बाढ़ से अमदाबाद की दस हजार आबादी प्रभावित। फोटो जागरण  
 
  
 
  
 
 मनीष सिंह, अमदाबाद (कटिहार)। बाढ़ से प्रखंड के कई गांव के लोग अब भी प्रभावित है। जिससे लोगों को आवागमन की समस्या बनी हुई है। सरकारी सहायता के नाम पर मात्र एक नाव का परिचालन हो रहा है। शेष निजी नाव से ग्रामीण पैसे देकर आवागमन करने को विवश हो रहे है।  विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें  
 
साथ ही निजी नाव में सुरक्षा मानक का भी ख्याल नहीं रखा जाता है। जिससे लोगों को आवागमन में हमेशा दुर्घटना की आशंका बनी रहती है। बताते चलें कि इस वर्ष प्रखंड में चार माह से अधिक अवधि तक बाढ़ का प्रकोप बना रहा, जिससे लोगों का जनजीवन अस्त व्यस्त हो गया है।  
 
  
 
पर्व त्योहार के मौके पर भी घर से बाहर निकलना मुश्किल हो गया। बताया कि प्रखंड के लगभग दर्जनों गांव के दस हजार आबादी बाढ़ से प्रभावित है। कई गांव के लोग अपने दैनिक दिनचर्या के लिए भी नाव का ही सहारा ले रहे हैं।  
 
इन गांवों के ग्रामीण है सबसे अधिक प्रभावित: बताया कि दक्षिणी करीमुल्लापुर पंचायत, पारदियारा पंचायत के घेरा गांव, झब्बू टोला, सूबेदार टोला, कृति टोला सहित कई गांव में बाढ़ का पानी रहने से ग्रामीणों को काफी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। ग्रामीणों ने बताया कि बाढ़ आने बच्चों का पठन पाठन भी ठप हो गया है।  
 
  
 
वहीं दैनिक कार्यों के लिए भी नाव का ही सहारा लेना पड़ता है। बताया कि इन गांवो के ग्रामीण अभी भी घेरा गांव समीप से नाव से छोटा रघुनाथपुर तक पहुंचते हैं। उसके बाद प्रखंड मुख्यालय सहित अन्य स्थान तक जाते हैं।  
 
दूसरी ओर दुर्गापुर पंचायत के मोहन कुप्पी समीप से सड़क में एक दो स्थान पर अभी पानी बने रहने से लोगों का आवागमन बंद है। लोग महानंदा बांध होकर प्रखंड मुख्यालय तक आवागमन कर रहे हैं।  
 
  
क्या कहते हैं मुखिया  
 
पार दियारा पंचायत की मुखिया तमन्ना खातून में बताया कि उनके पंचायत के कई गांव के लोग अभी भी नाव से नगर पंचायत के छोटा रघुनाथपुर तक पहुंचते हैं। उसके बाद प्रखंड मुख्यालय तक लोग जाते हैं।  
 
मुखिया ने बताया की करीब दस हजार की आबादी अभी नाव से ही आवागमन करने को विवश हो रहे है। बताया कि सरकारी स्तर पर मात्र एक ही नाव का परिचालन हो रहा है। जिससे ग्रामीणों को आवागमन के लिए निजी नाव का सहारा लेना पड़ रहा है।  
 
  
क्या कहते हैं ग्रामीण  
 
वार्ड सदस्य रूपाली कुमारी, संजय मंडल, निरंजन सिंह ने बताया कि इस वर्ष बाढ़ का चार माह से अधिक समय तक रहा है। जिससे जन जीवन पूर्ण रूप से अस्त व्यस्त हो गया है। रोजी रोजगार भी प्रभावित हो गया है।  
 
पर्व त्योहार के समय पानी रहने से कई परिवारों को आर्थिक संकट का भी सामना करना पड़ रहा है। बताया कि अभी भी प्रखंड मुख्यालय जाने के लिए नाव का सहारा लेना पड़ता है। |