हिमाचल के 100 सरकारी स्कूल सीबीएसई से संबद्ध होंगे। प्रतीकात्मक फोटो
राज्य ब्यूरो, शिमला। Himachal CBSE Schools, हिमाचल प्रदेश के 100 सरकारी स्कूल केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड (सीबीएसई) से संबद्ध होंगे। राज्य मंत्रिमंडल की मंजूरी के बाद शिक्षा विभाग ने इन स्कूलों की सूची जारी कर दी है। हर जिला से स्कूलों का चयन किया गया है। स्कूलों में मूलभूत सुविधा के अनुसार इन स्कूलों को सीबीएसई के लिए प्रस्तावित किया गया है। विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें
शिक्षा विभाग की टीम दिल्ली गई थी। दिल्ली में केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड (सीबीएसई) के अधिकारियों के साथ बैठक हुई है। हिमाचल ने केंद्र से पहाड़ी राज्य के नाते नियमों में कुछ ढील देने की मांग की है।
अब सीबीएसई की टीम इन स्कूलों का निरीक्षण करेगी। निरीक्षण के दौरान मानकों पर जो स्कूल खरे पाए जाएंगे, उन्हें ही मान्यता दी जाएगी। सीबीएसई ने संबंद्धता के लिए आनलाइन पोर्टल भी खोल दिया है। विभाग ने संबंद्धता के लिए आवेदन की प्रक्रिया शुरू कर दी है।
सीएम सुक्खू ने 15 अगस्त को की थी घोषणा
मुख्यमंत्री ने 15 अगस्त के मौके पर 200 स्कूलों को सीबीएसई से संबद्ध करने की घोषणा की थी। पहले चरण में 100 स्कूलों को सीबीएसई से संबद्ध किया जाएगा।
मानक पूरे न हुए तो अन्य स्कूल होगा शामिल
सचिव शिक्षा विभाग राकेश कंवर की ओर से जारी पत्र में कहा है कि सूचीबद्ध किसी भी विद्यालय में सीबीएसई के मानक पूरे नहीं होते हैं तो निदेशक स्कूल शिक्षा विभाग को ऐसे विद्यालयों के स्थान पर मानक पूरे करने वाले अन्य विद्यालयों को शामिल करने की अनुमति दे सकेंगे। जहां एक ही स्थान पर अलग-अलग लड़कों और लड़कियों के स्कूल हैं, उन्हें सह शैक्षिक विद्यालय के रूप में सीबीएसई से संबद्ध करने का प्रस्ताव भी विचाराधीन है।
बिलासपुर, चंबा व हमीरपुर के ये स्कूल शामिल
बिलासपुर जिला में राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक पाठशाला बिलासपुर, घुमारवीं, हटवार, भराड़ी, तलाई और जुखाला स्कूल शामिल है। चंबा जिला में किलाड़, चवाड़ी, सिंहुता, चंबा, तीसा व किहार स्कूल सीबीएसई से संबंद्ध होगा। हमीरपुर जिला में सोहरी, भोरंज, खरवाड़, शहीद कैप्टन मृदुल शर्मा राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक पाठशाला हमीरपुर, नादौन, गलोड़, बाड़ा, धनेटा, अमलेहर, सुजानपुर व करोट को शामिल किया गया है।kaimoor-general,Kaimoor news,Child Development Office,Dilapidated building,Mohania news,CDPO vacancy,Government office condition,Basic amenities lacking,Staff shortage,Bihar government,Office infrastructure,Bihar news
कांगड़ा, किन्नौर, कुल्लू व लाहुल स्पीति के ये स्कूल
