प्रस्तुति के लिए इस्तेमाल की गई तस्वीर। (जागरण)
राज्य ब्यूरो, पटना। उपमुख्यमंत्री सम्राट चौधरी ने कहा कि ईशा फाउंडेशन, कोयंबटूर के द्वारा राज्य के छह शहर पटना, गयाजी, छपरा, सहरसा, भागलपुर एवं बेगूसराय में गैस (एलपीजी) आधारित शवदाह गृह की स्थापना की जाएगी।
इसके लिए गुरुवार को संबंधित शहरों में एक-एक एकड़ भूमि फाउंडेशन को एक रुपये की टोकन राशि पर 33 वर्षों की अवधि के लिए लीज के माध्यम से आवंटित करने की स्वीकृति प्रदान की गई।
उप मुख्यमंत्री के समक्ष नगर विकास एवं आवास विभाग और ईशा फाउंडेशन के प्रतिनिधिगण के बीच एमओयू पर साइन किया गया।
उन्होंने बताया कि वर्तमान में अधिकांश नगर निकायों द्वारा संचालित शवदाह स्थलों पर पारंपरिक रूप से लकड़ी से अंतिम संस्कार होता है। इससे वायु प्रदूषण बढ़ता है और वन संपदा का अनावश्यक दोहन होता है। new-delhi-city-general,power ,power,Delhi power hike,electricity bills Delhi,Supreme Court order power,DERC appeal power,regulatory assets power,BSES Yamuna Power Limited,Rajdhani Power Limited,Tata Power Delhi Distribution Limited,power distribution companies,Delhi news
कई स्थानों पर विद्युत शवदाह गृह बने भी हैं, लेकिन रख-रखाव और शव यात्रियों की मूलभूत सुविधाओं की कमी बनी रहती है।
इसी परिप्रेक्ष्य में सरकार ने ईशा फाउंडेशन को पटना (दीघा घाट), गया, छपरा, सहरसा, भागलपुर और बेगूसराय में गैस (एलपीजी) आधारित शवदाह गृह स्थापित करने और संचालन की जिम्मेदारी दी है।
ईशा फाउंडेशन पहले ही तमिलनाडु में लगभग 15 गैस आधारित शवदाह गृह स्थापित कर चुका है, जो पर्यावरण के दृष्टिकोण से अनुकूल और आधुनिक सुविधाओं से युक्त हैं। यह संस्था अंतरराष्ट्रीय स्तर पर योग, ध्यान और सामाजिक कार्यों के लिए भी ख्यात है।
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