deltin51
Start Free Roulette 200Rs पहली जमा राशि आपको 477 रुपये देगी मुफ़्त बोनस प्राप्त करें,क्लिकtelegram:@deltin55com

घाटे की वजह से नहीं कम हुई बिजली की दर, कस्टमरों के 18592 करोड़ सरप्लस निकलने से 13 % सस्ती हो सकती थी इलेक्ट्रिसिटी

deltin33 2025-11-27 04:06:47 views 504

  



राज्य ब्यूरो, लखनऊ। लगातार छठे वर्ष बिजली की दरें न बढ़ाकर प्रदेशवासियों को राहत जरूर दी गई है लेकिन विद्युत नियामक आयोग चाहता तो मौजूदा दरों में 13 प्रतिशत की कमी भी कर सकता था। मौजूदा वित्तीय वर्ष 2025-26 के टैरिफ में बिजली उपभोक्ताओं के 18,592 करोड़ रुपये सरप्लस को देखते हुए बिजली सस्ती करने की स्थिति बन रही थी लेकिन आयोग ने बिजली कंपनियों की खराब वित्तीय स्थिति को देखते हुए बिजली की दरों को न घटाने का निर्णय किया। विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

दरअसल, पावर कारपोरेशन प्रबंधन ने चालू वित्तीय वर्ष के लिए 1,10,933 करोड़ रुपये के एआरआर (वार्षिक राजस्व आवश्यकता) प्रस्ताव में वर्ष 2023–24 में 4378 करोड़ रुपये और वर्ष 2025–26 में 19,644 करोड़ रुपये का घाटा दिखाया था। घाटे की भरपाई के लिए औसतन 28 प्रतिशत बिजली की दरों में बढ़ोतरी प्रस्तावित करते हुए घरेलू दरों को 45 प्रतिशत बढ़ाने का प्रस्ताव दिया था। नियामक आयोग ने बिजली कंपनियों के प्रस्ताव को यथावत न मानते हुए 1,03,283 करोड़ रुपये एआरआर ही अनुमोदित किया।

बिजली की दरों में 13 प्रतिशत की हो सकती थी कमी

राज्य विद्युत उपभोक्ता परिषद के अध्यक्ष अवधेश वर्मा का कहना है कि एआरआर में लगभग 7,710 करोड़ रुपये की कमी से ही बिजली की दरों में 13 प्रतिशत की कमी हो सकती थी लेकिन आयोग ने दरों को न घटाते हुए टैरिफ आर्डर में कहा है कि बिजली कंपनियों की खराब वित्तीय स्थिति को देखते हुए चालू वित्तीय वर्ष में बिजली की दरों में कमी नहीं की।

वर्मा ने बताया कि वास्तव में इस वर्ष 18,592 करोड़ रुपये सरप्लस के साथ ही पहले का 33,122 करोड़ रुपये सरप्लस है। ऐसे में उन्होंने सरकार से मांग की है कि पावर कारपोरेशन को वित्तीय सहयोग देने की मांग करते हुए कहा कि बिजली की दरों में तत्काल 13 प्रतिशत की कमी लागू की जाए। परिषद अध्यक्ष ने कारपोरेशन प्रबंधन द्वारा आयोग में प्रस्तुत किए गए गलत आंकड़ों की जांच कराए जाने की भी मांग की है।

सरकार से निजीकरण के प्रस्ताव को खारिज करने की मांग करते हुए आरोप लगाया कि कारपोरेशन द्वारा तैयार किए गए निजीकरण संबंधी प्रस्ताव में जानबूझकर आंकड़ों में हेराफेरी की गई है।
like (0)
deltin33administrator

Post a reply

loginto write comments
deltin33

He hasn't introduced himself yet.

610K

Threads

0

Posts

1810K

Credits

administrator

Credits
182194