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Air Pollution: हवा पर करोड़ों रुपये खर्च, फिर भी नोएडा रेड जोन में बरकरार

cy520520 2025-12-2 17:38:01 views 418

  

सेक्टर-38 ए के पास छाया स्माग। जागरण



चेतना राठौर,जागरण, नोएडा। एनसीआर की बिगड़ी हवा को सुधारने के प्रयास हर साल विफल होते नजर आते हैं। लाखों का बजट भी प्रदूषण को नियंत्रण नहीं कर पा रहा है।

पिछले पांच सालों में शहर की हवा ग्रेप के चरणों में रेड जोन से बाहर नहीं निकल सकी। इसके तहत लगी पाबंदियां बेअसर साबित हुई। करोड़ों का बजट कागजों पर खर्च हुआ, लेकिन हवा की गुणवत्ता में कोई सुधार नहीं दिखा। विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

मंगलवार को प्रदूषण नियंत्रण दिवस है। दिन पर दिन शहर की हवा का स्तर बताता है कि प्रदूषण नियंत्रित करना चुनौती बना हुआ है। पिछले पांच साल के आंकड़ों के अनुसार, अक्टूबर से फरवरी तक शहरवासी जानलेवा हवा के बीच सांस लेने को मजबूर हैं।

इस वर्ष नोएडा स्वच्छ वायु सर्वेक्षण 2025 में कमाल करना तो दूर वर्तमान स्थिति पर भी स्थिर नहीं रह पाया। तीन से 10 लाख की आबादी वाले शहरों में नोएडा स्वच्छ वायु सर्वेक्षण में नौंवी रैंक पर रहा।

एनसीएपी (नेशनल क्लीन एयर प्रोग्राम) के तहत तीन वर्ष में मिले 55 करोड़ के बजट में से सात करोड़ ही खर्च कर हो सके। शहर में एयर क्वालिटी इंडेक्स (एक्यूआई), उद्योगों में ग्रीन एनर्जी के जागरूकता कार्यक्रमों का अभाव रहा।
दिखावे की जुर्माना कार्रवाई, मात्र तीन प्रतिशत की हुई वसूली

नौ साल में 28,00,24,375 करोड़ का लगाए जुर्माने की रिकवरी महज एक करोड़ की जा सकी है। यह जुर्माने की राशि का मात्र तीन प्रतिशत है। नाममात्र की रिकवरी प्राधिकरण और बोर्ड की लापरवाही को दिखा रही है। प्रदूषण को कम करने की सिर्फ कागजी कार्रवाई लोगों के लिए नुकसान पहुंचा रही है। वर्ष 2017 से 2025 तक 2161 प्रदूषण फैलाने वाली निर्माण साइट्स पर लगाया गया था।

वहीं, 2025 में जनवरी से नवंबर तक 120 निर्माण साइट्स पर 60,443,500 करोड़ का जुर्माना लगाया गया है। इस साल महज 10 प्रतिशत का भुगतान कर सकें हैं। ऐसे में जिम्मेदारों की कार्रवाई से लोगों को कोई फर्क नहीं पड़ रहा है। वर्ष 2025 में 60,443,500 जुर्माने में महज 64,475,00 लाख का वसूली की गई है। वहीं, 2017 से 2024 तक 84,00,731,25 की वसूली की गई है।
आंकड़ों से समझें

2020 वर्ष-एक्यूआई

जनवरी -304
फरवरी -243
अक्टूबर-267
नवंबर -330
दिसंबर-249

2021 वर्ष- एक्यूआई

अक्टूबर-182
नवंबर -370
दिसंबर-305
जनवरी -333
फरवरी -295

वर्ष 2022-एक्यूआई

जनवरी -242
फरवरी -192
अक्टूबर-203
नवंबर -290
दिसंबर-285

वर्ष 2023-एक्यूआई

जनवरी -278
फरवरी -200
अक्टूबर-202
नवंबर -334
दिसंबर-302

वर्ष 2024-एक्यूआई

जनवरी -306
फरवरी -196
अक्टूबर-206
नवंबर -284
दिसंबर-217
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