चुनावी रण में पिता-पुत्र का प्रेम बनाएगा राजनीति का नया समीकरण
कमल नयन, गयाजी। राजतंत्र की परिपाटी अब प्रजातंत्र की कमजोरी बनती जा रही है। राजनीति में अपने पुत्र को राजतिलक लगाने के लिए हर पिता कोई कसर छोड़ते नहीं। पहले पुत्र-पुत्री प्रेम फिर परिवार और तब पार्टी हित की बात सोची जाती है। विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें
गया जिले के ही बानगी ले लें। दस विधानसभा के इस जिले में आधे दर्जन से अधिक राजनीतिक के ओहदे पर बने सांसद, मंत्री, विधायक पहले अपने पुत्र और पुत्री को आने वाले चुनाव में कहीं न कहीं से स्थान दिलाने की जुगात लगाए हुए हैं।
केन्द्रीय मंत्री जीतन राम मांझी के बारे में सर्वविदित है कि उनकी हम पार्टी पारिवारिक पार्टी के रूप में जानी जाती है। उनके पुत्र मंत्री, पुत्रवधू विधायक और परिवार के अन्य सदस्य कुछ राजनीतिक ओहदे पर हैं। आने वाले चुनाव में केन्द्रीय मंत्री मांझी ने कुछ और सीट शेयर करने की इच्छा जाहिर की है। उसमें पार्टी के अंदर ही इस बात की चर्चा है कि पुत्र और पुत्री के लिए जगह बनाया जा रहा है।
गया जिले से दूसरे सांसद डॉ. सुरेन्द्र प्रसाद यादव जहानाबाद संसदीय क्षेत्र का प्रतिनिधित्व करते हैं, लेकिन आधे दर्जन से अधिक बार उन्होंने बेलागंज विधानसभा का प्रतिनिधित्व किया है।
जब वे सांसद बन गए तो बेलागंज में विधानसभा का उप चुनाव हुआ और उस उपचुनाव में राजद ने सांसद सुरेन्द्र यादव के पुत्र विश्वनाथ प्रसाद काे उम्मीदवार बनाया। चुनाव हुए। राजद उम्मीदवार विश्वनाथ जद यू के मनोरमा देवी से चुनाव हार गए।
गौरतलब है कि बेलागंज विधानसभा क्षेत्र में मनोरमा देवी चुनाव जीतने के बाद सामाजिक कार्यों में लगी और उनके पुत्र राकेश रंजन उर्फ राकी यादव उनके कार्यों में हाथ बटाने लगे। स्थानीय लोगों को यह लगने लगा कि राकेश रंजन राजनीति में भविष्य तलाश रहे हैं और इसका समर्थन मां मनोरमा देवी का भी है।munger-politics,Munger news,Bihar Assembly Election 2025,AIMIM Bihar,minority candidate,Munger election,Muslim voters Bihar,Bihar politics,All India Majlis-e-Ittehadul Muslimeen,Bihar election news,Munger political news, Bihar Politics,Bihar news
गयाजी शहरी विधानसभा क्षेत्र में 35 साल से विधायक एवं मंत्री के पद संभाले डा. प्रेम कुमार का पुत्र प्रेम अब प्रेम सागर की ओर है। सागर अपने पिता के साथ कई कार्यक्रमों में देखे जाते हैं। और उनके कार्य प्रणाली पर भी अपनी ठीकठाक विचार रखते हैं।
मंत्री डॉ. कुमार चाहते हैं कि उन्हें भी किसी क्षेत्र से स्थान मिले तो वे भी जन सेवा में लग जाएं। पड़ोस के वजीरगंज विधानसभा क्षेत्र से पूर्व विधायक कांग्रेस के अवधेश कुमार सिंह के पुत्र डॉ. शशि शेखर पिछले चुनाव में अपना किस्मत आजमा चुके हैं। आने वाले 2025 की चुनाव में उनकी तैयारी चल रही है।उनके पिता डा. सिंह का बरदहस्त जबरदस्त पुत्र के साथ है।
गुरुआ विधानसभा क्षेत्र से भाजपा के विधायक रहे सुरेन्द्र सिन्हा अब इस दुनियां में नहीं रहे, लेकिन उनके पुत्र पंकज नारायण दीपक आने वाले चुनाव में बीजेपी कार्यालय से संपर्क साधे हुए हैं। ये पिता-प्रेम में नहीं, बल्कि पिता के पदचिह्न पर चलने की बात कहते हैं।
बाराचट्टी से राजद की विधायक रही समता देवी खुद तो चुनाव लड़ने की पक्षधर हर बार रहती है। पर इस बार उनकी बेटी तनुश्री इमामगंज विधानसभा क्षेत्र से अपना किस्मत आजमाना चाहती है।
राजनीतिक लबोलबाव यह है कि सभी पार्टी में मंत्री सांसद और विधायक के रूप में रहे राजनीतिक धुरंधर अपने पुत्र प्रेम को सार्वजनिक नहीं करते लेकिन चाहते हैं।
नतीजा यह है कि पार्टी के अंदर ऐसे नेताओं का धीरे-धीरे खुन्नस बढ़ता दिखता है। हम पार्टी के एक नेता ने हाल ही में इंटरनेट मीडिया पर खुलकर पार्टी को एक ही परिवार का पोषक बता दिया। आने वाला दिन खुद तय करेगा कि पुत्र प्रेम कितना बढ़-चढ़कर बोला। |