deltin51
Start Free Roulette 200Rs पहली जमा राशि आपको 477 रुपये देगी मुफ़्त बोनस प्राप्त करें,क्लिकtelegram:@deltin55com

SC और HC ने ठुकराई अग्रिम जमानत, दो जजों ने लगाई गिरफ्तारी पर रोक, HC ने कहा- न्यायिक अनुशासनहीनता

deltin33 2025-9-25 18:05:33 views 760

  सुप्रीम कोर्ट-हाई कोर्ट ने ठुकराई अग्रिम जमानत, दो जजों ने लगा दी गिरफ्तारी पर रोक





विनीत त्रिपाठी, नई दिल्ली। धोखाधड़ी के मामले में एक आरोपित निखिल जैन को दिल्ली हाई कोर्ट से सुप्रीम कोर्ट तक से राहत न मिलने के बावजूद दो न्यायाधीशों द्वारा उसकी गिरफ्तारी पर रोक लगाने का हैरान करने वाला मामला सामने आया है। इससे भी आश्चर्यजनक तथ्य यह है कि दोनों न्यायाधीशों ने हाई कोर्ट से अग्रिम जमानत व सुप्रीम कोर्ट से विशेष अनुमति याचिका (एसएलपी) खारिज होने की जानकारी होने के बावजूद यह आदेश पारित किया। पूरे प्रकरण को न्यायिक अनुशासनहीनता करार देते हुए दिल्ली हाई कोर्ट ने दोनों न्यायाधीशों के विरुद्ध कार्रवाई का आदेश दिया है। विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें


जानबूझकर गिरफ्तारी पर रोक लगाई



आरोपित की अग्रिम जमानत याचिका खारिज करते हुए न्यायमूर्ति गिरीश कठपालिया की पीठ ने यह न्यायिक अनुशासनहीनता का मामला लगता है क्योंकि रोहिणी स्थित न्यायिक मजिस्ट्रेट प्रथम श्रेणी-चार (उत्तर) और अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश-चार ने जानबूझकर आरोपित की गिरफ्तारी पर रोक लगा दी थी।

अदालत ने इस आदेश की प्रतियां दिल्ली हाई कोर्ट के रजिस्ट्रार जनरल व पुलिस आयुक्त को भेजने का निर्देश दिया। आरोपित पर भारतीय दंड संहिता की धारा-420 (धोखाधड़ी), 467 (जालसाजी), 468 (धोखाधड़ी के उद्देश्य से जालसाजी), 471 (जाली दस्तावेज़ों को असली के रूप में इस्तेमाल करना), 120बी (आपराधिक षड्यंत्र) और 34 (साझा आशय) के तहत 2023 में प्राथमिकी में हुई थी।



यह भी पढ़ें- दिल्ली HC ने NHAI की अधिसूचना को किया रद, क्लैट-पीजी के अंकों को सरकारी भर्ती में नहीं माना जा सकता
एसएलपी दाखिल की जो हो गई खारिज



याचिका के अनुसार आरोपित की दो अग्रिम जमानत याचिकाएं सत्र न्यायालय द्वारा खारिज कर दी गईं और इसके बाद हाई कोर्ट ने भी उसे फरवरी व मार्च-2024 में दो बार अग्रिम जमानत देने से इन्कार कर दिया था। दोनों अग्रिम जमानत याचिकाओं को खारिज करने के विरुद्ध आरोपित ने सुप्रीम कोर्ट में एसएलपी दाखिल की, जिसे खारिज कर दिया गया। इसके बावजूद भी अब तक आरोपित को गिरफ्तार नहीं किया गया है।


अभियुक्त को गिरफ्तार नहीं किया

almorah-general,Almorah news,Almorah Haldwani Highway,Traffic disruption Almorah,Landslide in Almorah,Kwarab Danger Zone,National Highway 109,Almorah travel,Road blockage Almorah,uttarakhand news

न्यायमूर्ति गिरीश कठपालिया की पीठ ने नोट किया कि सुप्रीम कोर्ट व हाई कोर्ट से राहत न मिलने के बावूजद भी मजिस्ट्रेट कोर्ट के साथ सत्र न्यायालय ने आरोपित को गिरफ्तारी से बचाने के आदेश पारित किए। अदालत ने पाया कि याचिकाएं खारिज होने के बावजूद भी जांच अधिकारी ने अभियुक्त को गिरफ्तार नहीं किया।

यह भी पढ़ें- सुप्रीम कोर्ट के आदेश से दिल्ली के इस इलाके की 750 इमारतों पर लटकी तलवार, खत्म होने वाले हैं स्टे ऑर्डर




एसएलपी खारिज का नहीं किया उल्लेख



पीठ ने कहा कि मामले में मजिस्ट्रेट और अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश से मामले पर सीलबंद लिफाफे में रिपोर्ट मांगी गई। अपने जवाब में मजिस्ट्रेट व सत्र न्यायाधीश ने कहा कि जांच अधिकारी या अभियोजन पक्ष ने अभियुक्त की अग्रिम जमानत या एसएलपी खारिज होने की जानकारी नहीं दी थी। अदालत ने कहा कि गैर-जमानती वारंट रद करने के लिए अभियुक्त के आवेदन में अग्रिम जमानत याचिकाओं व एसएलपी के खारिज होने का कोई उल्लेख नहीं था।


एजेंसी की भूमिका की भी जांच की

इस संबंध में बचाव पक्ष और अभियोजन ने कोई जानकारी नहीं दी। हालांकि, मजिस्ट्रेट ने भी इस बात पर ध्यान नहीं दिया कि एसएलपी का निपटारा कैसे किया गया था। ऐसे में यह नहीं माना जा सकता कि मजिस्ट्रेट या अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश को अभियुक्त की पहले की अग्रिम जमानत याचिकाओं या एसएपली के खारिज किए जाने की जानकारी नहीं थी। अदालत ने कहा कि मामले में तथ्यों को छुपाने वाले अभियोजन पक्ष व जांच एजेंसी की भूमिका की भी जांच की जानी चाहिए।



यह भी पढ़ें- दिल्ली HC का आदेश: तुगलकाबाद किला सहित ऐतिहासिक स्मारकों से अतिक्रमण हटाने का निर्देश
like (0)
deltin33administrator

Post a reply

loginto write comments

Explore interesting content

deltin33

He hasn't introduced himself yet.

210K

Threads

0

Posts

710K

Credits

administrator

Credits
71603