ट्रेन से सामान भेजने में भाड़े में आई कमी। (फाइल फोटो)
जागरण ब्यूरो, नई दिल्ली। उद्योग संवर्धन और आंतरिक व्यापार विभाग (डीपीआईआईटी) की रिपोर्ट के मुताबिक वित्त वर्ष 2023-24 में भारत की लाजिस्टिक लागत जीडीपी का 7.97 प्रतिशत दर्ज की गई। इससे पूर्व के वित्त वर्ष में देश की लॉजिस्टिक लागत जीडीपी का 8.89 प्रतिशत थी। विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें
वित्त वर्ष 2023-24 में देश की कुल लॉजिस्टिक लागत 24.01 लाख करोड़ बताई गई। रिपोर्ट के मुताबिक सामान भेजने के लिए सबसे सस्ता समुद्र मार्ग तो सबसे महंगा सड़क मार्ग है। सड़क मार्ग से एक टन सामान को एक किलोमीटर भेजने की लागत 3.78 रुपये आती है जबकि समुद्र मार्ग पर यह लागत 1.80 रुपये आती है।
रेल से सामाना भेजने की कितनी है लागत?
हालांकि आंतरिक जल मार्ग से एक टन सामान एक किलोमीटर भेजने पर 3.30 रुपये की लागत आती है और इस प्रकार जलमार्ग की औसत लागत प्रति टन प्रति किलोमीटर 2.30 रुपये आती है। इस हिसाब से देखा जाए तो देश के अंदर रेल से सामान भेजने की लागत सबसे कम 1.96 रुपये प्रति टन प्रति किलोमीटर है। हवाई मार्ग से सामान भेजने की लागत सबसे अधिक होती है। हवाई मार्ग से एक टन सामान एक किलोमीटर तक भेजने पर 72 रुपये की लागत आती है।
Xiaomi 17 Pro Max, Xiaomi 17 Pro, Xiaomi 17 Pro Max Price, Xiaomi 17 Pro Price, Xiaomi 17 Pro Max Launch, Xiaomi 17 Pro Launch, Xiaomi 17 Pro Max Features, Xiaomi 17 Pro Features, Xiaomi 17, Xiaomi 17 series, Xiaomi
डीपीआईआईटी के संयुक्त सचिव संजीव सिंह ने बताया कि किसी देश की लॉजिस्टिक लागत इस बात पर निर्भर करती है कि उस देश के जीडीपी में किस सेक्टर का कितना योगदान है। अगर किसी देश के जीडीपी में मैन्यूफैक्चरिंग का योगदान अधिक है तो उस देश की लॉजिस्टिक लागत सर्विस सेक्टर प्रधान देश से भिन्न होगी। इसलिए हरेक देश की लॉजिस्टिक लागत अलग-अलग हो सकती है और उसकी तुलना ठीक नहीं है। रिपोर्ट में यह बात भी सामने आई कि बड़ी कंपनियों की लाजिस्टिक लागत छोटी कंपनियों की तुलना में कम होती है।
पहली बार उद्योग विभाग की तरफ से जारी की गई रिपोर्ट
देश के विकास के लिए लॉजिस्टिक एक महत्वपूर्ण कड़ी है और उसकी लागत की जानकारी निवेश और उद्योग दोनों के लिए जरूरी है। हालांकि अब तक देश में सरकार की तरफ से लाजिस्टिक लागत का कोई समग्र आंकड़ा पेश नहीं किया जाता था। पहली बार उद्योग संवर्धन और आंतरिक व्यापार विभाग (डीपीआईआईटी) की तरफ से लॉजिस्टिक को लेकर रिपोर्ट जारी की गई है। डीपीआईआआईटी देश की लॉजिस्टिक नीति के तहत लॉजिस्टिक लागत को लगातार कम करने की दिशा में काम कर रहा है।
शहरों के जाम को खत्म करने के लिए भी लाजिस्टिक सर्वे
डीपीआईआईटी की तरफ से शहरों के जाम को समाप्त करने के लिए उनके लाजिस्टिक का भी सर्वे किया जा रहा है। इस काम के लिए देश के आठ शहरों का चयन किया गया है जिनमें मुख्य रूप से पटना, जयपुर, लुधियाना, इंदौर जैसे शहर शामिल है। अगले छह-आठ महीनों में इन शहरों में जाम को समाप्त करने के लिए रिपोर्ट तैयार की जाएगी।
यह भी पढ़ें- क्या है National Logistics Policy? जिससे मिलेगी आत्मनिर्भर भारत को रफ्तार |