कॉलेज के प्राचार्य डॉ. श्रीनिवास त्रिपाठी। फोटो जागरण
मो. खालिद, बेगूसराय। जिला में फिलहाल इकलौता मेडिकल कॉलेज राजकीय अयोध्या शिवकुमारी आयुर्वेद महाविद्यालय स्थापित है। यहां पर नए सेशन 2025-26 के नामांकन की प्रक्रिया अंतिम पड़ाव में है। यह दस दिसंबर को यह समाप्त हो जाएगा।
इस कॉलेज में विभाग द्वारा मात्र 38 सीटों के नामांकन को मंजूरी दी गई थी। इसमें 15 प्रतिशत कोटा केंद्र का था, परंतु, केंद्रीय स्तर की सीट रिक्त रह जाने के कारण विभाग ने उसे बिहार के कोटे में डाल दिया है। विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें
इसके लिए राज्य सरकार द्वारा बचे हुए 15 प्रतिशत सीटों पर नामांकन के लिए विज्ञापन निकाला जा चुका है। नामांकन की प्रक्रिया दस दिसंबर को पूर्ण कर ली जाएगी।
185 पदों के विरुद्ध मात्र 45 प्राध्यापक-कर्मी हैं तैनात
आयुर्वेद मेडिकल कॉलेज में प्राध्यापक, चिकित्सक एवं विभिन्न पदों के कर्मियों के कुल 185 पद स्वीकृत हैं। परंतु, धीरे-धीरे यह सारे पद लंबे समय से रिक्त रहने के कारण समाप्त होने के कगार पर पहुंच गए हैं।
फिलहाल कॉलेज में सभी पदों को मिलाकर मात्र 45 प्रोफेसर, सहायक प्राध्यापक, चिकित्सक, कर्मी आदि बच गए हैं, जिसके कारण इसकी मान्यता पर अब संकट गहराने लगा है।
केंद्रीय टीम जांच के उपरांत कई बार यहां की व्यवस्थाओं को सुधारने का निर्देश राज्य स्वास्थ्य विभाग को दे चुकी है। तात्कालिक व्यवस्थाओं के कारण इसे अब तक बीएएमएस के नए सत्र में एडमिशन की अनुमति मिलती रही है। परंतु, इस बार संकट बढ़ गया है।
नहीं हुई प्राध्यापकों की बहाली तो रद हो जाएगी मान्यता
कॉलेज के प्राचार्य डॉ. श्रीनिवास त्रिपाठी ने बताया कि बीपीएससी द्वारा अगस्त माह में ही सहायक प्राध्यापक के पदों पर भर्ती के लिए आवेदन की प्रक्रिया पूर्ण कर ली गई हैं। परंतु, अब तक बहाली को लेकर कोई पहल नहीं हो पाई है। हमारे पास फरवरी तक का समय है।
अगर फरवरी तक हम अपने कॉलेज में सहायक प्राध्यापकों के पद पर लेक्चरर की बहाली नहीं करते हैं, तो फिर कॉलेज की मान्यता रद हो जाएगी। उन्होंने बताया कि यहां पर प्रोफेसरों का कुल पद 14 है। इसमें से दस पद रिक्त हैं। इसी प्रकार रीडर का कुल पद भी 14 है, इसमें चार पद रिक्त हैं। जबकि सहायक प्राध्यापक का कुल पद 50 है, इसमें 38 पद रिक्त हैं।
नीट में उत्तीर्ण होकर द्वितीय चरण में लिया नामांकन
शनिवार को नामांकन कराने पहुंचे पटना जिला के होरिल बिगहा, दनियावां के ब्रिंद बल्लभ कुमार के पुत्र रोहित कुमार ने बताया कि वे 20 नंबर से पिछड़ गए थे। इस कारण उन्हें बीएएमएस में सीट मिल सका। अगर और 20 अंक आ जाता तो एमबीबीएस में एडमिशन लेता। अब यहां शिक्षकों की भारी कमी है। ऐसे में पढ़ाई को लेकर थोड़ी चिंता है। अब देखते हैं कैसे सब मैनेज होता है। |