क्यों 28 सितंबर को हर साल मनाया जाता है World Rabies Day? (Image Source: Freepik)
लाइफस्टाइल डेस्क, नई दिल्ली। क्या आपने कभी सोचा है कि एक छोटी-सी गलती, जैसे किसी आवारा कुत्ते का काटना, कितनी जानलेवा हो सकती है? हर साल रेबीज नाम की यह खतरनाक बीमारी हजारों लोगों की जान ले लेती है, जबकि इसे आसानी से रोका जा सकता है। विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें
इसी जानलेवा बीमारी के बारे में जागरूकता फैलाने और इसे पूरी तरह खत्म करने के लिए हर साल 28 सितंबर को \“वर्ल्ड रेबीज डे\“ (World Rabies Day 2025) मनाया जाता है। यह दिन सिर्फ एक तारीख नहीं, बल्कि एक खास मकसद को समर्पित है- रेबीज मुक्त दुनिया का सपना। आइए, जानते हैं इसका इतिहास, महत्व और इस साल की थीम।
क्या है वर्ल्ड रेबीज डे का इतिहास?
\“वर्ल्ड रेबीज डे\“ की शुरुआत साल 2007 में लायन हार्ट्स फाउंडेशन (Lion Hearts Foundation) और सेंटर्स फॉर डिसीज कंट्रोल एंड प्रिवेंशन (CDC) की साझेदारी में हुई थी। इस दिन को मनाने के लिए 28 सितंबर की तारीख को इसलिए चुना गया क्योंकि यह महान वैज्ञानिक लुई पाश्चर की पुण्यतिथि है। लुई पाश्चर ने ही रेबीज की पहली वैक्सीन विकसित की थी, जिसने लाखों लोगों की जान बचाई। यह दिन उनके योगदान को याद करने और रेबीज के बारे में जागरूकता फैलाने का एक तरीका है।
वर्ल्ड रेबीज डे का महत्व
रेबीज एक ऐसी बीमारी है जो पूरी तरह से रोकी जा सकती है, लेकिन दुर्भाग्यवश, यह आज भी दुनिया के कई हिस्सों में हर साल हजारों लोगों की जान ले लेती है। यह बीमारी आमतौर पर संक्रमित जानवरों (जैसे कुत्ते, बिल्ली, और चमगादड़) के काटने या खरोंचने से फैलती है। इस दिन का मुख्य उद्देश्य लोगों को रेबीज के खतरों, इसके बचाव के तरीकों और पालतू जानवरों को टीका लगवाने के महत्व के बारे में शिक्षित करना है।US immigration policy,Indian deportations,Donald Trump immigration,Illegal immigration crackdown,Harjit Kaur deportation,US-India relations,Ministry of External Affairs,America deported Indians,Immigration news,Indian diaspora
वर्ल्ड रेबीज डे 2025 की थीम
हर साल की तरह, साल 2025 की भी एक खास थीम है: “Act Now: You, Me, Community”- जो एक बहुत ही महत्वपूर्ण संदेश देती है कि रेबीज की रोकथाम किसी एक व्यक्ति का काम नहीं है, बल्कि यह हम सबकी सामूहिक जिम्मेदारी है।
इस थीम का मतलब है कि:
- आप: अपनी जिम्मेदारी समझें और अपने पालतू कुत्ते या बिल्ली को समय पर टीका लगवाएं।
- मैं: मैं भी अपनी जिम्मेदारी समझूं और रेबीज के लक्षणों और बचाव के बारे में अन्य लोगों को जागरूक करूं।
- समुदाय: हम सब मिलकर एक समुदाय के रूप में काम करें। पशु स्वास्थ्य विभाग और स्वास्थ्य विभाग के लोग मिलकर काम करें। कुत्तों को टीका लगाने के अभियान चलाएं और लोगों को इस बीमारी के बारे में सही जानकारी दें।
इस थीम का सीधा-सा मतलब है कि जब हम सब मिलकर काम करेंगे- पशु स्वास्थ्य, मानव स्वास्थ्य और समुदाय, तभी हम इस रोकी जा सकने वाली बीमारी को जड़ से खत्म कर पाएंगे।
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