कांगड़ा जिला के कुनसाल, देहरा, ढलियारा, धर्मशाला, फतेहपुर, इंदौरा, जयसिंहपुर, अप्पर लंबा गांव, सलेटी, ज्वालामुखी, ज्वाली, नगरोटा सूरयां, न्यू कांगड़ा, नगरोटा बगवां, नूरपुर, पालमपुर, कनबारी, शाहपुर, भरवाणा को सीबीएसई बनाया गया है। किन्नौर जिला में रिकांगपिओ, भाबानगर, सांगला व कनम स्कूल शामिल किए गए हैं। कुल्लू जिला में आनी, बंजार, मनाली, कुल्लू और सराहन को शामिल किया गया है। इसी तरह लाहुल स्पीति में केलांग व काजा स्कूल सीबीएसई से संबंद्ध होंगे।
मंडी, सिरमौर, सोलन, ऊना व शिमला जिला के ये स्कूल बनेंगे सीबीएसई
मंडी जिला में भंगरोटू, मारही, पनारसा, जोगेंद्रनगर, करसोग, गोहर, मंडी, सरकाघाट, जंजैहली, सुंदरनगर स्कूल को सीबीएसई से संबंद्ध किया जाएगा। इसी तरह सिरमौर जिला में नाहन, राजगढ़, पौंटा साहिब, नाैराधार, शिलाई, कफोटा, सतौन स्कूल है। इसी तरह सोलन जिला में अर्की, कुनिहार, दाड़लाघाट, बद्दी, नालागढ़, धर्मपुर, सोलन, कंडाघाट, ममलीग स्कूल शामिल है। इसी तरह ऊना जिला में अंब, अंबोटा, हरोली, बदेहरा, दुलेहड़, बंगाणा, ऊना शामिल है। शिमला जिला में नेरवा, स्वरस्वती नगर, जुब्बल, गुम्मा, बल्दयां, कोटी, रामपुर, रोहडू, पोर्टमोर, छोटा शिमला, लालपानी, सुन्नी, घणाहट्टी व ठियोग स्कूल को सीबीएसई से संबंद्धता दिलाई जाएगी।
बनेगा अलग कैडर
इन स्कूलों में सीबीएसई का पाठ्यक्रम पढ़ाया जाएगा। इस व्यवस्था को लागू करने के लिए इन स्कूलों के लिए अलग सब-कैडर बनाया जाएगा। मौजूदा शिक्षकों को सीबीएसई सब-कैडर चुनने का विकल्प दिया जाएगा। प्रधानाचार्य, शिक्षक और गैर-शिक्षण कर्मचारियों का चयन योग्यता, अकादमिक उत्कृष्टता, सह पाठ्यक्रम गतिविधियों में योगदान और अन्य प्रासंगिक कारकों के आधार पर किया जाएगा।
यह होगा फायदा
- एचपी बोर्ड और सीबीएसई से संबद्ध स्कूलों के मध्य स्वस्थ प्रतिस्पर्धा को बढ़ावा मिलेगा।
- विद्यार्थियों और शिक्षकों को बेहतर प्रदर्शन के लिए प्रोत्साहन मिलेगा।
- सीबीएसई पाठ्यक्रम राष्ट्रीय स्तर पर मान्यता प्राप्त और प्रतिस्पर्धात्मक परीक्षाओं के संदर्भ में फायदा मिलेगा।
- उच्च शिक्षा और पेशेवर करियर के अवसर प्राप्त होंगे।
- सीबीएसई संबद्ध सरकारी स्कूल डे-बोर्डिंग संस्थानों के रूप में भी कार्य करेंगे।
- अकादमिक शिक्षा के अलावा प्रदेश सरकार विद्यार्थियों के पोषण, खेलकूद, कला, कौशल विकास, सुधारात्मक शिक्षण, परामर्श, करियर मार्गदर्शन और कोचिंग पर भी विशेष ध्यान दिया जाएगा।
यह भी पढ़ें- हिमाचल में CBSE स्कूलों के लिए बनेगा अलग सब कैडर, डे-बोर्डिंग संस्थान के रूप में चलेंगे, शिक्षकों को मिलेगा विकल्प
यह भी पढ़ें- CBSE को कैसे टक्कर देगा हिमाचल शिक्षा बोर्ड? अध्यक्ष डा. राजेश शर्मा ने बताया क्या होंगी चुनौतियां; कैसे पाएंगे पार |