3डी कंक्रीट प्रिंटेड ग्रामीण आवास का उद्घाटन करते केंद्रीय ग्रामीण विकास एवं संचार राज्य मंत्री डा. चंद्रशेखर पेम्मासानी। साभार-संस्थान
जागरण संवाददाता, रुड़की। केंद्रीय ग्रामीण विकास एवं संचार राज्य मंत्री डा. चंद्रशेखर पेम्मासानी ने केंद्रीय भवन अनुसंधान संस्थान (सीबीआरआइ) रुड़की में प्रधानमंत्री आवास योजना–ग्रामीण (पीएमएवाई-जी) के तहत देश के प्रथम थ्रीडी कंक्रीट प्रिंटेड ग्रामीण आवास का उद्घाटन किया। उन्होंने कहा कि पीएमएवाई-जी के तहत थ्रीडी कंक्रीट प्रिंटेड ग्रामीण घर सरकार के “विकसित भारत @ 2047” के दृष्टिकोण की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है। विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें
बुधवार को केंद्रीय ग्रामीण विकास एवं संचार राज्य मंत्री डा. चंद्रशेखर पेम्मासानी ने सीबीआरआइ रुड़की का दौरा किया। उन्होंने थ्रीडी कंक्रीट प्रिंटेड ग्रामीण आवास का उद्घाटन करते हुए कहा कि नवाचार और प्रतिबद्धता के साथ हम ग्रामीण आवास को सपने से हकीकत में बदल रहे हैं।
आज का थ्रीडी प्रिंटेड घर विकसित भारत का प्रतीक है। साथ ही, भारत की ग्रामीण आवास यात्रा में एक महत्वपूर्ण मील का पत्थर है। जो प्रत्येक ग्रामीण परिवार के लिए सुरक्षित, किफायती और लचीले घर उपलब्ध कराने की सरकार की प्रतिबद्धता को दर्शाता है।
डा. पेम्मासानी ने ग्रामीण आवास और स्वच्छता के लिए नवाचारी, किफायती व आपदा-प्रतिरोधी समाधान विकसित करने में सीएसआइआर-सीबीआरआइ की भूमिका को रेखांकित किया।
उन्होंने संस्थान के योगदानों को उजागर किया। जैसे कि ग्रामीण आवास प्रकारों का पहल संकलन, जो अब 250 से अधिक आपदा-प्रतिरोधी आवास प्रकारों का डिजिटल भंडार बन गया है।
दो-पिट पोर-फ्लश शौचालय तकनीक को स्वच्छ भारत मिशन के तहत पांच करोड़ से अधिक ग्रामीण परिवारों में लागू किया गया है। उन्होंने नान-इराडिबल मड प्लास्टर और अन्य कम-लागत उपायों का भी उल्लेख किया। उन्होंने सीबीआरआइ में पूर्ण-स्तरीय भूकंप और अग्नि परीक्षण सुविधाओं की सराहना की।begusarai-general,electrocution death,mother son electrocuted,begusarai news,bihar accident,navratri tragedy,electric shock death,village mourning,accident news india,power line accident,Bihar news
इसके बाद उन्होंने डा. बिलिंग्स प्रदर्शनी गैलरी का दौरा किया। जहां उन्होंने प्रधान विज्ञानी डा. चंदन स्वरूप मीणा द्वारा विकसित सौर एयर कंडीशनर और जल हीटर प्रौद्योगिकी का निरीक्षण किया। यह नवाचार ऊर्जा-कुशल हीटिंग और स्पेस कंडीशनिंग समाधान देती है। जो स्वच्छ ऊर्जा को बढ़ावा देने के साथ-साथ कार्बन उत्सर्जन को कम करता है।
इसके अलावा उन्होंने राष्ट्रीय भूकंप अभियांत्रिकी परीक्षण सुविधा, फायर रिसर्च टेस्ट सुविधा, कंस्ट्रक्शन टेक्नोलाजी डेमोंस्ट्रेशन पार्क का भी दौरा किया। उन्होंने संस्थान के लान में “सिंदूर” का पौधा रोपित किया। इसके अलावा ग्रामीण आवास संकलन “रुद्राक्ष” का विमोचन किया।
सीबीआरआइ रुड़की के निदेशक प्रो. आर प्रदीप कुमार ने संस्थान के ग्रामीण विकास और भवन विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी में नवाचारों में महत्वपूर्ण योगदान के बारे में बताया। कार्यक्रम का संचालन मुख्य विज्ञानी प्रो. एसके सिंह ने किया। इस मौके पर मुख्य विज्ञानी डा. अजय चौरसिया, डा. डीपी कानूनगो, डा. एसके पाणिग्राही, डा. चंचल सोनकर, आशीष कपूर, आशीष पिप्पल आदि उपस्थित रहे।
सरल और किफायती लेआउट वाले ग्रामीण परिवारों के लिए डिजाइन
रुड़की: \“ग्रामीण घर\“ का अर्थ पीएमएवाई-जी के तहत निर्मित घर है। जिसे योजना के मानदंडों के अनुसार सरल और किफायती लेआउट वाले ग्रामीण परिवारों के लिए डिजाइन किया गया है। इसकी लागत लगभग 1.8 लाख रुपये है और क्षेत्र 25 वर्गमीटर है। संस्थान से मिली जानकारी के अनुसार भारत में पहले 3डी प्रिंटेड घर का उद्घाटन 2021 में आइआइटी मद्रास में हुआ था, लेकिन वह एक शहरी प्रोटोटाइप था।
वहीं, सीबीआरआइ रुड़की ने भारत का पहला 3डी प्रिंटेड पीएमएवाई-जी ग्रामीण घर विकसित किया है। जिसमें फ्लाई ऐश और खोई की राख जैसे कृषि-औद्योगिक कचरे के साथ टिकाऊ मिश्रण का उपयोग किया गया है। यह पहली बार है जब 3डी प्रिंटिंग का सीधे ग्रामीण आवास निर्माण में उपयोग किया जा रहा है। जिसमें गति, सामर्थ्य और हरित सामग्रियों को गांवों में व्यापक उपयोग के लिए संयोजित किया गया है।
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