MBBS सीट आवंटन मुद्दे के आंदोलन में जम्मू बंद हो अंतिम विकल्प। फोटो जागरण
जागरण संवाददाता, जम्मू। वर्ष 2008 के श्री अमरनाथ भूमि आंदोलन में दो महीने से अधिक समय तक कारोबार बंद रखने वाले जम्मू के व्यापारी एमबीबीएस सीट आवंटन मुद्दे पर भी पूरी तरह तैयारी हैं। उनका मानना है कि बंद आंदोलन का अंतिम विकल्प होना चाहिए। विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें
श्री माता वैष्णो देवी संघर्ष समिति की अब तक हुई बैठकों में व्यापारिक संगठनों के प्रतिनिधियों ने स्पष्ट पक्ष रखते हुए कहा कि जब बात जम्मू की आएगी तो व्यापारी वर्ग पीछे नहीं हटेगा।
जम्मू की आस्था, सम्मान व आवाज को बुलंद करने के लिए व्यापारी संघर्ष समिति के साथ कंधे से कंधा मिलाकर चलेंगे, लेकिन जम्मू बंद से पहले सभी विकल्पों पर काम होना चाहिए, ताकि विवाद का तत्काल हल निकल सके। बता दें कि समिति में 60 से ज्यादा संगठनों का समर्थन जुड़ चुका है। जिला स्तर पर बैठकें लगातार हो रही हैं।
श्री माता वैष्णो देवी यूनिवर्सिटी के अधीन आने वाले मेडिकल कालेज में मुस्लिम समुदाय के छात्रों के दाखिले को गंभीरता से लेने के पक्षदार व्यापारिक संगठनों के अनुसार सरकार को श्री माता वैष्णो देवी यूनिवर्सिटी के संविधान में संशोधन करके विवाद का हल निकालना चाहिए।
व्यापारिक संगठनों के अनुसार श्री माता वैष्णो देवी देश-विदेश के करोड़ों हिंदुओं की आस्था का केंद्र है और यहां सनातन का पूरा आदर-सम्मान होना चाहिए। आज अगर मेडिकल कालेज में दाखिल हुए मुस्लिम छात्रों को किसी दूसरे कालेजों में भेज भी दिया जाता है तो इसका स्थायी समाधान नहीं होगा, लिहाजा यूनिवर्सिटी के संविधान में संशोधन ही इस समस्या का स्थायी समाधान है।
बंद किसी समस्या का समाधान नहीं है। सबसे पहले जम्मू के जन-प्रतिनिधियों को आगे आना चाहिए। इस मुद्दे पर चर्चा करनी चाहिए। लोगों की भावनाओं का सम्मान करना चाहिए। मेडिकल कालेज में दाखिले के मुद्दे पर सबको एक साथ बैठकर चर्चा करनी चाहिए और इसका स्थायी समाधान निकाला जाना चाहिए। -नीरज आनंद, प्रधान चैंबर आफ ट्रेडर्स फेडरेशन
बंद करने से सबका नुकसान ही होता है। यह एक चर्चा का विषय है कि आस्था व मेरिट में किस तरह संतुलन कायम रखा जा सकता है। इस मुद्दे का हल ढूंढने के लिए विस्तार से चर्चा करने की आवश्यकता है। हर तरह के विकल्प पर विचार किया जाना चाहिए। -राहुल सहाय, चेयरमैन इंडियन चैंबर आफ कामर्स
रोज-रोज की इन समस्याओं का एक ही समाधान है। या तो जम्मू को अलग राज्य बना दो, या फिर जम्मू के कालेजों में सिर्फ जम्मू के बच्चों को दाखिला दो। जम्मू संभाग में जो संभाग स्तरीय नौकरियां हो, उनमें सिर्फ इसी संभाग के उम्मीदवारों की नियुक्तियां हो। इसी तरह जिला स्तर पर संबंधित जिले के उम्मीदवार हो। -दीपक गुप्ता, प्रधान ट्रेडर्स फेडरेशन वेयर हाउस-नेहरू मार्केट |