युग की फोटो लेकर फांसी की सजा देने की मांग करते लोगों का फाइल फोटो।
जागरण संवाददाता, शिमला। Shimla Yug Murder Case, अतिरिक्त महाअधिवक्ता जितेन्द्र शर्मा ने कहा है युग मर्डर केस जो शिमला का सबसे बहुचर्चित मामला था। इस मामले में लोअर कोर्ट ने तेजिंद्र पाल, चंद कुमार शर्मा और विक्रांत बख्शी तीनों को सजा-ए-मौत दी हुई थी। जब निचली अदालत सजा-ए-मौत की सजा देती है तो उसकी कन्फर्मेशन हाई कोर्ट द्वारा की जाती है। विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें
उन्होंने कहा कि यह मामला 2018 से हाई कोर्ट में पेंडिंग था, इस मेटर पर हमने पूरी तत्परता के साथ कोर्ट में बहस की। हालांकि, अब इस मामले में कोर्ट ने तेजिंद्र पाल को इस आरोप से बरी कर दिया है, जबकि दोषी चन्द्र शर्मा और विक्रांत बख्शी की मौत की सजा को उम्रकैद में तब्दील कर दिया है। हम इस फैसले से बिल्कुल भी संतुष्ट नहीं हैं।
तीनों का रोल था बराबर
अतिरिक्त महाअधिवक्ता ने कहा कि इस केस में जो रोल चंद्र शर्मा और विक्रांत बख्शी का था, वहीं रोल तेजिंद्र पाल का भी था, ऐसे में तेजिंद्र पाल का बरी होने हमारे लिए भी हैरान करने वाला है। हम भी इस फैसले के खिलाफ अपना ओपिनियन देखेंगे।sambhal-city-general,Sambhal City news,quack doctor negligence,infant death Sambhal,negligence allegations,Sambhal police investigation,Rajauli village news,Gawan town protest,illegal clinic Sambhal,Uttar Pradesh health news,Imamuddin doctor,Uttar Pradesh news
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राज्य गृह विभाग और सरकार को भेजा जाएगा मामला
यह पूरा मामला इसके बाद राज्य के गृह विभाग को भेजा जाना है। इस फैसले के खिलाफ जल्द ही ऊपरी अदालत में जाएंगे। उन्होंने कहा कि तीनों की भूमिका बराबर की थी। पूरा केस तीनों के खिलाफ था। ये लोग घटना को अंजाम देने के बाद 48 घंटे तक सोये नहीं, राज्य सरकार इस फैसले से खुश नहीं है। तेजिंद्र पाल सिंह को बरी करने के फैसले को राज्य सरकार ऊपरी अदालत में चुनौती देगी। दो से तीन दिन में महाधिवक्ता कार्यालय से राय सरकार को भेजी जाएगी।
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