जागरण संवाददाता, उरई। अगर कोई विद्यालय वाहन सिटिंग से अधिक छात्र छात्राओं को लाते ले जाते पाया जाता है तो वाहन चालक के साथ ही विद्यालय प्रबंधक व प्रधानाचार्य पर भी कार्रवाई की जाएगी। सभी वाहन स्वामी अपने वाहन फिटनेश, बीमा, प्रदूषण आदि के प्रपत्र भी दुरुस्त करा लें। बिना प्रपत्रों के वाहन संचालित पाए जाने पर कठोर कार्रवाई होगी। विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें
वरिष्ठ सहायक संभागीय परिवहन अधिकारी सुरेश कुमार ने बताया कि जनपद के समस्त वाहन स्वामियों व विद्यालय संचालकों, प्रबन्धकों, प्रधानाचार्यों को सूचित किया जाता है कि जिन वाहनों की फिटनेस, बीमा, प्रदूषण, परमिट की वैधता समाप्त हो गई है उनको दुरुस्त करा लें। वाहन को मानक के अनुरूप कराकर फिटनेस की जांच के लिए उप संभागीय परिवहन कार्यालय में प्रस्तुत कर स्वास्थ्य प्रमाण पत्र अवश्य प्राप्त कर लें।
निर्धारित है सिटिंग क्षमता
पंजीयन में जो सिटिंग क्षमता निर्धारित है उससे ज्यादा छात्र-छात्रायें न बैठाएं। यदि मार्ग चेकिंग के दौरान कोई भी वाहन मानक विहीन, अनफिट, सिटिंग क्षमता से अधिक छात्र-छात्राओं को लाते या ले-जाते पाया जाता है तो उक्त वाहन के साथ-साथ वाहन स्वामी, विद्यालय प्रबंधन के विरुद्ध नियमानुसार कठोर कार्रवाई अमल में लाई जाएगी। जिसका समस्त उत्तरदायित्व वाहन स्वामी, विद्यालय प्रबंधन का होगा।
उन्होंने स्कूल बस, वैन के लिए विशेष नियम के संबंध में बताया कि वाहन पीले रंग का हो। स्कूल का नाम लिखा हो। बसों में 2 व वैन में 1 अग्निशमन यंत्र अवश्य हो। फर्स्ट एड बाक्स अवश्य हो। गति सीमा यंत्र लगा हो, नियमानुसार सीट बेल्ट का प्रावधान है। प्रेशर हार्न, मल्टी टोन हार्न न लगा हो। स्कूल बसों में आपातकालीन खिड़की आवश्यक रूप से होनी चाहिए। वाहन पर एंबुलेंस, पुलिस, विद्यालय का नाम आदि लिखा होना चाहिए। |