नौकरी की आस वाले 53 प्रतिशत मतदाता, जिधर झुके जीत तय।
जय शंकर बिहारी, पटना। Bihar Election 2025: विधानसभा चुनाव में अपनी-अपनी जीत सुनिश्चित करने के लिए विभिन्न गठबंधन, दल और प्रत्याशी एक से बढ़कर एक वादे और दावा युवाओं को अपने पाले में करने के लिए कर रहे हैं। इसका प्रमुख कारण मतदाताओं की संख्या में उनकी निर्णायक भागीदारी है। चुनाव आयोग के आंकड़े के अनुसार नौकरी की आस रखने वाले आयु वर्ग के 53 प्रतिशत मतदाता हैं। विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें
राज्य में सरकारी नौकरी के लिए परीक्षा आयोजित करने वाले बिहार लोक सेवा आयोग (बीपीएससी), बिहार कर्मचारी चयन आयोग (बीएसएससी), बिहार तकनीकी सेवा आयोग (बीटीएससी), बिहार पुलिस अवर सेवा आयोग (बीपीएसएससी) आदि द्वारा आयोजित प्रतियोगी परीक्षाओं में सामान्य वर्ग के अभ्यर्थियों के लिए अधिकतम आयु 37 वर्ष निर्धारित है।
वहीं, सामान्य वर्ग की महिला, पिछड़ा व अतिपिछड़ा श्रेणी के लिए अधिकतम आयु 40 वर्ष तथा अनुसूचित जाति एवं जनजाति के अभ्यर्थियों के लिए अधिकतम आयु 42 वर्ष निर्धारित है। बिहार राज्य विश्वविद्यालय सेवा आयोग (बीएसयूएससी) की नियुक्तियों में अधिकतम आयु 55 वर्ष तक निर्धारित रहती है।
ऐसे में कुल मतदाताओं में नौकरी की आस रखने वालों की हिस्सेदारी 53 प्रतिशत बताई जा रही है। चुनाव आयोग द्वारा जारी आंकड़ों के अनुसार 18 से 19 वर्ष आयु वर्ग के 14 लाख एक जार 150 मतदाता हैं। 20 से 29 आयु वर्ग में एक करोड़, 63 लाख 25 हजार 614 तथा 30 से 39 आयु वर्ग में सबसे अधिक एक करोड़ 92 लाख 74 हजार 808 मतदाता हैं।
इस तरह से 18 से 39 वर्ष आयु वर्ग वाले मतदाताओं की संख्या ही तीन करोड़ 70 लाख एक हजार 572 है। कुल मतदाताओं में इनकी भागीदारी 49.87 प्रतिशत की है। वहीं, 40 से 49 वर्ष आयु वर्ग वाले मतदाताओं की संख्या एक करोड़ 57 लाख 88 हजार 312 है।
2041 तक युवा मतदाताओं की संख्या रहेगी अधिक
पटना विश्वविद्यालय के जनसंख्या अनुसंधान केंद्र के तकनीकी प्रमुख रहे डा. दिलीप कुमार ने बताया कि विश्व में सबसे युवा देश भारत और देश में सबसे युवा आबादी वाला राज्य बिहार ही है। वर्ष 2041 के बाद 40 वर्ष से अधिक आयु वर्ग वालों की आबादी बढ़ेगी।
इस चुनाव के साथ-साथ आगामी विभिन्न चुनावों में भी 30 से 40 वर्ष आयु वर्ग वाले मतदाताओं की संख्या सबसे अधिक रहेगी। वर्तमान चुनाव में 30 से 39 वर्ष आयु वर्ग वालों की संख्या अन्य सभी श्रेणियों में सबसे अधिक है।
- राज्य की विभिन्न प्रतियोगी परीक्षाओं में 18 से 42 वर्ष आयु वर्ग के अभ्यर्थी हो सकते हैं शामिल
- 30 से 39 आयु वर्ग के सबसे अधिक एक करोड़ 92 लाख 74 हजार से अधिक मतदाता हैं
- 37 वर्ष अधिकतम आयु राज्य में सरकारी नौकरी के लिए सामान्य वर्ग के अभ्यर्थियों के लिए निर्धारित है
- 40 वर्ष अधिकतम आयु तक सामान्य वर्ग की महिला, ओबीसी, ईबीसी श्रेणी के अभ्यर्थी परीक्षा में होंगे शामिल
- 42 वर्ष अधिकतम आयु एससी व एसटी अभ्यर्थियों के लिए प्रतियोगी परीक्षाओं में शामिल होने के लिए निर्धारित है
चार लाख से अधिक हर साल होते हैं स्नातक
राज्य के विभिन्न सामान्य व तकनीकी विश्वविद्यालयों तथा उच्च शिक्षण संस्थानों से प्रत्येक वर्ष चार लाख से अधिक विद्यार्थी स्नातक या उसके समकक्ष उपाधि प्राप्त करते हैं।
असर की रिपोर्ट के अनुसार 2021-22 में बिहार से 1356 पीएचडी, 43 हजार 980 पीजी, 966 पीजी डिप्लोमा, तीन लाख 38 हजार 265 स्नातक तथा 24 हजार 746 डिप्लोमा किए थे।
वहीं, बिहार बोर्ड, सीबीएसई सहित विभिन्न बोर्ड की 10वीं की परीक्षा में राज्य से पिछले पांच वर्षों में औसतन 19 लाख विद्यार्थी शामिल हुए हैं। पटना विश्वविद्यालय के पूर्व कुलपति प्रो. रास बिहारी प्रसाद सिंह का कहना है कि राज्य में उच्च शिक्षा के प्रति रूझान काफी बढ़ा है।
महिलाओं का उच्च शिक्षा में उपस्थिति काफी उत्साहित करने वाला है। आगामी वर्षों में उच्च शिक्षा प्राप्त करने वाले विद्यार्थियों की संख्या तेजी से बढ़ेगी। इनकी संख्या जितनी बढ़ेगी, उतने ही नौकरी व रोजगार की व्यवस्था की मांग भी बढ़ेगी।
युवाओं का प्रथम लक्ष्य नौकरी और रोजगार ही होता है। दो दशक तक यह मुद्दा राज्य के चुनावों को काफी प्रभावित करेगा। बिहार विधानसभा में प्रस्तुत जाति सर्वेक्षण रिपोर्ट, 2023 के अनुसार राज्य में लगभग 80 लाख स्नातक की उपाधि प्राप्त किए हुए हैं। यह राज्य की कुल जनसंख्या के 6.11 प्रतिशत हैं।
आयु वर्ग कुल मतदाता
18-19
14,01,150
20-29
1,63,25,614
30-39
1,92,74,808
40-49
1,57,88,312
50-59
1,04,96,400
60-69
66,26,725
70-79
32,63,230
80 से अधिक
10,16,118
कुल
7,41,92,357
डाटा पर एनडीए और महागठबंधन की नजर
बिहार के इन 53 फीसदी मतदाताओं को एनडीए और महागठबंधन में शामिल सभी दल नजरंदाज करने के मूड में नहीं हैं। यही वजह है कि महागठबंधन की ओर से हर घर में एक नौकरी देने का वादा किया गया है। वहीं, दूसरी ओर एनडीए की ओर से भी 5 साल में 1 करोड़ नौकरियां देने का वादा अपने संकल्प पत्र में किया गया है।
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