ई-कामर्स से जुड़े विदेशी निवेश नियमों में ढील देने की तैयारी।
नई दिल्ली। भारत सरकार ने ई-कामर्स क्षेत्र से जुड़े विदेशी निवेश नियमों में ढील देने का एक प्रस्ताव पेश किया है। इससे एमेजोन जैसी ई-कामर्स कंपनियों को भारतीय विक्रेताओं से सीधे उत्पाद खरीदने और फिर उन्हें विदेशी ग्राहकों को बेचने की अनुमति मिलेगी। विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें
अभी भारत विदेशी ई-कामर्स कंपनियों को घरेलू या विदेशी उपभोक्ताओं को सीधे सामान बेचने की अनुमति नहीं देता, बल्कि उन्हें केवल एक मार्केटप्लेस संचालित करने की अनुमति है, जो खरीदारों और विक्रेताओं को एक शुल्क के लिए जोड़ता है।
ई-कामर्स से जुड़ी मौजूदा विदेशी निवेश नीति वर्षों से भारत और अमेरिका के बीच विवाद का विषय रही है। अमेरिका की ई-कामर्स कंपनी एमेजोन ने निर्यात के लिए नियमों में ढील देने के लिए भारत सरकार से बात की है।shravasti-politics,Shravasti news,National Lok Dal,Triloki Tyagi,Rama Shish Rai,Shravasti district,Chaudhary Charan Singh,road widening demand,Uttar Pradesh politics,Bhinga news,up news,uttar pradesh news,up news,up latest news,UP Panchayat Chunav,Uttar Pradesh news
प्रस्तावित बदलाव भारत और अमेरिका के बीच लंबे समय से लंबित व्यापार समझौते पर मतभेदों को दूर करने के प्रयासों के साथ भी मेल खाते हैं।
विदेश व्यापार महानिदेशालय की ओर से तैयार किए गए इस प्रस्ताव को अभी सार्वजनिक नहीं किया गया है। महानिदेशालय और एमेजोन ने इस प्रस्ताव को लेकर सवालों का जवाब नहीं दिया है।
इस प्रस्ताव को आगे बढ़ाने के लिए कैबिनेट की मंजूरी की जरूरत होगी। कन्फेडरेशन आफ आल इंडिया ट्रेडर्स ने इस प्रस्ताव का विरोध किया है।
कन्फेडरेशन का कहना है कि विदेशी कंपनियों द्वारा इसका दुरुपयोग किया जा सकता है और उन्हें सप्लाई चेन पर अधिक नियंत्रण दे सकता है।
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