एनआईए की टीम ने किया था जासूसों को गिरफ्तार। (फाइल फोटो)
डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। भारत की समुद्री सुरक्षा से जुड़े विशाखापट्टनम नौसेना जासूसी मामले में एनआईए (राष्ट्रीय जांच एजेंसी) ने राजस्थान के दो आरोपितों को पांच साल 11 माह की सजा सुनाई है। दोनों इंटरनेट मीडिया के माध्यम से पाकिस्तान से आपरेट होने वाले जासूसी नेटवर्क के संपर्क में थे। दोनों नौसेना की यूनिटों में जहाजों के मूवमेंट, संवेदनशील स्थानों एवं अन्य जानकारियां जासूसी नेटवर्क तक पहुंचा रहे थे। विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें
इस मामले में अब तक 15 लोगों को गिरफ्तार किया गया है। इनमें से आठ को दोषी ठहराया जा चुका है, सात को लेकर जांच जारी है। राजस्थान में झुंझुनूं निवासी अशोक कुमार को मुंबई और अलवर के विकास कुमार को कर्नाटक से दिसंबर, 2019 में गिरफ्तार किया गया था। इस मामले में मंगलवार को फैसला सुनाते हुए पांच-पांच हजार रुपये का जुर्माना भी लगाया गया है।
कैसे खुला राज?
मामले का राजफाश तब हुआ था जब आंध्रप्रदेश पुलिस की काउंटर इंटेलिजेंस यूनिट ने आपरेशन डाल्फिन्स नोट के तहत भारतीय नेवी से जुड़े कुछ कर्मचारियों एवं अन्य लोगों द्वारा पाकिस्तानी जासूसों को महत्वपूर्ण जानकारी पहुंचाने का राजफाश किया था।
मामले की जांच एनआईए को सौंप दी गई थी। एनआईए की जांच में सामने आया था कि दोनों आरोपित पाकिस्तान से संचालित इंटरनेट मीडिया अकाउंट्स से निर्देश लेते थे और बदले में आर्थिक लाभ भी लेते थे। आरोपितों के खिलाफ एनआइए ने जून, 2020 में आरोप पत्र पेश किया था, जिसमें गैर कानूनी गतिविधियां रोकथाम अधिनियम की धारा 18 और अधिकारिक गोपनीय अधिनियम के तहत आरोप लगाए गए थे।
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