जागरण संवाददाता, पटना। विधानसभा चुनाव में अधिक से अधिक लोगों की सहभागिता सुनिश्चित करने के लिए निर्वाचन आयोग ने इस बार अनुपस्थित मतदाताओं का मतदान सुनिश्चित करने के लिए कई संशोधन किए हैं।
इसके तहत अब 85 वर्ष से अधिक उम्र के मतदाता, 40 प्रतिशत या उससे अधिक के दिव्यांग, कोविड-19 से प्रभावित लोग व अनिवार्य सेवा में लगे कर्मचारी डाक मतपत्र (प्रपत्र-12डी) से मतदान कर सकेंगे।
इसके इच्छुक मतदाताओं को निर्वाचन अधिसूचना जारी होने के पांच दिन के अंदर निर्वाची पदाधिकारी के पास प्रपत्र 12डी भरकर जमा करना होगा। जिला निर्वाचन पदाधिकारी सह जिलाधिकारी डॉ. त्यागराजन एसएम ने गुरुवार को विशेष मतदाता, सेवा मतदाता, निर्वाचन कार्य में प्रतिनियुक्त मतदाता व अनुपस्थित मतदाताओं के लिए डाक मतपत्र से मतदान की प्रक्रिया शुरू करने का निर्देश दिया है। विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें
उन्होंने सभी निर्वाची व सहायक निर्वाची पदाधिकारियों को निर्देश दिया है कि पात्र मतदाताओं के घर-घर जाकर प्रपत्र उपलब्ध करा निर्धारित समयसीमा में आवेदन प्राप्त कर लें। अनुपस्थित वर्ग में आने बावजूद यदि ये मतदाता चाहें तो डाक मतपत्र के बजाय खुद बूथ पर जाकर अपने मताधिकार का प्रयोग करने का विकल्प चुन सकते हैं। हालांकि, यदि उनके नाम से डाक मतपत्र जारी हो गया तो वे बूथ पर मतदान नहीं कर सकेंगे।
अनुपस्थित मतदाताओं की चार श्रेणियां
- अनुपस्थित मतदाता अनिवार्य सेवा एवीईएस -जो कर्मी मतदान के दिन निर्वाचन कार्य में लगे होते हैं।
- अनुपस्थित मतदाता वरिष्ठ नागरिक एवीएससी - 85 वर्ष अधिक का प्रमाण हो, अन्य प्रमाणपत्र जरूरी नहीं।
- अनुपस्थित मतदाता दिव्यांग एवीपीडी- दिव्यांगता प्रमाणपत्र संलग्न करना होगा।
- अनुपस्थित मतदाता कोविड-19 प्रभावित एवीसीओ- आवेदन के साथ क्वारंटीन होने का प्रमाणपत्र संलग्न करना होगा।
निर्वाचन आयोग द्वारा अधिसूचित अनिवार्य सेवा
विद्युत विभाग, बीएसएनएल, रेलवे, डाक एवं तार, दूरदर्शन, आकाशवाणी, काम्फेड, स्वास्थ्य, खाद्य निगम, परिवहन, अग्निशमन, यातायात, विमानन, एंबुलेंस सेवाएं व मतदान दिवस पर कवरेज में लगे अधिकृत मीडियाकर्मी शामिल हैं।
बीएलओ घर-घर जाकर करेंगे सत्यापन
डाक मतपत्र से मतदान करने के इच्छुक मतदाता अपने बीएलओ से संपर्क करेंगे और निर्धारित आवेदन प्रपत्र 12 डी प्राप्त करेंगे। बीएलओ वरिष्ठ व दिव्यांग मतदाताओं के घर जाकर प्रपत्र 12 डी उपलब्ध कराएंगे और उसकी पावती प्राप्त करेंगे।
इसके बाद निर्वाची पदाधिकारी को इन आवेदनों की जांच कर पात्र मतदाताओं को डाक मतपत्र जारी करेंगे। यदि प्रथम बार में मतदाता घर पर नहीं मिलते तो बीएलओ अपना मोबाइल नंबर देकर मतदाता से संपर्क कर पांच दिन में कभी भी आवेदन प्राप्त कर सकते हैं।
इनकी सूची मान्यता प्राप्त राजनीतिक दलों के प्रत्याशियों से साझा की जाएगी। मतदाताओं को मतदान की तिथि की पूर्व सूचना एसएमएस या बीएलओ के द्वारा दी जाएगी।
मतदान गोपनीयता सुनिश्चित करने के लिए प्रक्रिया की वीडियोग्राफी कराई जाएगी। मतदान दल की जिम्मेदारी होगी कि वे अनुपस्थित मतदाताओं का मतदान प्रक्रिया से अवगत व उसे सम्पन्न कराएं। डाक मतपत्र पर चिन्ह लगाने व मोड़ने की प्रक्रिया मतदाता को पूर्व में ही बता देनी है ताकि वोट के बाद उसे मतदान दल देख नहीं सके। |