यूपी इंटरनेशनल ट्रेड शो सिंचाई विभाग ने जल प्रबंधन में नवाचारों का प्रदर्शन किया
डिजिटल डेस्क, लखनऊ। यूपी इंटरनेशनल ट्रेड शो में प्रदेश के औद्योगिक, कृषि, सांस्कृतिक और नवाचार संबंधी शक्तियों को वैश्विक मंच पर प्रदर्शित करने के लिए विभिन्न स्टॉल लगाए गए। इनमें सिंचाई एवं जल संसाधन विभाग के स्टॉल पर जल प्रबंधन और सिंचाई के क्षेत्र में नवाचार को प्रदर्शित किया गया, जहां बड़ी संख्या में विजिटर्स हाल ही के महाकुंभ प्रयागराज में किए गए परिवर्तनकारी कार्यों और कृषि उत्पादकता को बढ़ाने के लिए स्थायी सिंचाई के बारे में जानकारी हासिल कर सकेंगे। एक्सपो में बाढ़ से संबंधित कार्यों, परियोजना कार्यों और प्रमुख परियोजनाओं के वर्किंग मॉडल ने प्रदेश में जल संसाधन प्रबंधन में क्रांति ला दी, जिसकी विजिटर्स बारीकी से जानकारी ले सकेंगे। विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें
महाकुंभ में इंजीनियरिंग के कार्यों को किया गया साझा
विभाग ने हाल के प्रयागराज में संपन्न हुए महाकुंभ मेले के दौरान अपने सराहनीय प्रयासों का प्रदर्शन किया है, जिसमें गंगा नदी की तीन अलग-अलग धाराओं को एक एकल सुसंगत प्रवाह में विलय करके काम को दिखाया गया। यह इंजीनियरिंग का एक ऐसा कमाल था जिसने संगम क्षेत्र में नदी के मूल प्रवाह को बहाल किया और श्रद्धालुओं के सुगमता के लिए स्नान क्षेत्रों का काफी विस्तार किया।
यह मानव एवं वित्तीय प्रबंधन के साथ इंजीनियरिंग की सटीकता का एक उत्कृष्ट उदाहरण बना। गंगा नदी के चैनेलाइजेशन व विभाग द्वारा अपनी जल प्रणाली के एक विशाल नेटवर्क के माध्यम से करोड़ों तीर्थयात्रियों को स्वच्छ और अविरल जल उपलब्ध कराया और जल प्रबंधन का एक उत्कृष्ट उदाहरण प्रस्तुत किया।
सिंचाई के क्षेत्र में उत्तर प्रदेश ने रची क्रांति
बैराज से निकली नहर के सतही प्रवाह से और 36000 से अधिक राजकीय ट्यूबवेल से कृषि उत्पादकता को बढ़ावा देने के लिए सिंचाई विभाग की प्रतिबद्धता भी पूरी तरह से प्रदर्शित की गई है, इसमें सिंचाई के लिए उसके बहु-आयामी दृष्टिकोण पर ध्यान केंद्रित किया गया है। एक्सपो में सिंचाई विभाग के स्टाॅल पर विभिन्न कार्यों को प्रदर्शित किया गया।
इनमें ड्रेजिंग जैसी विधा के नवाचार से पानी के प्रवाह और भंडारण क्षमता में सुधार के लिए नदियों की गाद निकालना और डी-सिल्टिंग करना, समीपवर्ती गांव जहां नदियां कटान कर रही है उसको पुनः ड्रेजिंग द्वारा नदी की मुख्य धारा को अपने पुराने स्वरूप में लाया जाता आदि शामिल है। सबसे दूरस्थ और ऊंचे इलाकों में स्थित खेतों तक भी पानी पहुंचाने के लिए बैराज, लिफ्ट नहरों और ट्यूबवेल का व्यापक कार्यान्वयन, जिससे किसानों के लिए एक विश्वसनीय जल आपूर्ति सुनिश्चित हो सके।haridwar-crime,UKSSSC exam cheating,Khalid property demolition,Uttarakhand exam scandal,Sultanpur news,UKSSSC paper leak case,property demolition news,crime news,Sabiya arrest,Heena named in case,family disgrace,uttarakhand news
मुख्य अभियंता सिंचाई विभाग उपेंद्र सिंह ने बताया कि बैराज का वर्किंग मॉडल जो हरिद्वार में भीमगोड़ा बैराज के डिजाइन से प्रेरित है दर्शकों का आकर्षण का केंद्र बनेगा। एक प्राकृतिक परिदृश्य के साथ दिखने यह चलित मॉडल गेटों के माध्यम से बाढ़ नियंत्रण और ऊपरी गंगा कैनाल व पूर्वी गंगा कैनाल के गेटों के संचालन के जटिल तंत्र को प्रदर्शित कर रहा है। स्काडा आधारित इस मॉडल को मोबाइल का उपयोग करके इनके गेटों का संचालन किया जा सकता है।
नारायणपुर पंप नहर मॉडल भी आकर्षण का केंद्र
एक्सपो का एक प्रमुख आकर्षण नारायणपुर पंप नहर का एक मॉडल भी है, जो एशिया की सबसे बड़ी पंप नहरों में से एक है। यह मॉडल दिखाएगा कि कैसे यह परियोजना मीरजापुर और चंदौली में 250,000 हेक्टेयर से अधिक कृषि भूमि की सिंचाई के लिए गंगा नदी से पानी उठाने के लिए आधुनिक तकनीक का उपयोग करती है, जिससे कृषि उत्पादकता और स्थानीय किसानों की आजीविका में काफी वृद्धि होती है।
यह मॉडल रियल-टाइम निगरानी और पूर्वानुमानित रखरखाव के लिए उन्नत आईओटी आधारित समाधानों को अपनाने की विभाग की पहल पर भी प्रकाश डाल रहा है। नारायणपुर पंप कैनाल के लिए भी आई ओ टी का इस्तेमाल किया गया है। जिसे मुख्यालय पर बैठकर भी पंप कैनाल में लगे प्रत्येक पंप के संचालन और निगरानी रख सकते है।
मुख्य अभियंता ने बताया कि सिंचाई विभाग आई ओ टी के साथ साथ आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस के प्रयोग की तरफ भी बढ़ रहा है। आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस का उपयोग करते हुए ऑगमेंटेड रियलिटी और वर्चुअल रियलिटी का उपयोग करते हुए वर्चुअली तौर पर पूरी पंपिंग प्रणाली और उसमें लगे पार्ट्स और उसके हालात की वास्तविक स्थिति को थ्री डी में देखा जा सकता है।
इसका उपयोग वर्चुअल वातावरण में सुरक्षित प्रशिक्षण करने और बिना मशीन छुए रियल जैसा अनुभव कराता है। ऑगमेंटेड रियलिटी का उपयोग करके पंप की खराबियों का तेज और सही मरम्मत संभव हो सकेगा। मशीनों के मरम्मत के लिए एक्सपर्ट कही दूर से बैठकर भी गाइड कर सकता है, इससे मशीनों के डाउन टाइम में कमी आती है। |