सुप्रीम कोर्ट ने कहा- मेडिकल टेस्ट में अनुपस्थित रहने पर अयोग्य ठहराना न्यायसंगत नहीं है।
राज्य ब्यूरो, रांची। सुप्रीम कोर्ट ने झारखंड सिविल सेवा परीक्षा 2021 की एक उम्मीदवार को बड़ी राहत दी है।
अदालत ने अभ्यर्थी श्रेया कुमारी तिर्की के मेडिकल टेस्ट में अनुपस्थित रहने पर अयोग्य घोषित करने के झारखंड हाई कोर्ट के आदेश को निरस्त कर दिया है।
सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि मात्र मेडिकल टेस्ट में अनुपस्थित रहने से योग्य उम्मीदवार को बाहर करना न्यायसंगत नहीं है।
अदालत ने निर्देश दिया कि उम्मीदवार को एक बार मेडिकल टेस्ट का अवसर दिया जाए। यदि वह सफल रहती हैं तो उनके लिए एक अतिरिक्त पद सृजित किया जाए और उन्हें उसी चयन सूची में शामिल कर सेवा का लाभ दिया जाए। हालांकि, उन्हें बकाया वित्तीय लाभ नहीं मिलेगा। विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें
सुप्रीम कोर्ट की पीठ ने कहा कि मेडिकल परीक्षा केवल शारीरिक फिटनेस जांचने के लिए होती है। इसे उम्मीदवार की मेरिट से जोड़ना उचित नहीं है।
अदालत ने माना कि विज्ञापन में दी गई सूचना अस्पष्ट थी और अगले दिन मेडिकल टेस्ट की व्याख्या को लेकर भ्रम पैदा हो सकता था।
श्रेया कुमारी तिर्की ने झारखंड लोक सेवा आयोग (जेपीएससी) की संयुक्त सिविल सेवा परीक्षा 2021 में प्रारंभिक व मुख्य परीक्षा उत्तीर्ण की थी।साक्षात्कार और दस्तावेज सत्यापन में भी शामिल हुईं।
US-India trade relations,India tariff dispute,America India relations,US energy secretary Chris Wright,India Russia oil imports,India US energy partnership,Trump India tariff,Russia Ukraine war,Indian oil purchase,America tariff on India
मेडिकल परीक्षण की तिथि को लेकर भ्रम के कारण वह उपस्थित नहीं हो पाईं। इसके बाद आयोग ने उनकी उम्मीदवारी निरस्त कर दी।
इस निर्णय के खिलाफ उन्होंने झारखंड हाई कोर्ट में याचिका दाखिल की थी, लेकिन एकल पीठ और फिर खंडपीठ दोनों ने उनकी याचिका खारिज कर दी। इसके बाद उन्होंने सुप्रीम कोर्ट गईं।
जेपीएससी के चार पदों को आरक्षित रखने का निर्देश
झारखंड हाई कोर्ट के जस्टिस आनंद सेन की अदालत ने सरकार को जेपीएससी नियुक्ति 2023 के परिणाम लेकर दाखिल याचिका पर सुनवाई हुई। सुनवाई के बाद अदालत ने अगले आदेश तक चार पदों को सुरक्षित रखने का निर्देश दिया है।
इसको लेकर फैजान रजा की ओर से हाई कोर्ट में याचिका दाखिल की गई है। अदालत ने इस मामले में सरकार को जवाब दाखिल करने का निर्देश दिया है।
प्रार्थी ने जेपीएससी परीक्षा 2023 के परिणाम को चुनौती दी है। हाई कोर्ट ने इस मामले में इंडियन ओलंपिक एसोसिएशन और खेल मंत्रालय को भी प्रतिवादी बनाया है। प्रार्थी ने कहा है कि इस विज्ञापन में चार पद स्पोर्ट्स कोटा से भरा जाना था।
इस कोटे से एक भी नियुक्ति नहीं की गई है। इस नियुक्ति के लिए आवेदन फरवरी 2024 में लिए थे। डिप्टी कलेक्टर के 207 और डीएसपी के 35 पद सहित कुल 342 वैकेंसी थी।
भर्ती में उम्मीदवारों को उम्र में सात साल की छूट दी गई थी। रिक्त पदों में 155 पद अनारक्षित थे। जेपीएससी ने जुलाई महीने में ही परीक्षा का परिणाम जारी किया था। |