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Pradosh Vrat 2025 Date: 04 या 05 अक्टूबर, कब है प्रदोष व्रत? नोट करें शुभ मुहूर्त और योग_deltin51

LHC0088 2025-10-2 19:36:40 views 1222

  Pradosh Vrat 2025 Date: प्रदोष व्रत का धार्मिक महत्व





धर्म डेस्क, नई दिल्ली। प्रत्येक माह के कृष्ण और शुक्ल पक्ष की त्रयोदशी तिथि देवों के देव महादेव को समर्पित है। इस शुभ अवसर पर भगवान शिव और मां पार्वती की भक्ति भाव से पूजा की जाती है। साथ ही शिव-शक्ति केनिमित्त व्रत रखा जाता है। इस व्रत को करने से साधक पर भगवान शिव और जगत देवी मां पार्वती की कृपा बरसती है। विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

  



प्रदोष व्रत का फल दिन के हिसाब से मिलता है। शनि प्रदोष व्रत करने से शनि की कुदृष्टि से मुक्ति मिलती है। साथ ही साधक को करियर और कारोबार में मनमुताबिक सफलता मिलती है। आइए, आश्विन माह के अंतिम प्रदोष व्रत की सही तिथि, शुभ मुहूर्त और योग जानते हैं-


प्रदोष व्रत शुभ मुहूर्त (Pradosh Vrat Shubh Muhurat)

वैदिक पंचांग के अनुसार, आश्विन माह के शुक्ल पक्ष की त्रयोदशी तिथि 04 अक्टूबर को शाम 05 बजकर 09 मिनट पर शुरू होगी। वहीं, 05 अक्टूबर को दोपहर 03 बजकर 03 मिनट पर त्रयोदशी तिथि का समापन होगा। त्रयोदशी तिथि पर प्रदोष काल में भगवान शिव और मां पार्वती की पूजा की जाती है। इसके लिए 04 अक्टूबर को प्रदोष व्रत मनाया जाएगा।agra-city-crime,drug mafia,Vijay Goel,PIT NDPS Act,Agra,narcotics task force,fake drugs,illegal trade,crime news,anti narcotics task force,Uttar Pradesh news   

आश्विन माह के अंतिम प्रदोष व्रत पर भगवान शिव की पूजा के लिए शुभ समय शाम 06 बजकर 03 मिनट से लेकर रात 08 बजकर 30 मिनट तक है। इस समय में साधक श्रद्धा भाव से शिव-शक्ति की पूजा कर सकते हैं।


शनि प्रदोष व्रत शुभ योग (Pradosh Vrat Shubh Yog)

आश्विन माह के शुक्ल पक्ष की त्रयोदशी तिथि पर द्विपुष्कर योग और शिववास योग का संयोग बन रहा है। इसके साथ ही प्रदोष व्रत पर शतभिषा योग का भी संयोग है। इन योग में भगवान शिव की पूजा करने से साधक की मनचाही मुराद पूरी होगी। साथ ही सुख और सौभाग्य में वृद्धि होगी।
पंचांग

  • सूर्योदय - सुबह 06 बजकर 16 मिनट पर
  • सूर्यास्त - शाम 06 बजकर 03 मिनट पर
  • चंद्रोदय- शाम 04 बजकर 21 मिनट तक
  • चंद्रास्त- सुबह 04 बजकर 03 मिनट तक
  • ब्रह्म मुहूर्त - सुबह 04 बजकर 38 मिनट से 05 बजकर 27 मिनट तक
  • विजय मुहूर्त - दोपहर 02 बजकर 08 मिनट से 02 बजकर 55 मिनट तक
  • गोधूलि मुहूर्त - शाम 06 बजकर 03 मिनट से 06 बजकर 28 मिनट तक
  • निशिता मुहूर्त - रात 11 बजकर 45 मिनट से 12 बजकर 34 मिनट तक


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अस्वीकरण: इस लेख में बताए गए उपाय/लाभ/सलाह और कथन केवल सामान्य सूचना के लिए हैं। दैनिक जागरण तथा जागरण न्यू मीडिया यहां इस लेख फीचर में लिखी गई बातों का समर्थन नहीं करता है। इस लेख में निहित जानकारी विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/मान्यताओं/धर्मग्रंथों/दंतकथाओं से संग्रहित की गई हैं। पाठकों से अनुरोध है कि लेख को अंतिम सत्य अथवा दावा न मानें एवं अपने विवेक का उपयोग करें। दैनिक जागरण तथा जागरण न्यू मीडिया अंधविश्वास के खिलाफ है।

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