बिना रिफ्लेक्टर और खराब बैकलाइट के सड़कों पर फर्राटा भरते वाहन। जागरण
जागरण संवाददाता, नई दिल्ली। राजधानी में बढ़ते प्रदूषण व कोहरे के बीच सड़कों पर दौड़ते व्यावसायिक वाहन और ट्रैक्टर-ट्रालियां बड़े हादसों का कारण बन रहे हैं। परिवहन विभाग और दिल्ली यातायात पुलिस लगातार ऐसे वाहनों की चेकिंग कर चालान काटती है, लेकिन इसके बावजूद बैक लाइट और रिफ्लेक्टर न लगाने की प्रवृत्ति थमने का नाम नहीं ले रही। विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें
विशेषज्ञों के अनुसार कोहरे में दृश्यता कम होने के कारण पीछे से आने वाले वाहन इन गाड़ियों को देर से पहचानते हैं, जिस कारण उनसे टकराने की संभावना कई गुना बढ़ जाती है।
जानकारी के अनुसार, दिल्ली में इस वर्ष जनवरी से जुलाई तक बिना रिफ्लेक्टर के चलने वाले वाहनों के 8754 चालान काटे गए। चौंकाने वाली बात यह है कि इनमें से 8319 चालकों ने अब तक अपना चालान भी भरा ही नहीं है, जिससे इन नियम उल्लंघनकर्ताओं पर सख्ती की जरूरत है।
पुलिस अधिकारियों का कहना है कि कई चालक फिटनेस टेस्ट के बिना ही पुराने वाहन सड़क पर उतार देते हैं, जिनमें सही बैकलाइट, ब्रेक लाइट और रिफ्लेक्टर तक नहीं होता। ऐसे वाहनों की हालत कोहरे के मौसम में और खतरनाक हो जाती है।
आंकड़े दर्शाते गंभीरता
हादसों के आंकड़े भी स्थिति की गंभीरता को दर्शाते हैं। परिवहन विभाग के अनुसार, इस वर्ष अब तक 73 सड़क हादसों में बिना रिफ्लेक्टर वाले भारी वाहनों की वजह से 76 लोगों की मौत हो चुकी है। अधिकांश मामलों में घना कोहरा रात में सड़कों पर व्यावसायिक वाहनों की सख्या बढ़ती है।
ऐसे में पुलिसकर्मियों को निर्देश दिए गए हैं कि बिना फिटनेस, रिफ्लेक्टर व बैकलाइट के वाहन चलाने वालों पर कार्रवाई की जाए। कोहरा बढ़ने के साथ ऐसे वाहनों से हादसों का खतरा रहता है। विभाग ने कमर कस ली है और खासकर उन मार्गों पर पुलिसकर्मियो की तैनाती बढ़ा दी गई है, जहां अकसर ऐसे हादसे सामने आते है।
सत्यवीर कटारा, एडिशनल सीपी, यातायात और पीछे से आने वाले वाहनों को समय रहते पता न चल पाना मुख्य वजह है। कई हादसों में दोपहिया वाहन चालक और पैदल यात्री इनका शिकार बने हैं।
वरिष्ठ यातायात पुलिस अधिकारियों के अनुसार सर्दी बढ़ने के साथ कोहरा भी गहराएगा। ऐसे में इन वाहनों पर निगरानी और सख्ती तेज कर दी गई है। रात में वाहनों की विशेष चेकिंग की जा रही है और बैकलाइट या रिफ्लेक्टर न मिलने पर मौके पर चालान किया जा रहा है।
फिटनेस टेस्ट में अनियमितता मिलने पर भी वाहनों को सीज किया जा रहा है। वहीं नियम का पालन न करने वाले चालक व वाहन मालिक पर 10 हजार रुपये तक का जुर्माना लगाया जा सकता है।
बिना रिफ्लेक्टर धड़ल्ले से दौड़ रहे मालवाहक
कोहरे के बढ़ने के साथ ही ट्रैफिक विभाग की सख्ती अभी दिख नहीं रही है। इसके चलते दक्षिणी दिल्ली के सीमावर्ती इलाकों में बिना रिफ्लेक्टर मालवाहक धडल्ले से दौड़ते दिख रहे हैं। बुधवार को सरिता विहार से कालिंदी कुज जाने वाले मार्ग पर ऐसा ही नजारा दिखा, जहां बिना रिफ्लेक्टर व बैकलाइट के डंफर चलता मिला।
दूसरी ओर कालिंदी कुंज से मीठापुर जाने वाले मार्ग पर भी बिना रिफ्लेक्टर व बैकलाइट के ट्रक चलते मिले। इसके अलावा उत्तरी जिले के रिंग रोड और आउटर रिंग रोड पर भी बिना रिफ्लेक्टर व बैकलाइट के व्यावसायिक वाहन फर्राटा भरते दिखे। बाहरी दिल्ली के कई इलाको में बिना रिफ्लेक्टर व बैंक लाइट के कई मालवाहक वाहन सड़कों पर दौड़ते दिखे।
कई वाहनों के तो नंबर प्लेट पर नंबर तक साफ नहीं दिख रहे थे। बवाना, नरेला, कंझावला-रोहिणी मुख्य सड़क समेत अन्य जगहों पर ऐसे वाहन चल रहे हैं। वहीं, कई सड़कों पर ट्रैक्टरों के आवाजाही पर प्रतिबंध होने के बाद ट्रैक्टर चलते दिखे। कई कालोनियों में बिल्डिंग मेटेरियल लेकर जा रहे ट्रैक्टर-ट्रोली में रिफ्लेक्टर तो दूर बैक लाइट तक गायब थी। |