नागरिक उड्डयन महानिदेशालय (DGCA) ने सोमवार को नए ड्राफ्ट नियम जारी किए हैं। इनमें हवाई यात्रियों को राहत देने वाले कई नियम शामिल हैं। इसमें कहा गया है कि यात्रियों को टिकट बुकिंग के 48 घंटे के भीतर बिना किसी अतिरिक्त शुल्क के टिकट रद्द या रिवाइज्ड करने की सुविधा मिलनी चाहिए।
इसके साथ ही DGCA ने साफ किया है कि टिकट चाहे थर्ड पार्टी वेंडर से खरीदा गया हो, रिफंड की जिम्मेदारी आखिरकार एयरलाइन की ही होगी। यह रिफंड 21 दिनों के भीतर पूरा किया जाना चाहिए।
रिफंड नियमों में बदलाव का प्रस्ताव
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DGCA ने यात्रियों की शिकायतों और रिफंड में हो रही देरी को देखते हुए यह प्रस्ताव रखा है। सिविल एविएशन रिक्वायरमेंट्स (Civil Aviation Requirements) में संशोधन के तहत यह ड्राफ्ट DGCA की वेबसाइट पर अपलोड किया गया है। नियामक ने इस पर सभी स्टेकहोल्डर्स से 30 नवंबर तक फीडबैक मांगा है।
48 घंटे में फ्री कैंसिलेशन
ड्राफ्ट के मुताबिक, एयरलाइंस को यात्रियों को \“लुक-इन\“ ऑप्शन देना होगा। इससे वे टिकट खरीदने के 48 घंटे के भीतर बिना किसी शुल्क के कैंसिलेशन या बदलाव कर सकें। यह सुविधा केवल उन्हीं टिकटों पर लागू होगी जो एयरलाइन की वेबसाइट से सीधे बुक किए गए हों। साथ ही, घरेलू उड़ानों के लिए उड़ान से कम से कम 5 दिन पहले और अंतरराष्ट्रीय उड़ानों के लिए 15 दिन पहले बुकिंग की गई हो।
इस दौरान यात्री बिना किसी पेनल्टी के टिकट रद्द या रिवाइज्ड कर सकेंगे। हालांकि, अगर नई उड़ान का किराया ज्यादा है, तो उसकी भरपाई करनी होगी।
एजेंट बुकिंग पर भी एयरलाइन जिम्मेदार
ड्राफ्ट में कहा गया है कि अगर टिकट किसी ट्रैवल एजेंट या ऑनलाइन पोर्टल के जरिए बुक किया गया है, तो रिफंड की जिम्मेदारी फिर भी एयरलाइन की होगी, क्योंकि एजेंट उनके अधिकृत प्रतिनिधि माने जाएंगे।
नाम की गलती सुधारने पर कोई चार्ज नहीं
DGCA ने यह भी प्रस्ताव दिया है कि बुकिंग के 24 घंटे के भीतर अगर किसी यात्री को अपने नाम में स्पेलिंग की गलती पता चलती है, तो एयरलाइन को सुधार के लिए कोई अतिरिक्त शुल्क नहीं लेना चाहिए। यह सुविधा तभी लागू होगी जब टिकट सीधे एयरलाइन की वेबसाइट से बुक किया गया हो।
मेडिकल इमरजेंसी पर रिफंड या क्रेडिट शेल
ड्राफ्ट में यह भी जोड़ा गया है कि अगर कोई यात्री मेडिकल इमरजेंसी के कारण टिकट रद्द करता है, तो एयरलाइन उसे रिफंड दे सकती है या फिर उतनी राशि का क्रेडिट शेल ऑफर कर सकती है।
एयर इंडिया के पूर्व एग्जीक्यूटिव डायरेक्टर जितेंद्र भार्गव ने कहा, \“यात्रियों की सुविधा के लिए किए जा रहे ऐसे कदम स्वागत योग्य हैं। हालांकि, यह देखना जरूरी होगा कि ये नियम कितने व्यावहारिक हैं और क्या इससे एयरलाइंस को नुकसान तो नहीं होगा।\“
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