मुर्शिदाबाद जाते समय ट्रेन में बगल वाली सीट पर बैठीं शिक्षका के अनुरोध पर राज्यपाल ने बदला अपना कार्यक्रम
राजीव कुमार झा, जागरण, कोलकाता। एसआइआर के डर से अवैध घुसपैठियों के वापस बांग्लादेश भागने की खबरों के बीच जमीनी हालात का जायजा लेने के लिए मंगलवार को बंगाल के सीमावर्ती मुर्शिदाबाद जिले के दौरे पर जाते समय राज्यपाल डॉ सीवी आनंद बोस ने ट्रेन में अपने बगल की सीट पर बैठीं एक महिला शिक्षका से बातचीत व उनके अनुरोध पर अपना कार्यक्रम बदल दिया। विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें
महिला शिक्षिका के अनुरोध पर राज्यपाल ने मुर्शिदाबाद के जियागंज में एसएन गर्ल्स हाईस्कूल का दौरा किया, जहां शिक्षिका काम करती हैं। राज्यपाल ने स्कूल के बच्चों और शिक्षकों के साथ खुलकर बात की।
अपने बीच अचानक राज्यपाल को पाकर बच्चों व शिक्षकों की खुशी का ठिकाना नहीं रहा। राज्यपाल ने स्कूल के विकास के लिए तत्काल 10 हजार रुपये की मदद भी दी। साथ ही स्कूल को और दो लाख रुपये देने का वादा किया।
हजारद्वारी एक्सप्रेस में यात्रा कर रही थीं शिक्षिका
अधिकारियों ने बताया कि राज्यपाल सोमवार को उत्तर 24 परगना जिले में भारत-बांग्लादेश सीमा का दौरा करने और उससे सटे नदिया जिले के कृष्णानगर में रात बिताने के बाद राणाघाट से मंगलवार सुबह हजारद्वारी एक्सप्रेस में सवार होकर मुर्शिदाबाद के लिए रवाना हुए थे।
उस ट्रेन में राज्यपाल के ठीक बगल वाली सीट पर जियागंज के सुरेंद्रनारायण गर्ल्स हाई स्कूल की शिक्षिका चंद्रानी हलदर बैठी थीं। बातचीत ट्रेन में सीट को लेकर शुरू हुई। थोड़ी देर की बातचीत में शिक्षिका ने अपने काम की जगह और स्कूल के हालात के बारे में बताया।
साथ ही राज्यपाल से अपने स्कूल आने का अनुरोध किया। इसके बाद राज्यपाल ने तुरंत उस स्कूल में जाने का फैसला किया। शिक्षिका ने तुरंत अपने स्कूल में साथियों को खबर भेजी। राज्यपाल के पहुंचने से पहले कुछ ही देर में स्कूल को सजा दिया गया।
राज्यपाल के स्कूल पहुंचने पर हुआ जोरदार स्वागत
राज्यपाल के पहुंचने पर शिक्षकों और विद्यार्थियों ने उनका जोरदार स्वागत किया। राज्यपाल ने स्कूल के छोटे बच्चों को चाकलेट दीं और उनका हौसला बढ़ाया। उसके बाद बोस ने स्कूल अधिकारियों को दस हजार रुपये का चेक दिया। सभी शिक्षकों व स्कूल प्रबंधन ने इस दौरे के लिए राज्यपाल का आभार जताया।
स्कूल की को-टीचर चंद्रानी ने कहा कि मैं कोलकाता स्टेशन से ट्रेन में चढ़ी थी। मुझे उनकी को-पैसेंजर बनने का मौका मिला। हम सभी राज्यपाल के सहयोग से बहुत प्रभावित हुए। शिक्षिका ने कहा कि राणाघाट स्टेशन पर ट्रेन में जब राज्यपाल सवार हुए तो उनके साथ मौजूद सुरक्षा अधिकारी व अन्य लोग मुझसे थोड़ी दूर बैठने को कह रहे थे।
तभी राज्यपाल ने कहा कि नहीं, नहीं, यह उनकी (शिक्षिका) सीट है। उसके बाद, मुझे पता चला कि राज्यपाल जियागंज जा रहे हैं। मैंने उनसे अनुरोध किया कि वह एक बार हमारे स्कूल आएं। स्कूल के बारे में पूछताछ करने के बाद, उन्होंने कहा कि वह आज ही उनके स्कूल जाएंगे। उस स्कूल का दौरा करने के बाद राज्यपाल जियागंज में म्यूजि़शियन अरिजीत सिंह की वर्कशाप में भी गए।
राज्यपाल ने भारत-बांग्लादेश सीमा पर हालात का लिया जायजा
वहां कुछ समय बिताने के बाद राज्यपाल मुर्शिदाबाद में भारत-बांग्लादेश सीमा पर बीएसएफ की एट्रोसिया सीमा चौकी पर गए। राज्यपाल ने अंतरराष्ट्रीय सीमा पर मौजूदा स्थिति का जायजा लिया।
राज्यपाल ने वहां बीएसएफ के वरिष्ठ अधिकारियों के साथ लंबी बातचीत भी की और सीमा की सुरक्षा सहित घुसपैठियों के वापस जाने के संबंध में जानकारी ली।
इसके बाद राज्यपाल ने सीमा क्षेत्र में रहने वाले स्थानीय लोगों से भी बात की। उन्होंने उनकी शिकायतों को ध्यान से सुना। सूत्रों ने कहा कि उत्तर 24 परगना और मुर्शिदाबाद में भारत-बांग्लादेश सीमा का दौरा करने के बाद अब राज्यपाल केंद्रीय गृह मंत्रालय को सीमा पर मौजूदा हालात के बारे में अपनी रिपोर्ट भेजेंगे।
मालूम हो कि राज्यपाल ने सोमवार को उत्तर 24 परगना जिले में हकीमपुर सीमा चौकी का दौरा किया था और स्थानीय लोगों से बातचीत कर वहां के जमीनी हालात का जायजा लिया था। |