रुहेलखंड विश्वविद्यालय
जागरण संवाददाता, बरेली। रुहेलखंड विश्वविद्यालय की ओर से इन दिनों स्नातक और परास्नातक की मुख्य और बैक परीक्षाओं के फार्म भरवाए जा रहे हैं। इसमें अंतिम तिथि का सोमवार को विस्तारण किया गया, जिसमें विवि पर दोहरे मानक अपनाने के आरोप लगे हैं। अब संबद्ध कालेजों के छात्रों को परीक्षाफार्म भरने के लिए 500 रुपये विलंब शुल्क देना होगा। वहीं, विवि परिसर में संचालित पाठ्यक्रमों के परीक्षाफार्म भरने के लिए किसी प्रकार का विलंब शुल्क नहीं लगाया गया है। छात्रों में इस रवैये को लेकर नाराजगी है। विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें
परीक्षा नियंत्रक संजीव कुमार सिंह के मुताबिक, विवि परिसर में संचालित बीटेक, एमटेक, बीफार्मा, एमफार्मा, एमएससी, एमसीए, एमबीए, एमएड, एमए, होटल मैनेजमेंट, एमएसडब्ल्यू, बीएमएस और डिप्लोमा पाठ्यक्रम आदि के प्रथम सेमेस्टर की केवल बैक परीक्षा, तृतीय, पंचम, सप्तम सेमेस्टर सत्र 2025-26 की मुख्य परीक्षा के फार्म भरने की तिथि विस्तारित कर दी है।
इसमें संस्थागत, भूतपूर्व, बैक, सुधार और छूटी हुई प्रयोगात्मक परीक्षा के फार्म भरने की तिथि 30 नवंबर निर्धारित थी। इसे बढ़ाकर पांच दिसंबर कर दिया गया है। वहीं, विभाग छह दिसंबर तक आवेदन पत्र को आनलाइन सत्यापित कर सकेंगे।
कालेज पांच तक फार्म करेगा सत्यापित
परीक्षा नियंत्रक के अनुसार महाविद्यालयों की स्नातक के प्रथम सेमेस्टर (केवल बैक परीक्षा), तृतीय, पंचम, सप्तम और नवम सेमेस्टर के मुख्य-बैक परीक्षा और स्नातकोत्तर के प्रथम सेमेस्टर (केवल बैक परीक्षा), तृतीय सेमेस्टर की मुख्य-बैक परीक्षा फार्म भरने की अंतिम तिथि 16 नवंबर थी। इसे 500 रुपये विलंब शुल्क संग विस्तारित करते हुए चार दिसंबर कर दिया गया है।
वहीं, पांच दिसंबर तक कालेजों की ओर से अभ्यर्थियों के फार्म को आनलाइन सत्यापित किया जाएगा। प्राचार्य से कहा गया है कि आनलाइन परीक्षाफार्म नियमानुसार परीक्षण कर ही सत्यापित करें। इसके बाद ही विवि को आनलाइन फार्म अग्रसारित किया जाए। आवेदन पत्र की हार्डकापी विवि में व्यक्तिगत या डाक द्वारा जमा नहीं होंगी।
रुहेलखंड विश्वविद्यालय की ओर से दोहरा रवैया अपनाया जा रहा है। संबद्ध कालेज के छात्र भी विवि के अपने होते हैं। ऐसे में एक समान नियम लागू करने चाहिए। 500 रुपये विलंब शुल्क लगाना उचित नहीं है।
- आनंद कठेरिया, महानगर मंत्री, एबीवीपी
रुहेलखंड विश्वविद्यालय की ओर से परिसर और कालेजों के छात्रों के मध्य अंतर किया जाना गलत है। विलंब शुल्क नहीं लगाना चाहिए, विद्यार्थी कई कारणों से फार्म भरने से रह जाता हैं, जिसमें बीमार होने से लेकर आर्थिक वजह तक शामिल है।
- विक्रांत पाल, महानगर अध्यक्ष, सछास
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