नई दिल्ली। भारतीय शेयर बाजार में विदेशी निवेशक (FIIs Selling in Market) पिछले कुछ महीनों से लगातार बिकवाली करते आ रहे हैं। हालांकि, त्योहारी और अर्निंग सीजन में यह सिलसिला थमा है। सितंबर महीने में विदेशी संस्थागत निवेशकों (FIIs) ने अदाणी समूह (Adani Group Companies) की कई कंपनियों में अपनी हिस्सेदारी घटाई है। बीएसई में पर उपलब्ध शेयरहोल्डिंग पैटर्न के आंकड़ों के अनुसार, इस ग्रुप की 5 लिस्टेड कंपनियों के शेयरों में 7000 करोड़ रुपये से ज्यादा शेयर बेच दिए हैं। विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें  
 
अडानी एनर्जी सॉल्यूशंस के शेयरों में सबसे ज्यादा बिकवाली देखी गई, जहां विदेशी संस्थागत निवेशकों ने लगभग 2,927 करोड़ रुपये के शेयर बेच दिए। इसके साथ ही कंपनी में उनकी संयुक्त हिस्सेदारी दूसरी तिमाही में घटकर 13.1 प्रतिशत रह गई, जो पिछली तिमाही में 15.9 प्रतिशत थी।  
किस FIIs ने घटाई हिस्सेदारी  
 
अबू धाबी स्थित एनवेस्टकॉम होल्डिंग आरएससी, जिसके पास अदाणी एनर्जी सॉल्युशंस के पहले 3.22 करोड़ शेयर या 2.68 प्रतिशत शेयर थे, जिनकी कीमत लगभग 2,800 करोड़ रुपये थी, अब उसका नाम लेटेस्ट शेयरहोल्डिंग पैटर्न में नहीं है। हालांकि, यह अभी भी स्पष्ट नहीं है कि निवेशक पूरी तरह से बाहर निकल गया है।  
 
जीक्यूजी पार्टनर्स ने भी अदाणी एनर्जी सॉल्यूशंस में अपना निवेश कम कर दिया है और लगभग 460 करोड़ रुपये के शेयर बेचकर अपनी हिस्सेदारी पिछली तिमाही के 2.3 प्रतिशत से घटाकर 1.86 प्रतिशत कर ली है।  
 
अडानी पावर में दूसरा सबसे बड़ा एफआईआई विनिवेश हुआ, जहां विदेशी निवेशकों ने लगभग 2,580 करोड़ रुपये के शेयर बेचे। जीक्यूजी पार्टनर्स ने लगभग 660 करोड़ रुपये तो अन्य एफआईआई ने सामूहिक रूप से लगभग 1,900 करोड़ रुपये के शेयर बेचे।  
 
अंबुजा सीमेंट्स में एफआईआई ने लगभग 2,110 करोड़ रुपये मूल्य के शेयर बेचे, हालांकि दस्तावेज़ों में सेलर्स की पहचान नहीं हुई है।  
 
वहीं, अदाणी ग्रीन एनर्जी और अदाणी टोटल गैस में भी एफआईआई की मामूली निकासी हुई, जो क्रमशः 227 करोड़ रुपये और 87 करोड़ रुपये रही।  
 
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वहीं, दूसरी ओर अदाणी समूह की कुछ कंपनियों में विदेशी निवेश आया है। अदाणी एंटरप्राइजेज में 505 करोड़ रुपये का नया एफआईआई इन्वेस्टमेंट आया है, जबकि अदाणी पोर्ट्स एंड स्पेशल इकोनॉमिक ज़ोन और एसीसी लिमिटेड में क्रमशः 272 करोड़ रुपये और 132 करोड़ रुपये का निवेश आया।  
 
बता दें कि घरेलू म्यूचुअल फंड्स ने तिमाही के दौरान अधिकांश अदाणी शेयरों में अपनी स्थिति बनाए रखी, और होल्डिंग में थोड़ा बहुत बदलाव किया है।  
 
(डिस्क्लेमर: यहां शेयरों को लेकर दी गई जानकारी निवेश की राय नहीं है। चूंकि, स्टॉक मार्केट में निवेश बाजार जोखिमों के अधीन है इसलिए निवेश करने से पहले किसी सर्टिफाइड इन्वेस्टमेंट एडवाइजर से परामर्श जरूर करें।) |