संसदीय समिति ने की पेन-एंड-पेपर आधारित परीक्षा की सिफारिश (फाइल फोटो)
डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। शिक्षा, महिला, बच्चे, युवा और खेल मामलों की संसदीय समिति ने कहा है कि पिछले वर्ष नेशनल टेस्टिंग एजेंसी (एनटीए) के प्रदर्शन ने अधिक भरोसा नहीं जगाया। लिहाजा समिति ने सिफारिश की है कि प्रवेश परीक्षाओं को पेन-एंड-पेपर मोड में कराने पर अधिक ध्यान देना चाहिए, क्योंकि सीबीएसई बोर्ड और यूपीएससी परीक्षा जैसे कई माडल कई वर्षों से लीक-प्रूफ रहे हैं। विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें
कांग्रेस सांसद दिग्विजय सिंह की अगुआई वाली समिति ने अपनी रिपोर्ट में कहा कि अकेले 2024 में ही एनटीए की ओर से आयोजित 14 प्रतियोगी परीक्षाओं में से कम से कम पांच में बड़ी दिक्कतें आईं। नतीजतन तीन परीक्षाएं (यूजीसी-नेट, सीएसआइआर-नेट और नीट-पीजी) टालनी पड़ीं, एक परीक्षा यानी नीट-यूजी में पेपर लीक के मामले सामने आए और एक परीक्षा सीयूईटी (यूजी/पीजी) के नतीजे टालने पड़े।
कितने सवाल वापस लेने पडट
जनवरी, 2025 में आयोजित जेईई-मेन, 2025 में इंजीनियरिंग प्रवेश परीक्षा की फाइनल आंसर-की में गलतियों के कारण कम से कम 12 सवाल वापस लेने पड़े। समिति ने कहा कि ऐसे मामलों से परीक्षार्थियों का व्यवस्था में भरोसा कायम नहीं होता।
इसलिए सलाह दी जाती है कि एनटीए को जल्द अपना काम ठीक से करना चाहिए ताकि भविष्य में ऐसे मामले न हों। कंप्यूटर-आधारित टेस्ट (सीबीटी) के मामले में समिति ने सिफारिश की कि ये परीक्षाएं सिर्फ सरकारी या सरकारी नियंत्रण वाले केंद्रों पर ही आयोजित की जाएं, निजी केंद्रों पर नहीं।
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