हापुड़ के गढ़मुक्तेश्वर क्षेत्र में खनन माफिया का बोलबाला है। फाइल फोटो
केशव त्यागी, हापुड़। गढ़मुक्तेश्वर क्षेत्र इन दिनों खनन माफिया का गढ़ बना हुआ है। रात के अंधेरे में कई गांवों के जंगल में बिना अनुमति मिट्टी का खनन धड़ल्ले से चल रहा है। यह अवैध धंधा न केवल पर्यावरण को नष्ट कर रहा है, बल्कि सड़क सुरक्षा और बिजली आपूर्ति को भी खतरे में डाल रहा है। विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें
माफिया के हौसले इतने बुलंद हैं कि उन्होंने राष्ट्रीय राजमार्ग (एनएच-09) के पास ब्रजघाट के पास हाइवे की सुरक्षा रेलिंग तक तोड़ डाली है।
पुलिस पिकेट के पास अवैध खनन किया जा रहा है। वहीं, स्थानीय प्रशासन, खनन विभाग, वन विभाग और पुलिस सब कुछ जानते हुए भी चुप्पी साधे हुए हैं। यह मिलीभगत है या लापरवाही? यह सवाल हर किसी के मन में कौंध रहा है।
माफिया की मनमानी, धरती का चीर रहे सीना
गढ़मुक्तेश्वर के चितौड़ा, पलवाड़ा, नानई, हसूपुर और आसपास के कई इलाकों में खनन माफिया धरती का सीना चीर रहे हैं। हरे-भरे जंगलों को खाइयों में तब्दील किया जा रहा है, और बिना अनुमति के पेड़ काटे जा रहे हैं। एनएच-09 के किनारे ब्रजघाट में मिट्टी डालने का काम जोरों पर है।
माफिया ने हाइवे की सुरक्षा के लिए लगाई गई रेलिंग को तोड़ दिया है, जिससे सड़क हादसों का खतरा बढ़ गया है। इतना ही नहीं, मिट्टी से भरे डंपर हाइटेंशन लाइनों के नीचे से गुजरते हैं, जिससे कई बार बिजली के खंभे टूट चुके हैं। यह स्थिति बड़े हादसे को न्योता दे रही है।
प्रशासन की चुप्पी, रिश्वत का खेल या सफेदपोशों का डर
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सूत्रों की मानें तो स्थानीय एसडीएम, खनन अधिकारी, वन विभाग और पुलिस को इस अवैध धंधे की पूरी जानकारी है। फिर भी, कोई ठोस कार्रवाई नहीं हो रही। माफिया का मोटा मुनाफा सफेदपोशों तक पहुंच रहा है। रिश्वत की बंदरबांट में अधिकारी भी शामिल हैं।
खनन का धंधा रातोंरात नहीं चलता। पिछले एक साल में खनन विभाग और पुलिस ने कुछ डंपर और बुलडोजर जब्त किए, लेकिन माफिया हमेशा फरार हो जाते हैं। बाद में भी उनके खिलाफ कार्रवाई नहीं की जाती। जब्त वाहनों को न्यायालय के जरिए छुड़ाकर वह फिर से धंधा शुरू कर देते हैं।
रात का सन्नाटा, डंपरों की दहाड़
रात के अंधेरे में मिट्टी से लदे डंपर हाइवे और स्थानीय सड़कों पर बेरोकटोक दौड़ते हैं। पुलिस की रात्रि गश्त और चेकिंग के दावे हवा-हवाई साबित हो रहे हैं। स्थानीय लोगों का कहना है कि जैसे ही रात ढलती है, डंपरों की आवाज से इलाका गूंजने लगता है। कई बार इन डंपरों से टकराकर लोग हादसों का शिकार हो चुके हैं। सवाल यह है कि क्या पुलिस को देखकर यह डंपर अदृश्य हो जाते हैं?
हमें अवैध खनन होने की जानकारी नहीं है। खनन को लेकर लगातार कार्रवाई की जा रही है। टीम मामले की जांच में जुटी है। खनन माफिया के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी।
-प्रशांत, खनन अधिकारी
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