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अरावली जंगल सफारी: शेर, बाघ और तेंदुए के लिए 200 एकड़ का बाड़ा, 10,000 एकड़ में बनेगा पार्क

Chikheang 2025-10-4 04:36:31 views 1122

  अरावली जंगल सफारी में शेर एवं तेंदुए के लिए होंगे 200-200 एकड़ के बाड़े





आदित्य राज, गुरुग्राम। अरावली जंगल सफारी पार्क में वन्यजीवों के बाड़े बनाने का खाका तैयार कर लिया गया है। शेर, बाघ एवं तेंदुए जैसे वन्यजीवों के लिए 200-200 एकड़ के बाड़े होंगे जबकि हिरण सहित अन्य वन्यजीवों के लिए 50 से लेकर 100 एकड़ के बाड़े बनाए जाएंगे। तेंदुए के बाड़े की दीवार की ऊंचाई 20 फीट होगी क्योंकि ताकि वह छलांग लगाकर बाहर न निकल सके। शेर एवं बाघ सहित अधिकतर वन्यजीवों के बाड़े की ऊंचाई आठ फीट होगी। विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें


पहले कम रखी गई थी जमीन

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की इच्छानुसार, प्रदेश सरकार ने अरावली पहाड़ी क्षेत्र में दुनिया का सबसे बड़ा जंगल सफारी पार्क बनाने की योजना तैयार की है। यह गुरुग्राम एवं नूंह जिले के अंतर्गत अरावली पहाड़ी क्षेत्र में 10 हजार एकड़ भूमि पर विकसित किया जाएगा। पहले चरण में ढाई हजार एकड़ पर काम होना है। कुल चार चरण में पार्क विकसित किया जाएगा। पहले 50 से लेकर 100 एकड़ तक के बाड़े बनाने की योजना थी।


जमीनी स्तर पर काम शुरू हो जाएगा

बताया जाता है कि केंद्रीय वन, पर्यावरण एवं जलवायु परिवर्तन मंत्री भूपेंद्र यादव के सुझाव दिया है कि शेर, बाघ एवं तेंदुए जैसे वन्यजीवों के लिए 200-200 एकड़ के बाड़े बनाए जाएं, इससे वे बेहतर तरीके से विचरण कर सकेंगे। एक बाड़े में चार से पांच वन्यजीव रखे जाएंगे। सुझाव के अनुसार डिजाइन तैयार करके सेंट्रल जू अथाॅरिटी को भेज दिया गया है। वहां से झंडी दिखाए जाने के साथ ही जमीनी स्तर पर काम शुरू हो जाएगा।


बाघ एवं हिरण के बाड़े बनाए जाएंगे

योजना के मुताबिक सबसे पहले शेर, बाघ एवं हिरण के बाड़े बनाए जाएंगे। इनके बाड़े बनाने के लिए अधिक ऊंचाई की दीवार बनाने की आवश्यकता नहीं पड़ती है क्योंकि ये छलांग लगाकर बाहर नहीं निकलते। इनमें से भी शेर का बाड़ा सबसे पहले बनाया जाएगा। प्रदेश सरकार की इच्छा है कि पार्क में अधिकतर प्रकार के वन्यजीवों के बाड़े हों ताकि देश-दुनिया के पर्यटकों के आकर्षण का केंद्र यह बन सके। बाड़े को पूरी तरह प्राकृतिक रूप दिया जाएगा ताकि वन्यजीवों को लगे कि वे अपने इलाके में ही हैं।


काम शुरू करने के लिए 500 कराेड़ की मांग

जंगल सफारी पार्क का काम शुरू करने के लिए प्रदेश सरकार ने केंद्र सरकार से फिलहाल 500 करोड़ रुपये की डिमांड की है। इतनी राशि से सबसे पहले शेर के लिए बाड़ा बनाने का काम शुरू हाेगा। इसके अलावा पार्क लिए आवश्यकत अन्य ढांचागत कार्य किए जाएंगे। आगे जैसे-जैसे कार्य करने की आवश्यकता होगी, पैसे की डिमांड की जाएगी। पार्क के भीतर ही वनतारा की तर्ज पर एक पशुओं का अस्पताल बनाया जाएगा ताकि उसमें वन्यजीवों का इलाज हो सके। अरावली के अन्य इलाकों में रह रहे वन्यजीव भी किसी कारण घायल होंगे तो उनका इलाज पार्क के अस्पताल में किया जाएगा।


पार्क में प्रवेश के लिए बनेंगे चार गेट

जंगल सफारी पार्क में प्रवेश के लिए चार गेट बनाए जाएंगे। दिल्ली-मुंबई एक्सप्रेसवे पर सोहना के नजदीक, तावडू-सोहना मार्ग पर, नौरंगपुर के नजदीक एवं सकतपुर गांव में गेट बनाया जाएगा। पार्क में कहीं भी विलायती बबूल नहीं दिखाई देंगे। सभी को हटाकर उसकी जगह स्थानीय वनस्पतियां विकसित की जाएंगी। विलायती बबूल को इस तरह हटाया जाएगा कि आगे से फिर न हो।


हर तरह के सुझाव आ रहे


“अरावली जंगल सफारी पार्क विकसित करने की दिशा में तेजी से प्रयास किए जा रहे हैं। सेंट्रल जू अथारिटी से डिजाइन फाइनल होते ही आगे की कार्यवाही तेज कर दी जाएगी। शेर, बाघ एवं तेंदुए के लिए पहले 100-100 एकड़ के बाड़े बनाने की योजना थी। अब 200-200 एकड़ के बाड़े बनाने की योजना है। पार्क को लेकर जहां से भी सुझाव आ रहे हैं, उनका अध्ययन किया जा रहा है। बेहतर सुझाव स्वीकार किए जा रहे हैं। देश ही नहीं दुनिया का बेहतर पार्क बने, यह प्रयास है।“



-डाॅ. सुभाष यादव, वन संरक्षक


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