यह तस्वीर जागरण आर्काइव से ली गई है।
जागरण संवाददाता, मुजफ्फरपुर। बीआरए बिहार विश्वविद्यालय में पिछले महीने हुई ला प्रवेश परीक्षा में क्वालीफाइंग मार्क्स उत्तीर्ण होने वाले छात्र-छात्राओं के अंक से तय किया जाएगा।
ओएमआर आधारित वस्तुनिष्ठ प्रश्न व विषयनिष्ठ प्रश्नों के मूल्यांकन के बाद विश्वविद्यालय स्तर से रिजल्ट तैयार होगा। इसमें देखा जाएगा कि रेगुलेशन के अनुसार कितने विद्यार्थी उत्तीर्ण हुए हैं।
ला प्रवेश परीक्षा के लिए तैयार किए गए रेगुलेशन के अनुसार क्वालीफाइंग मार्क्स 50 प्रतिशत निर्धारित है। इसके अनुसार 120 अंकों के प्रश्न में एक अभ्यर्थी को क्वालीफाइंग मार्क्स के लिए 60 अंक प्राप्त होना अनिवार्य है।
पिछले वर्ष रेगुलेशन के अनुसार कोई भी छात्र इस दायरे में नहीं आ सका था। इसके बाद परीक्षा बोर्ड की बैठक कर कटआफ को 45 प्रतिशत किया गया। इसमें भी केवल एक छात्र ही निर्धारित अंक को प्राप्त कर रहा था। इसके बाद विश्वविद्यालय की ओर से दोबारा परीक्षा बोर्ड की बैठक कर प्रवेश परीक्षा उत्तीर्ण होने के लिए कटआफ को घटाकर 25 किया गया था। विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें
परीक्षा बोर्ड में लिए गए फैसले के आधार पर रिजल्ट जारी किया गया। इसके बाद ला कोर्स में नामांकन की प्रक्रिया शुरू हो सकी थी। मौजूदा सत्र में होने वाले नामांकन के लिए पहले यह देखा जाएगा कि कितने छात्र-छात्राएं रेगुलेशन के अनुसार उत्तीर्ण होते हैं।
इसके बाद क्वालीफाइंग कटआफ तय होगा। प्राक्टर प्रो.बीएस राय ने बताया रिजल्ट जारी करने से पहले कटआफ का निर्धारण होगा। इसके लिए कुलपति के निर्देश के आधार पर समिति गठित करते हुए छात्र हित में निर्णय लिया जाएगा।
पिछले वर्ष प्रवेश परीक्षा में पूछे गए थे टफ सवाल
पिछले वर्ष ला की प्रवेश परीक्षा में टफ सवाल पूछे गए थे। इससे इसमें शामिल होने वाले छात्र-छात्राओं में से कोई भी 50 प्रतिशत अंक प्राप्त नहीं कर सका था। परीक्षार्थियों ने बताया कि अक्टूबर में हुई प्रवेश परीक्षा में सवालों का स्तर पिछले वर्ष की तुलना में आसान रहा।
शिक्षकों की मानें तो इस वर्ष 50 प्रतिशत क्वालीफाइंग कटआफ में आने वाले विद्यार्थियों की संख्या अच्छी-खासी हो सकती है। विश्वविद्यालय की ओर से विषयनिष्ठ प्रश्नों के मूल्यांकन की तैयारी कराई जा रही है। वहीं दो दिन पहले आब्जेक्टिव प्रश्नों के लिए आंसर की जारी की गई है।
दो वर्ष से पिछड़ा है ला कोर्स का सत्र
बीआरए बिहार विश्वविद्यालय में ला कोर्स का सत्र पिछले दो वर्षों से पिछड़ा है। पिछले वर्ष भी दिसंबर में नामांकन की प्रक्रिया शुरू हो सकी थी। इसके बाद जनवरी व इसके बाद भी नामांकन चलता रहा। देरी से प्रक्रिया शुरू होने से अधिकतर ला कालेजों में सीटें नहीं भरीं। इसके बाद कालेजों ने सूची से बाहर के छात्रों का नामांकन ले लिया।
विश्वविद्यालय की ओर से कार्रवाई की गई। उनका रजिस्ट्रेशन रोक दिया गया। बाद में उनका फार्म भराया गया। मौजूदा सत्र में भी अगर नवंबर में रिजल्ट जारी होता है तो दिसंबर से पहले नामांकन प्रक्रिया शुरू होने की उम्मीद कम है। |
|