स्लीपर लेकर जा रही मालगाड़ी के इंजन का पहिया हुआ बेपटरी। फोटो : जागरण
जागरण संवाददाता, हापुड़। रेलवे ट्रैक के मरम्मत के लिए स्लीपर लेकर जा रही मालगाड़ी का इंजन का पहिया रेलवे स्टेशन के यार्ड में बेपटरी हो गया। लोको पायलट को इसकी जानकारी होते ही उन्होंने तत्काल आपातकालीन ब्रेक मार दिए। हालांकि, जिस समय इंजन का पहिया बेपटरी हुआ था, उस समय मालगाड़ी की गति काफी कम थी। इस कारण कोई बड़ा हादसा होने से बच गया। दूसरी ओर घटना रेलवे स्टेशन के यार्ड में होने के चलते ट्रेनों में कोई असर नहीं पड़ा। विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें
अधिकारियों में मचा हड़कंप
रेलवे स्टेशन के यार्ड से मालगाड़ी शुक्रवार की सुबह स्लीपर लेकर मेरठ-खुर्जा रेलवे लाइन की दिशा में जा रही थी। जैसे ही मालगाड़ी का इंजन लाइन बदलने के लिए आगे बढ़ा, उसका एक पहिया पटरी से अचानक उतर गया।
लोको पायलट ने तत्काल ट्रेन के आपातकालीन ब्रेक लगाकर इसकी सूचना रेलवे स्टेशन के अधिकारियों को दी। सूचना मिलते ही रेलवे के अधिकारियों में अफरा-तफरी का माहौल उत्पन्न हो गया।
तत्काल रेस्क्यू ऑपरेशन किया शुरू
कुछ ही देर में स्टेशन अधीक्षक अजब सिंह समेत रेलवे की इंजीनियर्स व तकनीकी टीम मौके पर पहुंच गईं। मौके पर पहुंचते ही टीम ने हालात का जायजा लेकर तत्काल रेस्क्यू कार्य शुरू कर दिया।
करीब एक घंटे की कड़ी मशक्कत के बाद इंजन का पहिया फिर से पटरी पर चढ़ाया गया। जिसके बाद रेलवे के अधिकारियों ने राहत की सांस ली। गनीमत रही कि यह हादसा रेलवे स्टेशन की मुख्य लाइन पर न होकर यार्ड में हुआ।
यदि यह हादसा मुख्य लाइन पर होता तो सुबह के समय मेरठ से लखनऊ और दिल्ली की ओर जाने वाली काफी ट्रेनों के संचालन पर असर पड़ता। ऐसे में यात्रियों को काफी परेशानियों का सामना करना पड़ सकता था।
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यार्ड की पटरी की स्थिति है खराब
सूत्रों के अनुसार रेलवे स्टेशन के यार्ड के पटरियों की स्थिति पिछले कई माह से खराब पड़ी हुई है। कर्मचारियों ने भी पटरी के नीचे की बैलास्टिंग और ज्वाइंट ढीले होने की शिकायत की थी। इसके बाद भी विभागीय अधिकारियों ने उनकी मरम्मत कराने में लापरवाही बरती। अब से पहले भी रेलवे यार्ड में ट्रेनें बेपटरी हो चुकी हैं। इसके बाद भी अधिकारी इस ओर ध्यान नहीं दे रहे हैं।
स्लीपर लेकर जा रही मालगाड़ी के इंजन का एक पहिया पटरी बदलने के दौरान बेपटरी हो गया था। टीम ने क्रेन की मदद से इंजन को पटरी पर कुछ समय बाद चढ़ा दिया था। इससे ट्रेनों के संचालन पर किसी प्रकार का प्रभाव नहीं पड़ा है। इंजन के बेपटरी होने के कारण की जांच शुरू करा दी गई है।
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