Shardiya Navratri 2025: मां चंद्रघंटा को कैसे करें प्रसन्न।
धर्म डेस्क, नई दिल्ली। शारदीय नवरात्र (Shardiya Navratri 2025) की शुरुआत सोमवार 22 सितंबर से हुई थी। इस अवधि में मां दुर्गा के नौ भिन्न-भिन्न स्वरूपों की पूजा-अर्चना करने का विधा है। नवरात्र के तीसरे दिन मां चंद्रघंटा की पूजा की जाती है। इस बार शारदीय नवरात्र 10 दिनों तक चलने वाले हैं। ऐसे में मां चंद्रघंटा की पूजा 24 सितंबर को की जाएगी। आप इस दिन पर उनकी कृपा प्राप्ति के लिए कुछ खास उपाय कर सकते हैं। विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें
मां को प्रिय है यह रंग
मां चंद्रघंटा की पूजा के दौरान आप लाल या फिर पीले रंग के वस्त्र धारण कर सकते हैं। इसके साथ ही पूजा में भी माता चंद्रघंटा को लाल रंग के फूल और लाल चुनरी अर्पित करने चाहिए। ऐसा करने से साधक को देवी मां की विशेष कृपा की प्राप्ति होती है।
लगाएं ये भोग
मां चंद्रघंटा की पूजा में आप उन्हें खीर का भोग लगा सकते हैं। इससे माता की विशेष कृपा साधक को मिलती है। आप खीर में केसर का भी इस्तेमाल कर सकते हैं। इसके अलावा भोग के रूप में माता को लौंग, इलायची, पंचमेवा और दूध से बनी मिठाइयां भी अर्पित की जाती है। इससे देवी प्रसन्न होती है और साधक को सुख-समृद्धि का आशीर्वाद देती हैं।
करें इन चीजों का दान
शारदीय नवरात्र के तीसरे दिन आप मां चंद्रघंटा की कृपा के लिए किसी मंदिर में पीतल की घंटी का दान कर सकते हैं। इससे देवी प्रसन्न होती हैं और श्रद्धालुओं की मनोकामनाएं की पूर्ति करती हैं। इसके अलावा आप अपनी क्षमता के अनुसार, अनाज जैसे गेहूं या चावल और धन आदि का दान भी कर सकते हैं। इससे साधक को मां दुर्गा की कृपा प्राप्त होती है और सुख-समृद्धि का आशीर्वाद मिलता है।TVS Apache RR310 price,TVS Apache RTR310 price,GST rate cut,Indian motorcycle market,Apache RR310 new price,Apache RTR310 new price,motorcycle price reduction,TVS Apache discount,new GST rates,TVS Apache
करें ये उपाय
नवरात्र के तीसरे दिन मां चंद्रघंटा की के दौरान ॐ देवी चन्द्रघण्टायै नमः मंत्र का कम-से-कम 11 या फिर 21 बार जप करना चाहिए। ऐसा करने से देवी साधक की सभी मनोकामनाएं पूरी करती हैं।
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अस्वीकरण: इस लेख में बताए गए उपाय/लाभ/सलाह और कथन केवल सामान्य सूचना के लिए हैं। दैनिक जागरण तथा जागरण न्यू मीडिया यहां इस लेख फीचर में लिखी गई बातों का समर्थन नहीं करता है। इस लेख में निहित जानकारी विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/मान्यताओं/धर्मग्रंथों/दंतकथाओं से संग्रहित की गई हैं। पाठकों से अनुरोध है कि लेख को अंतिम सत्य अथवा दावा न मानें एवं अपने विवेक का उपयोग करें। दैनिक जागरण तथा जागरण न्यू मीडिया अंधविश्वास के खिलाफ है। |