प्रस्तुति के लिए इस्तेमाल की गई तस्वीर। (जागरण)
राज्य ब्यूरो, पटना। बिहार के प्रत्येक जिलों में निर्माण कार्यो में बालू की पर्याप्त उपलब्धता रहे और बालू का संकट न हो सरकार इसके लिए प्रयासरत है।
सरकार की तमाम कोशिशों के बाद भी प्रदेश के पांच जिले ऐसे हैं जहां बड़ी संख्या में बालू घाटों का बंदोबस्त नहीं हुआ है। अब सरकार ने सख्ती बरतते हुए वैसे जिले जहां घाटों का बंदोबस्त नहीं हुआ है उन जिलों में प्राथमिकता के आधार पर बंदोबस्त की पहल की है। विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें
खान एवं भू-तत्व विभाग के अनुसार प्रदेश के पांच जिले पूर्णिया, वैशाली, सारण, गोपालगंज के साथ ही सुपौल में बालू घाटों की बंदोबस्त की गति काफी धीमी है।
सरकार के स्तर पर बालू घाटों का प्रबंधन न होने की वजह से ऐसे घाटों पर बालू माफिया सक्रिय हो जाते हैं और अवैध तरीके से नदियों से बालू का व्यापक खनन करते हैं। माफिया की ऐसी गतिविधियों से सरकार को काफी राजस्व का नुकसान उठाना होता है।
अब विभाग के सचिव के स्तर पर एक समीक्षा बैठक में यह तथ्य सामने आने के बाद जिलों के खनिज विकास पदाधिकारियों को पांच जिलों के खनिज विकास पदाधिकारियों को अनीलामित घाटों की नीलामी के निर्देश दिए गए हैं।
अधिकारियों से कहा गया है कि वे इस कार्य को प्राथमिकता में करें और 15 दिनों के अंदर निविदा का प्रकाशन कर बालू घाटों की नीलामी कर दी जाए।
विभाग ने निर्देश में कहा है कि वैसे बालू घाट जिन्हें पर्यावरण स्वीकृति प्राप्त है पहले उनकी निविदा निकाल कर बंदोबस्त हो। जब तक यह कार्य नहीं हो रहा है घाटों की नियमित और सघन मॉनिटरिंग करें ताकि यहां से अवैध खनन न होने पाए। |