जागरण संवाददाता, वाराणसी। समुद्र से काशी तक गंगा में पोत संचालन को सुगम बनाने के प्रयासों के तहत पीएम नरेन्द्र मोदी ने शनिवार को रामनगर में कार्गो शिप और क्रूज की मेंटेनेंस के लिए सेंटर का वर्चुअल शिलान्यास किया है।
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दरअसल, सरकार के अहम अभियान "समुद्र से समृद्धि" में काशी अब अहम पड़ाव होगा। इसके तहत रामनगर में पोत और क्रूज का मेंटेनेंस किया जा सकेगा। वहीं आयोजन के दौरान पीएम नरेन्द्र मोदी ने कहा कि चिप हो या शिप हमें भारत में ही बनाने होंगे। इस दौरान उन्होंने समुद्र और इसके लाभों को भारत के हित में प्रयोग करने के प्रयासों की रूपरेखा भी साझा की।
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इस कार्यक्रम को गुजरात के भावनगर से वाराणसी, पटना के अलावा IWAI के अन्य क्षेत्रीय और उप कार्यालयों में लाइव देखा गया। इसके साथ ही अन्य बुनियादी ढांचा परियोजनाओं में, प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने शनिवार को वाराणसी और पटना में जहाज मरम्मत सुविधाएं विकसित करने की आधारशिला रखी। इसके साथ ही अब पीएम नरेन्द्र मोदी के संसदीय क्षेत्र में जलयानों की मरम्मत की सुविधा होने से रोजगार में भी इजाफा होगा।
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पीएम के शिलान्यास करने के बाद अब बनारस में भी जलयान पोत और क्रूज का मेंटेनेंस हो सकेगा। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने बताया कि भारत के समुद्री क्षेत्र में बदलाव लाने वाली "समुद्र से समृद्धि" के तहत हजारों करोड़ रुपये की प्रमुख परियोजनाओं का उद्घाटन हुआ है।
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इससे समुद्री भारत ही नहीं अंतर्देशीयजलमार्ग का कनेक्ट भी होगा। बताया कि भारत के बंदरगाह एक वैश्विक समुद्री महाशक्ति के रूप में हमारे देश के उदय की रीढ़ हैं। भावनगर में 'समुद्र से समृद्धि' कार्यक्रम को संबोधित करते हुए पीएम ने योजनाओं के साथ भविष्य की रूपरेखा भी खींची।
#SamudraSeSamriddhi at #Bhavnagar
Watching the event Live from Gujarat at Varanasi, Patna, other regional and sub offices of IWAI. Among other infrastructure projects, PM Shri @narendramodi laid foundation stone for developing Ship Repair Facilities at Varanasi and Patna today. pic.twitter.com/y660PG93xj
— IWAI (@IWAI_ShipMin) September 20, 2025
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दरअसल मल्टीमाडल टर्मिनल वाराणसी में बनने के बाद से ही यहां पर मालवाहक पोत के साथ ही क्रूूजों का आगमन ही नहीं बल्कि संचालन भी शुरू हो चुका है। ऐसे में यहां आने वाले क्रूज को होने वाले नुकसान या मेंटेनेंस को लेकर कोई भी सुविधा नहीं थी। अब इस केंद्र के बनने के बाद यहां पर जलयान और क्रूज का मेंटेनेंस और खराबी दूर करने की प्रक्रिया तेज हो सकेगी। विशेषज्ञों की निगरानी में उनका मेंटेनेंस होगा तो क्रूज के कारोबारियों को अब कोलकाता का रुख नहीं करना होगा।
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