भाई की हत्या में दोषी बेदरिया राम गजक के स्वामी को आजीवन कारावास।
जागरण संवाददाता, आगरा। भाई की गैर इरादतन हत्या के आरोपित प्रसिद्ध बेदरिया राम गजक भंडार के स्वामी हरी सिंह को न्यायालय ने दोषी करार देते हुए आजीवन कारावास का निर्णय सुनाया है। इसके साथ ही 1.10 लाख रुपये के अर्थदंड से भी दंडित किया गया है। तीन बेटों को मारपीट, गाली गलौज व जान से मारने की धमकी देने का दोषी पाया गया है। बेटों को न्यायालय ने एक वर्ष की परिवीक्षा पर रिहा करने के आदेश दिए हैं। विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें
ताजगंज के पाक टोला निवासी विमल कुमार ने ताजगंज थाने में हत्या का मुकदमा दर्ज कराया था। मुकदमे में उन्होंने कहा था कि उनका गजक बनाने का व्यापार है।
व्यवसायिक प्रतिद्वंद्वता में तलवार से काटकर हत्या का था आरोप
16 नवंबर 2007 की सुबह सात बजे वह अपने पिता गुमान सिंह एवं अन्य स्वजन के साथ घर के दरवाजे पर खड़ा होकर व्यापार के संबंध में चर्चा कर रहे थे। उसी समय मोहल्ले में ही रहने वाले चाचा हरी सिंह अपने बेटों केशव पाल, पुनीत एवं विनीत व्यवसायिक प्रतिद्वंद्वता की रंजिश में तलवार, लाठी-डंडे से लैस होकर आ गए और गली गलौज करने लगे। विरोध पर चाचा हरी सिंह ने वादी के पिता गुमान सिंह को तलवार से हमला कर गंभीर रूप से घायल कर दिया। हरी सिंह व उसके बेटों ने वादी के स्वजन के साथ भी मारपीट की। बचाने आए मोहल्ले के लोगों को जान माल की धमकी देकर भाग गए थे।jammu-general,Ladakh protests,Section 163 restrictions,Sonam Wangchuk detention,Statehood demand Ladakh,Sixth Schedule Ladakh,Leh security measures,National Security Act,Ladakh violence,Autonomous District Councils,Ladakh political unrest,Jammu and Kashmir news
तीन पुत्रों को एक वर्ष की परिवीक्षा पर रिहाई के दिए आदेश
अस्पताल में पिता गुमान सिंह की मृत्यु के बाद बेटे विमल कुमार ने आरोपितों के खिलाफ गैर इरादतन हत्या, मारपीट व गाली गलौज, धमकी देने का मुकदमा दर्ज कराया था। एडीजे 26 ने सुनवाई के बाद हरी सिंह को अपने बड़े भाई गुमान सिंह की व्यापार के उत्तराधिकार को लेकर की गई गैर इरादतन हत्या एवं गाली गलौज के आरोप में आजीवन कारावास एवं 1.10 लाख रुपये के अर्थदंड से दंडित किया।
बेटे पुनीत, विनीत व केशव पाल को गाली गलौज, मारपीट एवं धमकी देने के मामले में दोषी पाने के बावजूद जेल की सजा ना देकर एक वर्ष की परिवीक्षा पर 50-50 हजार की दो जमानत एवं इसी राशि के व्यक्तिगत बंध पत्र पर रिहाई के आदेश दिए।
 |