उपकरणों की चोरी से विद्युत निगम परेशान, अभी तक लगभग 1.11 करोड़ का नुकसान।
लक्ष्य चौधरी, गाजियाबाद। गाजियाबाद में विद्युत निगम लगातार हो रही उपकरणों की चोरी से परेशान है। चोरों द्वारा 11 केवी लाइनें, एलटी लाइनें और ट्रांसफार्मर निशाने पर लिए जा रहे हैं। बीते दिनों कई स्थानों पर ट्रांसफार्मरों से तेल और तांबा चोरी होने की घटनाएं सामने आई हैं। विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें
निगम के अनुसार, वित्तीय वर्ष 2025-26 में अब तक लगभग एक करोड़ 10 लाख रुपये के राजस्व का नुकसान हो चुका है।
निगम अधिकारियों का कहना है कि चोरी की घटनाओं को रोकने के लिए एफआइआर तक कराई गई, लेकिन कोई ठोस नतीजा सामने नहीं आया। हाल ही में एक ही रात में चोरों ने आठ खंभों की लाइन को करीब 250 मीटर तक काटकर चोरी कर लिया। ऐसी घटनाएं खासतौर पर जिले के नलकूप फीडरों पर अधिक हो रही हैं। इन फीडरों पर रात में विद्युत आपूर्ति बंद रहती है और दिन में करीब 10 घंटे ही बिजली दी जाती है। ग्रामीण क्षेत्रों में भी चोरी की घटनाएं बढ़ रही हैं।
अधिकारियों के अनुसार, चोरी से न केवल निगम को आर्थिक हानि हो रही है, बल्कि उपभोक्ताओं को भी लंबे समय तक बिजली संकट झेलना पड़ता है। ट्रांसफार्मर और लाइनों के दोबारा निर्माण पर अतिरिक्त खर्च आता है। साथ ही, प्रक्रिया के अनुसार किसी लाइन को दुरुस्त करने में करीब एक सप्ताह का समय लगता है, जिस कारण उपभोक्ताओं को कई-कई दिन बिना बिजली के रहना पड़ता है।
पिछले कुछ वर्षों में मोदीनगर, मुरादनगर और लोनी क्षेत्र में सबसे अधिक घटनाएं सामने आई हैं। निगम और पुलिस की ओर से कई बार रात में संयुक्त गश्त की गई, जिससे कुछ समय तक घटनाएं थम गई, लेकिन बाद में फिर से बढ़ गई। इस मामले में अधिशासी अभियंता ने कई बार पुलिस विभाग को पत्र भी लिखे हैं, मगर अब तक कोई कारगर समाधान नहीं निकल पाया है।
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टेबल- विद्युत सामग्री चोरी का विवरण
वित्तीय वर्ष 2024-25 वित्तीय वर्ष 2025-26
लाइन चोरी की घटनाएं 78 17 किलोमीटर में कितनी लाइन हुई चोरी 135 32
लाइनों की राजस्व हानि (लाखों में) 93 21
ट्रांसफार्मर चोरी की घटनाएं 65 44
ट्रांसफार्मर चोरी पर राजस्व हानि (लाखों में) 129 90
विद्युत उपकरणों की चोरी होने के बाद नए निमार्ण की प्रक्रिया
विद्युत सामग्री चोरी होने के बाद निगम द्वारा घटना की अज्ञात में एफआइआर अनिवार्य रूप से कराई जाती है। एफआइआर के बाद अवर अभियंता द्वारा उसका एस्टीमेट बनाया जाता है। एस्टीमेट के आधार पर जो सामग्री चोरी हुई है। उसका आवंटन मुख्य अभियंता द्वारा किया जाता है। सामग्री आवंटन के बाद संबंधित अधिशासी अभियंता स्टोर रूम में सामग्री की व्यवस्था करते हुए लाइन और ट्रांसफार्मर निर्माण कराते हैं। इस प्रक्रिया में लगभग के सप्ताह का समय लग जाता है।
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