प्रस्तुति के लिए इस्तेमाल की गई तस्वीर। (जागरण)
संवाद सहयोगी, पिहोवा (कुरुक्षेत्र)। सतौड़ा गांव निवासी हरपाल सिंह (35) उर्फ हैरी की फ्रांस में हत्या कर दी गई है। घटना की एक वीडियो क्लिप सामने आई है। इसमें हरपाल का खून से सना शव फर्श पर पड़ा दिखाई दे रहा है। विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें
वह 15 वर्ष पहले रोजगार की तलाश में फ्रांस गया था। वहां एक होटल में काम करता था और उसके पास पुर्तगाल की नागरिकता भी थी।
हरपाल का परिवार पिहोवा के गांव सतौड़ा में रहता है। पिता बलबीर सिंह खेती-बाड़ी करते हैं। घर पर उसकी पत्नी और दो छोटे बच्चे भी हैं। हरपाल माता पिता का इकलौता बेटा था।
स्वजन ने बताया कि उन्हें अभी यह स्पष्ट नहीं हो पाया कि हरपाल के साथ क्या हुआ और उसकी हत्या किसने की? फ्रांस की पुलिस मामले की जांच कर रही है। अब स्वजन हरपाल के शव को भारत लाने के लिए गुहार लगा रहे हैं।
हरियाणा के युवकों की विदेश में हत्या
- 7 सितंबर को जींद के बराह कलां के कपिल (26) को अमेरिका में मार दिया गया।
- जुलाई में अमेरिका के कैलिफार्निया में करनाल के हथलाना के संजीव की गोली मारकर हत्या कर दी गई। वह खाना लेने के लिए घर से बाहर गया था। वर्ष 2016 में वह डंकी रूट से अमेरिका गया था। दिसंबर में अमेरिका में करनाल के अंजनथली गांव के सागर की गोली मारकर हत्या कर दी गई थी। वह ट्रक चालक था।
- करनाल के कैमला गांव के मनीष (24) का शव सिंगापुर के समुद्र से बरामद हुआ था। मनीष करीब सात महीने पहले वर्क परमिट पर सिंगापुर गया था। घर वालों ने कर्ज लेकर उसे सिंगापुर भेजा था। अगस्त 2023 में करनाल के गांव राहड़ा के पंकज राणा की गोली लगने से मौत हो गई थी। वह बंदूक को चेक कर रहा था तो उससे ट्रिगर दब गया और उसकी जान चली गई।
जमीन बेचकर जाते विदेश
रातों-रात अधिक धन कमाने के लिए करनाल, पानीपत, अंबाला, कुरुक्षेत्र, यमुनानगर और जींद के युवा अमेरिका में डंकी रूट से जाते रहे हैं। वह इस पर लाखों रुपये खर्च कर देते हैं, चाहे जमीन ही क्यों न बेचनी पड़े।
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कई मामले ऐसे सामने आए हैं कि आधा एकड़ तक जमीन बेच डाली और बिना जमीन के हो गए। वहां कई की तो हत्या कर दी गई और कई की अलग-अलग कारणों से मौत हो गई।
इस वर्ष अमेरिका में आठ मौत
इस वर्ष अमेरिका में आठ हरियाणवियों की जान गई। इनमें चार लोगों की हत्या कर दी गई। दो लोगों की सड़क हादसों में मौत हुई और दो की बीमारी के कारण जान चली गई।
शव लाने पर होता भारी भरकम खर्च
अमेरिका या अन्य देशों में मौत हो जाने के बाद स्वजन को शव लाने के लिए भारी-भरकम खर्च के बावजूद बड़ी जद्दोजहद करनी पड़ती है। विदेश मंत्रालय के चक्कर काटने पड़ते हैं।
हो जाते हैं ठगी का शिकार
विदेश जाने की चाह में अधिकतर मामले ऐसे सामने आए हैं, जब वह लाखों रुपये गंवा बैठते हैं। यहां विदेश भेजने वाले एजेंट उनसे 40 से 80 लाख रुपये तक ठग लेते हैं। महीनों बाद भी जब रुपये नहीं मिलते तो पुलिस की शरण लेनी पड़ती है, लेकिन रुपये नहीं मिलते।
कई देशों में घुमा करते ब्लैकमेल
ऐसे भी अनेक मामले सामने आए हैं, जब विदेश भेजने वाले एजेंट लाखों रुपये लेकर उन्हें अमेरिका के बजाय दूसरे देशों में घुमाते रहते हैं। यहां उनके स्वजन को ब्लैकमेल कर रुपये वसूल लेते हैं।
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