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स्लो पॉइजन से कम नहीं है मोमोज, रोज खाने की आदत से हो सकती हैं 4 खतरनाक बीमारियां

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रोज मोमो खाने की आदत बना देगी बीमार (Picture Courtesy: Freepik)



लाइफस्टाइल डेस्क, नई दिल्ली। सड़क किनारे लगी मोमोज की स्टॉल से उठती भाप और मसालेदार खुशबू किसे आकर्षित नहीं करती? यह छोटा-सा, सस्ता और स्वादिष्ट नेपाली स्नैक अब भारत के शहरी इलाकों का एक अभिन्न हिस्सा बन चुका है। मोमोज की स्टॉल के आगे आपको रोजाना लोगों की भीड़ देखने को मिल जाएगी।  विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

ऐसे में कई लोग मोमोज के इतने दीवाने होते हैं कि वे लगभग रोज ही मोमोज खाते हैं। लेकिन रोज मोमोज खाने की आदत आपकी सेहत को कैसे प्रभावित करती है? इसका जवाब जानकर आप चौंक जाएंगे। आइए जानें रोज मोमोज खाने से शरीर पर कैसा असर (Momos Side Effects) पड़ता है।  
पेट की परेशानी और पोषण की कमी

मोमोज की बाहरी लेयर ज्यादातर मैदा से बना होता है, जिसमें फाइबर की मात्रा न के बराबर होती है। फाइबर हमारे पाचन तंत्र के लिए एक झाड़ू का काम करता है। इसकी कमी से खाना आंतों में धीरे-धीरे चलता है, जिसके कारण कब्ज, अपच और पेट फूलने की शिकायत हो सकती है।  

साथ ही, मोमोज का मुख्य घटक कार्बोहाइड्रेट है, लेकिन इसमें जरूरी विटामिन, मिनरल्स और प्रोटीन बिल्कुल नहीं होते। इसलिए रोजाना मोमोज खाने का मतलब है कैलोरी तो भरपूर मिल रही हैं, लेकिन शरीर को जरूरी पोषक तत्व नहीं मिल पा रहे, जिससे पोषण का असंतुलन पैदा हो सकता है।

इसके साथ ही, मोमोज के साथ परोसे जाने वाली चटनी भी एक बड़ी चिंता का विषय है। यह चटनी अक्सर नमक और अनहेल्दी फैट्स से भरपूर होती है। ज्यादा सोडियम शरीर में पानी जमा करने लगता है और पाचन तंत्र पर दबाव डाल सकता है, साथ ही इससे ब्लड प्रेशर भी बढ़ सकता है।

  
मोटापा और गंभीर बीमारियों का खतरा

अगर रोजाना मोमोज खाने की आदत लंबे समय तक जारी रही, तो इसके नतीजे और भी गंभीर हो सकते हैं।

  • वजन बढ़ना- मोमोज में खाली कैलोरी होती है, यानी ऐसी कैलोरी जो पोषण नहीं देती। रोजाना एक्स्ट्रा कैलोरी का इनटेक, चाहे वह एक छोटी सर्विंग से ही क्यों न हो, धीरे-धीरे वजन बढ़ाने का कारण बन सकता है।
  • ब्लड शुगर में उतार-चढ़ाव- मैदा एक रिफाइंड कार्बोहाइड्रेट है जो शरीर में तेजी से टूटकर शुगर में बदल जाता है। इससे ब्लड शुगर का स्तर अचानक बढ़ जाता है और फिर तेजी से गिरता है। समय के साथ, यह लगातार उतार-चढ़ाव शरीर की इंसुलिन सेंसिटिविटी को कम कर सकता है, जिससे टाइप-2 डायबिटीज का खतरा बढ़ जाता है।
  • दिल के स्वास्थ्य पर दबाव- अगर मोमोज तले हुए हैं या उनके फिलिंग में ट्रांस फैट का इस्तेमाल हुआ है, तो यह शरीर में खराब कोलेस्ट्रॉल के स्तर को बढ़ा सकते हैं। हाई सोडियम वाली चटनी के साथ मिलकर यह हाई ब्लड प्रेशर और खराब कोलेस्ट्रॉल को बढ़ावा दे सकता है, जो दिल की बीमारियों का अहम कारण है।
  • एसिडिटी और पाचन संबंधी समस्याएं- मैदा और मसालेदार चटनी के कारण पेट में एसिडिटी और सीने में जलन की समस्या को बार-बार पैदा कर सकता है।

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Disclaimer: लेख में उल्लिखित सलाह और सुझाव सिर्फ सामान्य सूचना के उद्देश्य के लिए हैं और इन्हें पेशेवर चिकित्सा सलाह के रूप में नहीं लिया जाना चाहिए। कोई भी सवाल या परेशानी हो तो हमेशा अपने डॉक्टर से सलाह लें।
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