सेवायतों को रास नहीं आ रही बांकेबिहारी के दर्शन समय में वृद्धि
संवाद सहयोगी, वृंदावन। ठाकुर बांकेबिहारीजी की सेवा उनके सेवायत बालरूप में करते हैं। मान्यता है ठाकुरजी नित रात में निधिवन राज मंदिर में श्रीराधाजी और ब्रजगोपियों संग रास रचाते हैं और रात के तीसरे प्रहर में मंदिर पहुंचकर विश्राम करते हैं। यही कारण है कि मंदिर में ठाकुरजी की मंगला आरती नहीं होती। विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें
ऐसे में मंदिर हाईपावर्ड मैनेजमेंट कमेटी ने श्रद्धालुओं की सुविधा और भीड़ नियंत्रण को ध्यान में रखते हुए मंदिर के दर्शन समय में वृद्धि करने का निर्णय लिया तो मंदिर सेवायतों को कमेटी का निर्णय रास नहीं आ रहा है।
एक सेवायत ने तो इसे हाईकोर्ट के आदेशों की अवमानना बताते हुए न्यायालय का दरवाजा खटखटाया है। लेकिन, मंदिर के दूसरे सेवायत भी कमेटी के इस निर्णय के साथ नहीं हैं। सेवायतों का कहना है आठ घंटे ठाकुरजी दर्शन देते हैं, इससे अधिक ठाकुरजी को दर्शन देने के लिए खड़े रखना न्यायोचित नहीं होगा।
ठाकुर बांकेबिहारी मंदिर हाईपावर्ड मैनेजमेंट कमेटी ने श्रद्धालुओं की संख्या में लगातार हो रही वृद्धि को देखते हुए मंदिर के दर्शन समय में वृद्धि का निर्णय लिया है। ये निर्णय हाईपावर्ड मैनेजमेंट कमेटी ने मंदिर प्रांगण में चस्पा भी कर दिया। लेकिन, अब तक मंदिर के दर्शन समय में वृद्धि संभव नहीं हो सकी है।
इसके पीछे सेवायत कमेटी के निर्णय से पूरी तरह असमहत नजर आ रहे हैं। सेवयतों का कहना है भीड़ अधिक होने के कारण ठाकुरजी के विश्राम में खलल डालन उचित नहीं है। इसके लिए दूसरे प्रबंध करने चाहिए। लेकिन, ठाकुरजी की बालस्वरूप में सेवा होती है। अगर उन्हें देर तक दर्शन के लिए खड़ा रखा जाएगा तो उनके विश्राम में खलल पड़ेगा।lucknow-city-general,Lucknow News,Lucknow Latest News,Lucknow News in Hindi,Lucknow Samachar,Lucknow News,Lucknow Latest News,Lucknow News in Hindi,Lucknow Samachar,Uttar Pradesh 4G Towers,BSNL 4G Network,Indigenous 4G Technology,Digital India Initiative,UP Border Connectivity,4G Tower Installation, लखनऊ की खबर, यूपी की खबर, बीएसएनएल, बीएसएनएल 4जी, बीएसएनएल 4जी टावर,Uttar Pradesh news
कहते हैं सेवायत
ठाकुरजी की सेवा शुरुआत से ही बालस्वरूप में सेवा होती आई है। ठाकुरजी रात में निधिवन राज मंदिर में रास रचाते हैं और यही कारण है कि ठाकुरजी की सुबह मंगला नहीं होती। मंदिर में भीड़ नियंत्रण की जो भी व्यवस्था हो सके वह करनी चाहिए। लेकिन, ठाकुरजी के दर्शन समय में बदलाव तो कतई नहीं करना चाहिए। ठाकुरजी की सेवा में बाधा उत्पन्न करने का काम हमें सहन नहीं होगा और कमेटी को ठाकुरजी की सेवा के भाव को समझना चाहिए। गोलू त्यागी गोस्वामी, मंदिर सेवायत।
हाईपावर्ड मैनेजमेंट कमेटी ने मंदिर के दर्शन समय में वृद्धि का जो निर्णय लिया है, पूरी तरह गलत है। हम ठाकुरजी की बालरूप में सेवा कर रहे हैं। यहां ठाकुरजी की सेवा महत्वपूर्ण है। बाकी योजनाएं बनानी चाहिए। लेकिन, ठाकुरजी को कष्ट देना उचित नहीं हैं। जो व्यवस्था करनी हैं आप करिए, ठाकुरजी को किसी तरह का कष्ट मत करिए। आठ घंटे से अधिक तो मजदूर भी काम नहीं करता है। न्यायालय में भी आठ घंटे ही काम होता है। वहां तो समय नहीं बढा़या जाता। -अरुण गोस्वामी, मंदिर सेवायत।
ठाकुरजी के दर्शन की समय सारणी न्यायालय में सभी गोस्वामियों की मौजूदगी में वार्ता के बाद में तय हुई है। दर्शन की समय सारिणी कानूनी प्रक्रिया को अपनाते हुए बनाई गई थी। सभी गोस्वामियों की राय लेकर ही दर्शन समय तय हुआ था। ठाकुरजी की सेवा में हितकर जानते हुए जो समय बढ़ाया जाना था, बढ़ाया गया था। लेकिन अब जिस तरह का आदेश आया है, बिना गोस्वामियों की सहमति के जो व्यवस्थ शुरू की जा रही है। निश्चित तौर पर ठाकुरजी के भोगराग, सेवा में व्यवधान पड़ेगा। जो उचित नहीं है। -रजत गोस्वामी, मंदिर सेवायत।
हाईपावर्ड कमेटी ने मंदिर दर्शन समय में जो वृद्धि की है, उच्च न्यायालय के आदेश की अवमानना है। बिना सोचे और बिना किसी से सलाह किए और न्यायालय की बातों बिना जाने अपने मन से कुछ लोगों ने ये निर्णय लिया है। जो ठाकुरजी के लिए कष्टप्रद है। ठाकुरजी की सेवा में व्यवधान उत्पन्न करने का प्रयास किया जा रहा है। ठाकुरजी की सेवा परंरपरा सैकड़ों वर्षों से चली आ रही है। इस तरह के निर्णय ठाकुरजी की सेवा में व्यवधान पैदा करेंगे। -हिमांशु गोस्वामी, मंदिर सेवायत।
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