डॉ भावना का कहना है कि समय पर जाँच से इलाज संभव है, इसलिए निशुल्क टीकाकरण किया जा रहा है।
रोहित जंडियाल, जागरण, जम्मू। जीवनशैली में आए बदलाव के कारण कुछ वर्ष में जम्मू-कश्मीर में कैंसर के मामले तेजी के साथ बढ़े हैं।लोगों में जागरूकता की कमी भी है। समय पर अस्पतालों में इलाज के लिए नहीं आते हैं लेकिन प्रीवेंटिव आनकालोजी विभाग अब इसमें अहम भूमिका निभा रहा है। विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें
विभाग की नोडल अधिकारी डा. भावना लंगर ने कई जगहों पर कैंप आयोजित कर लोगों विशेषकर महिलाओं को स्तन कैंसर, सर्वाइकल कैंसर के बारे में जागरूक करने तथा समय पर निदान करने के लिए काम किया है।
वीरवार को भी उन्होंने कम्यूनिटी हेल्थ सेंटर रामगढ़ में कैंप आयोजित कर अनाथलय में रह रही बच्चियों की स्क्रीनिंग की और उन्हें सर्वाइकल कैंसर से बचाव के लिए टीकाकरण भी किया।
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मनाेरोग विभाग में ही अब तक 26 कैंप लगा चुकीं
दो वर्ष पहले स्टेट कैंसर इंस्टीटयूट में स्थापित हुए प्रीवेंटिव आनकालोजी विभाग में नोडल अधिकारी बनने के बाद अब तक डा. भावना लंगर सिर्फ मनोरोग अस्पताल में ही 26 कैंप आयोजित कर चुकी हैं।
इसके अतिरिक्त बाड़ी ब्राह्मणा, रेहाल, अरनिया, करानाचक्क, नगरोटा सहित कई ग्रामीण क्षेत्रों में भी कैंप आयोजित कर महिलाओं की जांच कर चुकी हैं। इसके अतिरिक्त रतनुचक्क मिलिट्री स्टेशन में भी कैंप आयोजित किए गए हैं।जम्मू नगर निगम के साथ मिलकर कई केंप आयोजित कर सफाई कर्मचारियों व अन्य की जांच की गई।
कैंप में कैंसर के लक्ष्णों की दी जाती है जानकारी
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डा. भावना का कहना है कि सर्वाइकल कैंसर और स्तन कैंसर दो ऐसे कैंसर है जिनके बारे में पहले से पता लगाया जा सकता है। महिलाओं के स्तन में गांठ बनती है तो कैंसर होने की आशंका रहती है। जब वे कैंप में महिलाओं की अपनी डाक्टरों की टीम के साथ स्क्रीनिंग करती हें तो उन्हें जागरूक भी किया जाता है। उन्हें लक्षणों के बारे में जानकारी दी जाती है ताकि वे अपनी जांच समय पर करवाएं।
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युवाओं में ओरल कैंसर की रहती है आशंका
डा. भावना ने बताया कि मनोरोग अस्पताल में नशा करने वाले बहुत से युवा जांच करवाने के लिए आते हैं। इन युवाओं में ओरल कैंसर की आशंका रहती है। इसी को देखते हुए अब तक इस अस्पताल में 26 कैंप आयोजित किए जा चुके हैं। इनमें पंद्रह प्रतिशत नशेड़ियों में ओरल कैंसर के लक्षण मिले। इन्हें दवाई दी गई और आगे के इलाज के लिए कैंसर विशेषज्ञों के पास भेजा गया।
समय पर कैंसर का पता लगने पर ईलाज संभव
डा. भावना का कहना है कि कैंप आयोजित करने का एक ही मकसद है कि मरीज अगर समय पर अस्पताल में जांच के लिए पहुंचे तो उसका इलाज संभव है। अगर किसी में कोई लक्षण है तो भी वे पूरी एहतियात बरते ताकि उसे बीमारी हो ही नहीं। इसी मूलमंत्र के साथ पूरा विभाग काम कर रहा है। अभी काम करते हुए दो वर्ष ही व्यतीत हुए हैं। अगर आने वाले समय में सुविधाएं बढ़ी तो मैमाेग्राफी भी करेंगे।
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ऐसे शुरू हुआ निश्शुल्क टीकाकरण
स्टेट कैंसर संस्थान में बहुत से ऐसे परिसर आते थे जो कि अपनी बेटियों को सर्वाइकल कैंसर से बचाव के लिए ह्युमन पैपिलोमा वायरस (एचपीवी) का टीकाकरण करवाना चाहती थी लेकिन उनके पास पैसे नहीं होते थे। यह देख डा. भावना लंगर और उनकी टीम ने जीएमसी जम्मू के प्रिंसिपल डा. आशुतोष गुप्ता से निश्शुल्क टीकाकरण का अनुरोध किया। डा. गुप्ता ने प्रयास कर 09 से 15 वर्ष तक की बच्च्ियों के लिए निश्शुल्क टीकाकरण की व्यवस्था करवाई। अब डा. भावना के नेतृत्व में यह निश्शुल्क टीकाकरण हो रहा है। |