जागरण संवाददाता, लखनऊ। ड्राइविंग लाइसेंस (डीएल) बनाने में सोमवार को एकाधिकार खत्म हो गया। तीन कंपनियों को शासन ने 25-25 जिले आवंटित किए थे, सभी ने संबंधित जिलों में कामकाज संभाल लिया है। लखनऊ में एआरटीओ कार्यालय में सुपरवाइजर का पद खत्म हो गया है। विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें
सिल्वर टच टेक्नोलाजीज लिमिटेड कंपनी ने दूसरे स्थानों से आए तीन निजी कर्मचारियों को कामकाज सौंपा है, जबकि चार को लौटाया गया है। परिवहन विभाग वाहन चालकों को स्मार्ट ड्राइविंग लाइसेंस जारी करता आ रहा है। 2019 में स्मार्ट चिप कंपनी को पांच साल के लिए यह जिम्मेदारी मिली थी।
कंपनी तय अवधि में डीएल आपूर्ति नहीं कर पाई। नियमानुसार एक सप्ताह में डीएल आवेदक के पते पर पहुंचना था। कभी चिप की कमी और कभी तकनीक में गड़बड़ी से हजारों डीएल महीनों बाद तक नहीं पहुंचाए जा सके थे। 2023 में एक समय तीन लाख ड्राइविंग लाइसेंस लंबित हो गए थे। |