राज्य ब्यूरो, पटना। एक ओर प्रदेश में नई सरकार का शपथ ग्रहण और नीतीश कुमार की ताजपोशी भी हो गई। दूसरी ओर कांग्रेस में बड़ी पराजय के बाद भी विवाद थमने का नाम नहीं ले रहा। गुरुवार को सदाकत आश्रम में बागी नेता धरने पर बैठने वाले हैं। तो वहीं कांग्रेस भी बागी नेताओं पर कार्रवाई करने की तैयारी में है।
बिहार में टिकट बंटवारे में पार्टी के वरिष्ठ नेताओं, विधायकों के टिकट काटे जाने, बाहरी उम्मीदवारों को दावेदारी देने जैसे मुद्दों के खिलाफ कांग्रेस के बागी नेता धरना पर बैठेंगे। विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें
पार्टी के पूर्व प्रवक्ता और कांग्रेस रिसर्च विंग के अध्यक्ष आनंद माधव ने बयान जारी कर कहा कि बागी नेता ही कांग्रेस के सच्चे सिपाही हैं। पार्टी का प्रदेश नेतृत्व आज गलत हाथों में चला गया है।
उन्होंने कहा, पार्टी में आरएसएस-भाजपा के हाथों को मजबूत करने वाले लोग चला रहे हैं। जिसके विरोध में कांग्रेस के सच्चे सिपाही-कार्यकर्ता और राहुल गांधी के हाथों को मजबूत करने वाले नेता शांतिपूर्ण धरना देंगे। हमारी मांग है पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष और प्रभारी को हटाया जाए और इन पर सख्त कार्रवाई की जाए।
बागी नेताओं के तेवर के बीच कांग्रेस के प्रदेश नेतृत्व ने भी इन पर कार्रवाई की तैयारी कर रखी है। पूर्व में ही पार्टी ने तीन दर्जन से अधिक नेताओं को कारण बताओ नोटिस देकर 21 नवंबर तक जवाब देने की मोहलत दी है। यह मियाद शुक्रवार को पूरी हो रही है।
सूत्रों ने बताया कि पार्टी विरोधी गतिविधियों में शामिल होने के आरोप लगाकर बागी नेताओं को बाहर का रास्ता भी दिखाया जा सकता है। बहरहाल कांग्रेस फिलहाल दो फाड़ नजर आ रही है। शुक्रवार का दिन कांग्रेस के दोनों खेमे के लिए निर्णायक है।
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