काकादेव के हास्टल में फंदा लगाने वाले छात्र विजय सिंह का फाइल फोटो। स्वजन  
 
  
 
  
 
जागरण संवाददाता, कानपुर। छात्रों द्वारा आत्महत्या किए जाने की घटनाएं लगातार बढ़ती जा रही हैं। करीब 19 दिन पहले काकादेव के गर्ल्स हास्टल में बीएमआरआइटी की तैयारी कर रही छात्रा ने आत्महत्या की थी। उसके बाद बुधवार का आइआइटी के हास्टल में छात्र ने फंदा लगा जान दी थी। इन घटनाओं के बाद शुक्रवार को भी काकादेव के अंबेडकर नगर स्थित हास्टल में एसएससी के छात्र ने फंदा लगाकर जान दे दी। विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें  
 
पुलिस और फोरेंसिक टीम दरवाजे की कुंडी तोड़कर अंदर पहुंची और जांच पड़ताल कर शव फंदे से उतारा। कमरे से शायरी लिखा एक कागज व मोबाइल फोन मिला। मोबाइल में परिवार, रिश्तेदार समेत लोगों की 193 मिस्ड काल मिली। फोरेंसिक ने उसे कब्जे लिया है। चर्चा है कि छात्र ने किसी से वीडियो काल करते हुए फंदा लगाया है। हालांकि पुलिस इस बात से इन्कार कर रही है।  
 
  
 
कासगंज के सिकंदरपुर वैश्य सिनौरी खास निवासी ट्रक चालक राजेश कुमार के परिवार में पत्नी बताशा देवी, चार बेटे अजय सिंह, 20 वर्षीय विजय सिंह, संजय व रंजीत और बेटी पावर्ती थे। विजय काकादेव अंबेडकर नगर में जगदीश चंद्र सोनकर के हास्टल में रहकर एसएससी की तैयारी कर रहा था। शुक्रवार शाम हास्टल में रहने वाले अन्य छात्रों ने दूसरी मंजिल के कमरे के बाहर पहुंच विजय को आवाज लगाई, लेकिन अंदर से कोई प्रतिक्रिया नहीं हुई। अंदर से कुंडी लगी थी। कई आवाज लगाने के बाद भी उसके न बोलने पर हास्टल मालिक की पत्नी को बताया।  
 
  
 
इसके बाद उनका भतीजा रोहित सोनकर पहुंचा और काकादेव पुलिस को जानकारी दी। पुलिस और फोरेंसिक टीम ने वीडियोग्राफी करते हुए दरवाजे की कुंडी तोड़ी। अंदर पंखे पर अंगौछे के फंसे से उसका शव लटका हुआ था। रोहित ने बताया कि विजय के पुलिस के जरिए विजय के स्वजन को घटना की जानकारी दी गई। उसके अनुसार, फोरेंसिक जांच में एक कागज में कुछ शायरी व अन्य बातें लिखी थीं। देर रात स्वजन काकादेव थाने पहुंचे।  
 
  
 
विजय के चचेरे भाई पवन चौहान ने बताया कि उन्हें पुलिस ने बताया कि भाई के मोबाइल पर 193 मिस्ड काल मिली है। हास्टल के आसपास रहने वालों में चर्चा थी कि विजय के मोबाइल पर वीडियो काल भी हुई है। आशंका है कि उसने वीडियो काल कर आत्महत्या की है। हालांकि मामले में काकादेव थाना प्रभारी राजेश शर्मा ने बताया कि उन्हें इसकी जानकारी नहीं है। फोरेंसिक टीम ने जांच की है।  
15 दिन पहले ही आया था घर से  
 
पवन चौहान ने बताया कि चाची बताशा देवी का पेट में गांठ का आपरेशन हुआ था। इस पर विजय घर आया था। 15 दिन रुककर वह वापस हास्टल आ गया, जिस दिन लौटा था। उसी शाम उसने आत्महत्या कर दी। उसके मन में क्या चल रहा था। बिल्कुल भी अहसास नहीं हुआ। अगर कोई परेशानी थी तो एक बार बता देता। चाहे जो भी होता उसे हास्टल न आने देते।  
 
  
 
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