बंगाली डॉक्टरों की योग्यता व क्लीनिक की होगी जांच।
महेंद्र प्रताप सिंह, अंबेडकरनगर। चिकित्सा व्यवस्था को सुधारने के लिए प्रतिदिन नए नियम लागू हो रहे हैं, फिर भी ग्रामीणांचल की स्वास्थ्य सेवाएं बदहाल हैं। ग्रामीणांचल की बाजारों में पश्चिम बंगाल से आए बंगाली डॉक्टरों के क्लीनिक व नर्सिंग होम की अब जांच की जाएगी। मुख्य चिकित्साधिकारी ने सभी केंद्र अधीक्षकों को लिखित आदेश देते हुए जांच कर कार्रवाई करते हुए आख्या मांगी है। विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें
गांव की छोटी बाजार से लेकर बड़ी बाजार में एक न एक बंगाली डॉक्टर के नाम के मशहूर कोई न कोई क्लीनिक मिल ही जाती है। यहां मरीजों का उपचार किया जाता है। कई बार मरीजों की जान जाने तक की नौबत आ जाती है, लेकिन अब इन पर भी विभागीय शिकंजा कसा जाएगा।
कानुपर की श्री लक्ष्मी नरायण गौसेवा समिति के प्रदेश मीडिया प्रभारी एनएल त्रिपाठी ने उपमुख्यमंत्री ब्रजेश पाठक को पत्र सौंपकर प्रदेश के हर जिलों में बंगाली डॉक्टरों के डिग्री व क्लीनिक की जांच कराने की मांग किया है।
सीएमओ ने सभी सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र व प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र के अधीक्षकों को लिखित निर्देश दिया है, इसमें बताया है कि जनपद में पश्चिम बंगाल से आए फर्जी झोलाछाप जो चिकित्सा विधा में क्लीनिक का संचालन कर आम जनता की जान से खिलवाड़ कर रहे हैं, उनके लाइसेंस, डिग्रियां, भवन नक्शा सहित चिकित्सा विधा करने में शामिल सभी बिंदुओं की बारीकियों से निरीक्षण करें।mirzapur-crime,Mirzapur police,obscene song case,Maa Durga song,Rajveer Singh Yadav,Saroj Sargam,religious sentiments,Yadav Shakti Patrika,Bahujan Nayak Mahishasur book, Mirzapur top news, Mirzapur latest news,,Uttar Pradesh news
कोई भी झोलाछाप निरीक्षण की कार्रवाई से बचना नहीं चाहिए। जांच आख्या सीएमओ कार्यालय में सौंपें ताकि रिपोर्ट शासन को प्रेषित किया जा सके। निरीक्षण के दौरान अधीक्षक अवैध पाए जाने वालों पर विभागीय कार्रवाई भी करेंगे।
यहां से प्रारंभ हुई जांच की कवायद
समिति ने बताया कि ग्रामीणांचल की बाजारों में ये कई कई वर्षों से छुपे हुए है और इनके पास न तो डिग्री है न ही शिक्षा। शिकायतकर्ता ने कानपुर, उन्नाव, लखनऊ, बाराबंकी, सीतापुर के 30 झोलाछापाें की सूची सौंपकर प्रदेश के समस्त जिले में जांच कराने की मांग की है।
शासन से बंगाली डॉक्टरों की जांच कराने का निर्देश मिला है, जांच अभियान चलाकर कार्रवाई की जाएगी। सभी अधीक्षकों को निर्देशित किया गया है, चार दिन में रिपोर्ट कार्यालय में अनिवार्य रूप पर उपलब्ध करा दें। -डॉ. संजय कुमार शैवाल, सीएमओ।
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