चालक के अभाव में खड़े हैं ढुलाई वाहन। जागरण फोटो
संवाद सूत्र, बाजारशुकुल (अमेठी)। राष्ट्रीय स्वच्छता मिशन फेज-टू के अंतर्गत ग्राम पंचायतों में लाखों खर्च कर एकीकृत ठोस अपशिष्ट प्रबंधन केंद्र बनाए गए हैं। लेकिन कई प्रबंधन केंद्र अभी भी अधूरे पड़े बजट मिलने के इंतजार में हैं, तो कई निर्माण के बाद बंद पड़े हैं। आज तक इनपर कचरा लाया गया है न ही कचरा ढुलाई वाहन पर कोई चालक ही नियुक्त हुआ। जिम्मेदार हैं कि हाथ पर हाथ रखकर बैठे हैं, इन्हें गांव में निकलने वाले कचरा प्रबंधन की कोई चिंता नहीं है। विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें
बजट के अभाव में टेवसी, बूबूपुर व धनेशा राजपूत समेत कई ग्राम पंचायतों में केंद्रों का निर्माण अधूरा पड़ा है। इन ग्राम पंचायतों में खरीदे गए, कचरा वाहन दूसरे काम में लगे हैं या फिर प्रधान व उनके प्रतिनिधियों के दरवाजों पर खड़े जंग खा रहे हैं।
दैनिक जागरण ने कचरा प्रबंधन केंद्रों की पड़ताल की तो जो सच्चाई देखने को मिली उससे यह साफ जाहिर है कि इन केंद्रों का हाल बेहाल है।
कचरा प्रबंधन केंद्र का नहीं खुला ताला
खालिसबाहर पुर ग्राम पंचायत में कचरा प्रबंधन केंद्र का निर्माण तो हुआ है, लेकिन इस पर लगा ताला आजतक नहीं खुला। यहां आने-जाने के लिए रास्ता भी नहीं है। ऐसे में यहां कागजों पर भले ही कचरा प्रबंधन हो रहा हो, लेकिन वास्तविकता कुछ और ही है। कचरा वाहन का भी पता नहीं है। ग्राम प्रधान रामराज बताते हैं कि आदेश के बाद ही यहां कचरा ढुलाई शुरू कराई जाएगी।
कचरा ढुलाई वाहन का कोई पता नहीं
सौना ग्राम पंचायत में सड़क से चार फीट नीचे कचरा प्रबंधन केंद्र बनाया गया है। ग्राम पंचायतों ने सोची समझी रणनीति के तहत इन केंद्रों का निर्माण कराया है।new-delhi-city-general,Delhi Jal Board,Water Bill Interest Waiver,Water Connection Fee Reduction,Delhi Water Minister Pravesh Verma,Outstanding Water Bills,Water Meter Installation,Sewerage Treatment Plant Projects,Illegal Water Connection Regularization,Delhi Water Supply,Water Bill Relief,Delhi news
केंद्र तक पहुंचने के लिए पहले रास्ता बने फिर कचरा प्रबंधन हो। यहां भी निर्माण के बाद से आज तक ताला नहीं खुला है। यहां कचरा ढुलाई वाहन कहां है इस बात की जानकारी देने वाला भी कोई नहीं है।
राष्ट्रीय स्वच्छता मिशन के दावों का खुला रहा पोल
बूबू पुर ग्राम पंचायत में नारेपार गांव के पास कचरा प्रबंधन केंद्र का निर्माण कराया जा रहा है। पिछले एक वर्ष से बजट के अभाव में केंद्र अधूरा पड़ा राष्ट्रीय स्वच्छता मिशन के दावों की पोल खोल रहा है। ग्रामीणों ने कई बार निर्माण पूर्ण कराने की मांग की, लेकिन आज तक निर्माण अधूरा है।
जिन केंद्रों का निर्माण अधूरा है, वहां बजट की कमी है। जो केंद्र बन चुके हैं, वहां चालक की नियुक्ति नहीं है। ऐसे में गांव से कचरा ढोने का काम नहीं हो पा रहा है। -अशोक कुमार, एडीओ पंचायत।
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