सबसे अहम होता है- डॉक्टर के साथ लगातार फॉलो-अप। ब्लड प्रेशर, शुगर, कोलेस्ट्रॉल और दिल की धड़कन की जांच समय पर करना बहुत ज़रूरी है। साथ ही, जो दवाइयां जैसे ब्लड थिनर, बीटा-ब्लॉकर या स्टैटिन्स दी जाती हैं, उन्हें कभी भी मिस नहीं करना चाहिए। कई बार लोग मनमानी करके दवा बंद कर देते हैं, जिससे गंभीर खतरा बढ़ जाता है।



घर पर भी ब्लड प्रेशर और शुगर की निगरानी करनी चाहिए और उसका रिकॉर्ड रखना चाहिए। यह आदत न केवल डॉक्टर के लिए मददगार होती है, बल्कि मरीज को भी अपने स्वास्थ्य पर नियंत्रण का एहसास कराती है।
कार्डियक रीहैबिलिटेशन

हार्ट अटैक के बाद रिकवरी में सबसे बड़ी भूमिका निभाता है- कार्डियक रीहैब। यह एक ऐसा प्रोग्राम है जिसमें डॉक्टर की देखरेख में एक्सरसाइज, डाइट और काउंसलिंग शामिल होती है। आम तौर पर यह 12 हफ्तों तक चलता है और मरीज को सुरक्षित ढंग से व्यायाम करना, तनाव नियंत्रित करना और सही खानपान अपनाना सिखाता है।



जिन मरीजों ने रीहैब किया है, उनकी जिंदगी की गुणवत्ता बेहतर होती है और वे जल्दी काम पर भी लौट पाते हैं। दुर्भाग्य से, भारत में इसकी जानकारी और जागरूकता अभी भी कम है। इसलिए परिवार और मरीज को खुद आगे बढ़कर डॉक्टर से इसके लिए सलाह लेनी चाहिए।
सही खानपान

दिल की सेहत खानपान से गहराई से जुड़ी है। डॉक्टर अक्सर मेडिटेरेनियन डाइट या DASH डाइट की सलाह देते हैं, जिसमें ताजी सब्जियां और फल, साबुत अनाज, दालें, मछली और नट्स शामिल होते हैं। वहीं नमक, चीनी और अल्ट्रा-प्रोसेस्ड चीजों से परहेज करना जरूरी है। नियमित समय पर खाना, छोटे हिस्सों में भोजन और ओवरईटिंग से बचना, ये आदतें दिल की रिकवरी को तेज करती हैं।


एक्सरसाइज की ओर वापसी

हार्ट अटैक के बाद कई लोग डर की वजह से एक्सरसाइज करने से कतराते हैं, लेकिन डॉक्टरों की सलाह से की गई हल्की-फुल्की एक्टिविटीज हार्ट को मजबूत बनाती हैं। शुरुआत छोटी वॉक या सीढ़ियां चढ़ने-उतरने से की जा सकती है। धीरे-धीरे शरीर की क्षमता बढ़ने पर एक्सरसाइज को बढ़ाया जा सकता है। नियम यह है कि शरीर की सुनें यानी अगर सीने में दर्द, चक्कर या असामान्य थकान महसूस हो, तो तुरंत रुक जाएं।


मेंटल और इमोशनल हेल्थ

हार्ट अटैक केवल शरीर ही नहीं, मन को भी झकझोर देता है। डर, बेचैनी और अवसाद इस समय सामान्य हैं, लेकिन अगर इन्हें नजरअंदाज किया गया, तो रिकवरी धीमी हो सकती है।

काउंसलिंग, सपोर्ट ग्रुप्स या मेडिटेशन, योग जैसी तकनीकें मानसिक संतुलन बनाने में मदद करती हैं। परिवार को भी चाहिए कि मरीज पर जरूरत से ज्यादा पाबंदियां न लगाएं, बल्कि उन्हें हिम्मत और आत्मविश्वास दें।


लाइफस्टाइल में बदलाव

ये शुरुआती महीने लाइफस्टाइल सुधारने का बेहतरीन समय होते हैं। धूम्रपान और शराब छोड़ना, पर्याप्त नींद लेना, स्ट्रेस मैनेज करना और वजन पर ध्यान देना बेहद जरूरी है। कामकाजी लोग धीरे-धीरे ऑफिस लौट सकते हैं, लेकिन शुरू में हल्के काम और कम तनाव वाली जिम्मेदारियां अपनाना बेहतर होता है।


फैमिली का रोल

हार्ट अटैक के बाद रिकवरी अकेले की नहीं होती। परिवार और केयरगिवर्स की भूमिका अहम है। मरीज को दवा समय पर दिलाना, डॉक्टर के पास ले जाना और साथ में वाक या हेल्दी खाना साझा करना उन्हें आत्मविश्वास देता है।
90 दिनों के बाद

ध्यान रहे, तीन महीने पूरे होना रिकवरी का अंत नहीं, बल्कि नई शुरुआत है। अगर मरीज इस दौरान नियमित दवा, सही खानपान, एक्सरसाइज और स्ट्रेस मैनेजमेंट की आदत डाल लेते हैं, तो आगे की जिंदगी और बेहतर और लंबी हो सकती है।



यह भी पढ़ें- बाजू में दर्द से लेकर 70% ब्लॉकेज तक, World Heart Day पर डॉक्टर ने दिए कई जरूरी सवालों के जवाब

यह भी पढ़ें- हार्ट अटैक के बाद पहले 60 मिनट क्यों हैं अहम? डॉक्टर ने बताए दिल को हेल्दी रखने का गोल्डन रूल
like (0)
ChikheangForum Veteran

Post a reply

loginto write comments

Explore interesting content

Chikheang

He hasn't introduced himself yet.

210K

Threads

0

Posts

710K

Credits

Forum Veteran

Credits
72751